नई दिल्ली/लखनऊ,: उत्तर प्रदेश की योगी सरकार कानून व्यवस्था को लेकर सख्ती बनाए हुए दूसरी बार मुख्यमंत्री पद को संभालने के बाद सीएम योगी ने अफसरों को विशेष रूप से कानून व्यवस्था पर पूरा फोकस रखने को कहा है. हालांकि इसके बाद भी दिल्ली एनसीआर में आने वाले गाजियाबाद जिले में अपराध कम होने का नाम नहीं ले रहे हैं. जिसके चलते जल्द ही मेरठ और गाजियाबाद समेत 4 जिलों में कमिश्नरेट प्रणाली लागू करने की तैयारी की जा रही है.
इन चार जिलों में लागू हो सकती है पुलिस कमिश्नरेट व्यवस्था
पुलिस सूत्रों के अनुसार हाल ही में लखनऊ मुख्यालय में हुई बैठक में अपराध पर काबू पाने पर चर्चा हुई है. चर्चा के दौरान कुछ जिलों में पुलिस कमिश्नर प्रणाली लागू करने पर भी बात हुई है. गाजियाबाद के अलावा पश्चिमी उत्तर प्रदेश दो और जिलों पर कमिश्नर प्रणाली लागू करने की संभावना है. ये जिले मेरठ और आगरा हो सकते हैं. इसके अलावा प्रयागराज को भी कमिश्नरी बनाने की बात बैठक में हुई है. सूत्रों के मुताबिक उत्तर प्रदेश का गृह विभाग इसकी तैयारियों में जुटा हुआ है. बता दें कि, उत्तर प्रदेश के 4 जिलों में पुलिस कमिश्नर व्यवस्था पहले से लागू है. जिनमें लखनऊ, वाराणसी, गौतमबुद्ध नगर और कानपुर शामिल हैं.
जानिए क्या है पुलिस कमिश्नरी सिस्टम?
आजादी से पहले भारत में अंग्रेजों ने बॉम्बे, कलकत्ता और मद्रास में पुलिस कमिश्नरी सिस्टम लागू किया हुआ था. उस वक्त सारी न्यायिक शक्तियां पुलिस कमिश्नर के पास होती थी. पुलिस कमिश्नरी सिस्टम पुलिस प्रणाली अधिनियम, 1861 पर आधारित है.
देश आजाद होने के बाद यह प्रणाली वक्त के साथ-साथ दूसरे महानगरों में भी लागू की गई. यही वजह है कि अब भारत के कई महानगरों में यह प्रणाली लागू है. पुलिस कमिश्नरेट व्यवस्था लागू होने पर जिले के कमिश्नर के अधिकार बढ़ जाते हैं.
इस व्यवस्था में पुलिस को कई बड़े मामलों में डीएम के आदेश का इंतजार नहीं करना पड़ता है, क्योंकि डीएम के कई अधिकार पुलिस कमिश्नर को मिल जाते हैं और फैसला ले सकते हैं. इस प्रणाली में पुलिस खुद ही किसी भी हालात में कानून व्यवस्था से जुड़े सभी फैसले ले सकती है. आजादी से पहले बॉम्बे, कलकत्ता और मद्रास में पुलिस कमिश्नरेट व्यवस्था ही लागू थी.