अब बुजुर्गों को हजार रुपये पेंशन, गोरखपुर और वाराणसी को मेट्रो की सौगात, जानिए किसे क्या मिला

 


उत्तर प्रदेश के वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने विधानसभा में राज्य का 6 लाख 15 हजार 518 करोड़ का बजट 2022-23 पेश किया। वृद्धावस्था पेंशन योजना के तहत अब 1000 रुपये मिलेंगे। गोरखपुर और वाराणसी में मेट्रो की सौगात मिली है। इसके अलावा प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के तहत लाभार्थियों को साल में दो निशुल्क एलपीजी सिलेंडर मुफ्त देने का एलान किया गया है।


ओडीओपी के लिए भी बजट प्रावधान

काशी में प्रतिदिन एक लाख श्रद्धालु आते हैं। वाराणसी, प्रयागराज, झांसी में मेट्रो की तैयारी शुरू की है। बेटी-बेटे के बीच भेदभाव न हो उसके लिए कन्या सुमंगला योजना के बेहतर संचालन के लिए बजट प्रावधान किया है। दिव्यांगों की पेंशन का प्रावधान किया है। अच्छी खेल प्रतिभाओं को प्रोत्साहन का प्रावधान किया है। ओडीओपी के लिए भी बजट प्रावधान किया है। अनाथ बच्चों के लिए अटल अवासीय विद्यालय नए सत्र से संचालित किए जाएंगे।



अयोध्या में अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट के लिए बजट का प्रावधान

रोजगार के लिए सर्वेक्षण को बजट में स्थान दिया है। अयोध्या में अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट के लिए बजट प्रावधान किया है। बुजुर्ग पुजारियों के पुरोहित कल्याण बोर्ड के गठन का प्रावधान किया गया। युवाओं के लिए स्वामी विवेकानंद योजना के तहत टैबलेट और स्मार्टफोन के लिए बजट का प्रावधान किया है। हर जिले में अभ्युदय कोचिंग की सुविधा का प्रावधान किया गया। छह जर्जर चीनी मिलों के विस्तार और आधुनिकीकरण का प्रावधान किया है। 2019 के कुम्भ ने नई पहचान बनाई थी। 2025 में महाकुंभ की तैयारी अभी से शुरू कर रहे हैं। प्रयागराज महाकुम्भ का भव्य आयोजन किया जाएगा।


बजट 2022-23 में अगले पांच साल का विजन पेश किया गया: सीएम योगी

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश के लिए 2022-23 के लिए पेश किए गए बजट के बाद प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि यूपी सरकार का बजट आगामी पांच साल का विजन भी है। 2022 के चुनाव से पहले लोक कल्याण संकल्प पत्र जारी किया था। उसके 130 संकल्प में से 97 संकल्प को पहले ही बजट में स्थान दिया है। उसके लिए 94 हजार 830 करोड़ का प्रावधान किया है। 44 संकल्प नए हैं। उज्जवला योजना में लाभार्थियों को साल में दो सिलेंडर मुफ्त दिए जाएंगे। प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए अगले पांच साल में पूरे बुंदेलखंड को प्राकृतिक खेती से जोड़ा जाएगा। किसानो के लिए पीएम कुसुम योजना के तहत निशुल्क सोलर पैनल उपलब्ध करा रहे हैं। पहले वर्ष 15 हजार किसानों को इसका लाभ मिलेगा। एक हजार करोड़ की लघु सिंचाई योजना का प्रावधान किया है।

सिर्फ आंकड़ों में है विकास, युवा घूम रहे बेरोजगार: अखिलेश

योगी सरकार 2.0 ने गुरुवार को अपना पहला बजट पेश किया है। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि प्रदेश में विकास सिर्फ आंकड़ों में ही दिख रहा है जबकि सच्चाई ये है कि युवा बेरोजगार हैं। भाजपा सरकार में जनता महंगाई और बेरोजगारी से परेशान है। युवाओं के पास रोजगार नहीं हैं। बच्चों की पढ़ाई पूरी तरह बर्बाद कर दी गई है। अखिलेश यादव ने कहा कि सरकार ने वादा किया था कि 2022 तक किसानों की आय दोगुनी हो जाएगी पर ऐसा कुछ भी नहीं हुआ। विकास सिर्फ आंकड़ों में दिख रहा है।

