वहीं सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर योगेंद्र यादव ने ट्वीट किया है. उन्होंने लिखा कि देर है, मगर अंधेर नहीं, कम से कम इस केस में. शुक्रिया प्रशांत भूषण और दुष्यंत दवे जी. बता दें कि इलाहाबाद उच्च न्यायालय की एकल पीठ ने 10 फरवरी को आशीष मिश्रा को जमानत दे दी थी. इससे पहले वह चार महीने तक हिरासत में रहा था. किसानों ने आशीष मिश्रा को जमानत दिए जाने का विरोध किया था. वह सुप्रीम कोर्ट पहुंचे थे. सुप्रीम कोर्ट ने आशीष मिश्रा की जमानत रद्द किए जाने का अनुरोध करने की किसानों की याचिका पर चार अप्रैल को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था.
गौरतलब है कि आशीष मिश्रा को 3 अक्टूबर 2021 को लखीमपुर खीरी जिले के तिकोनिया गांव में हुई हिंसा के मामले में गिरफ्तार किया गया था. इसके बाद 15 फरवरी 2022 को आशीष को जमानत पर रिहा कर दिया गया था. ज्ञात हो कि तिकोनिया कांड में चार किसानों सहित कुल आठ लोगों की मौत हुई थी.