कृषि लोन के लक्ष्य को बढ़ाकर 18 लाख करोड़ कर सकती है सरकार

 


नई दिल्ली कृषि क्षेत्र को प्रोत्साहन के लिए सरकार आगामी 2022-23 के बजट में कृषि लोन के लक्ष्य को बढ़ाकर 18 लाख करोड़ रुपये कर सकती है. सूत्रों ने यह जानकारी दी. आम बजट एक फरवरी को पेश किया जाएगा. चालू वित्त वर्ष के लिए कृषि लोन का लक्ष्य 16.5 लाख करोड़ रुपये है. सरकार हर साल कृषि लोन के लक्ष्य को बढ़ा रही है. सूत्रों ने बताया कि इस बार भी लक्ष्य को बढ़ाकर 18 से 18.5 लाख करोड़ रुपये किया जा सकता है.

सूत्रों ने बताया कि इस महीने के आखिरी सप्ताह में बजट आंकड़ों को अंतिम रूप देते समय यह लक्ष्य तय किया जा सकता है. सरकार बैंकिंग क्षेत्र के लिए सालाना कृषि कर्ज का लक्ष्य तय करती है. इसमें फसल लोन का लक्ष्य भी शामिल होता है. हाल के बरसों में एग्री लोन का प्रवाह लगातार बढ़ा है और प्रत्येक वित्त वर्ष में कृषि कर्ज का आंकड़ा लक्ष्य से अधिक रहा है.

सूत्रों ने कहा कि कृषि क्षेत्र में ऊंचे उत्पादन के लिए कर्ज की महत्वपूर्ण भूमिका रहती है. संस्थागत लोन की वजह से किसान गैर-संस्थागत स्रोतों से ऊंचे ब्याज पर कर्ज लेने से भी बच पाते हैं. आमतौर पर खेती से जुड़े कार्यों के लिए कर्ज नौ प्रतिशत ब्याज पर दिया जाता है. लेकिन सरकार किसानों को सस्ता कर्ज उपलब्ध कराने के लिए लघु अवधि के फसल लोन पर ब्याज सहायता देती है.

सरकार 3 लाख रुपये तक के लघु अवधि के फसल लोन पर 2 फीसदी की ब्याज सब्सिडी देती है. इससे किसानों को लोन 7 फीसदी के आकर्षक ब्याज पर उपलब्ध होता है. इसके अलावा लोन का समय पर भुगतान करने वाले किसानों को 3 फीसदी का प्रोत्साहन भी दिया जाता है. ऐसे में उनके लिए कर्ज पर ब्याज दर 4 फीसदी बैठती है.

फॉर्मल क्रेडिट सिस्मट में छोटे और सीमांत किसानों के कवरेज को बढ़ाने के लिए आरबीआई ने कोलैटरल फ्री एग्रीकल्चर लोन की सीमा 1 लाख रुपये से बढ़ाकर 1.6 लाख रुपये करने का फैसला लिया है. सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों, प्राइवेट लेंडर्स, सहकारी बैंकों और क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को अपने खुद के पैसे के उपयोग पर और नाबार्ड को आरआरबी और सहकारी बैंकों के पुनर्वित्त के लिए इंट्रेस्ट सबवेंशन दिया जाता है.

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