साल में दो सिलेंडर मुफ्त देने का एलान

अन्त्योदय एवं पात्र गृहस्थी कार्ड धारकों को निशुल्क खाद्यान्न, साबुत चना, रीफाइंड सोयाबीन ऑयल और नमक के साथ ही प्रधानमंत्री उज्जवला योजना के तहत लाभार्थियों को 2 निशुल्क एलपीजी सिलेंडर रीफिल वितरण के लिए 6571 करोड़ 13 लाख रुपये की व्यवस्था की गई है।
 

योगी सरकार 2.0 में किसानों के लिए एलान

किसानों की दुर्घटनावश मौत या दिव्यांगता की दशा में 5 लाख रुपये का प्रावधान किया गया है। धान ग्रेड-ए का समर्थन मूल्य 1960 रुपये प्रति कुंतल निर्धारित की गई है। गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य 2015 रुपये प्रति कुंतल निर्धारित किया गया है।

अटल आवासीय विद्यालयों की स्थापना के लिए 300 करोड़ की व्यवस्था

वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने कहा कि पंजीकृत निर्माण श्रमिकों के बच्चों और अनाथ बच्चों को कक्षा 6 से 12 तक गुणवत्तापूर्ण निशुल्क आवासीय शिक्षा प्रदान किए जाने के लिए प्रदेश के 18 मंडलों में प्रत्येक मंडल में एक-एक अटल आवासीय विद्यालयों की स्थापना कराई जा रही है। इसके 300 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है। 

बोर्ड के गठन के लिए एक करोड़ रुपये की व्यवस्था 

वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने कहा कि कुष्ठावस्था विकलांग भरण-पोषण योजना के अंतर्गत 3000 रुपये प्रति माह की दर से 34 करोड़ 50 लाख रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है। मैनुअल स्कॅवेन्जर मृत्यु क्षतिपूर्ति योजना के लिए एक करोड़ 50 लाख रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है। बुजुर्ग पुजारियों, संतों और पुरोहितों के समग्र कल्याण की योजनाओं के क्रियान्वयन के लिए बोर्ड के गठन होगा, इसके लिए एक करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है। 

मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के लिए 600 करोड़ रुपये

मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के लिए 600 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है। दिव्यांग भरण-पोषण अनुदान की धनराशि जो वर्ष 2017 के पूर्व मात्र 300 रुपये प्रतिमाह प्रति व्यक्ति थी, इसे बढ़ाकर 1000 रुपये प्रतिमाह कर दिया गया है। प्रदेश के 11 लाख से अधिक दिव्यांगजन इससे लाभान्वित हो रहे हैं। वित्तीय वर्ष 2022-2023 के बजट में योजना के लिए 1000 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है। 

निराश्रित महिला पेंशन योजना 1000 रुपये प्रतिमाह 

वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने कहा कि वृद्धावस्था पेंशन योजना के तहत प्रत्येक लाभार्थी की पेंशन की राशि को 500 रुपये से बढ़ाकर 1000 रुपये प्रतिमाह कर दिया गया है। लगभग 56 लाख वृद्धजन को पेंशन प्रदान की जा रही है। योजना के लिए 7053 करोड़ 56 लाख रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है। निराश्रित महिला पेंशन योजना के तहत पात्र लाभार्थियों को देय पेंशन की धनराशि 500 रुपये प्रतिमाह को बढ़ाकर 1000 रुपये प्रतिमाह कर दिया गया है। वित्तीय वर्ष 2021-2022 में इस 12 योजना के तहत 31 लाख महिलाओं को लाभान्वित किया गया। वित्तीय वर्ष 2022-2023 के बजट में इस योजना के लिए 4032 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

3000 नर्सों को नियुक्ति दी गई

चिकित्सा शिक्षा के क्षेत्र में रोजगार सृजन की अपार सम्भावनाएं हैं। लगभग 3000 नर्सों को राजकीय मेडिकल कॉलेजों/अस्पतालों में नियुक्ति दी गई। लगभग 10,000 सृजित किए गए हैं जो आगामी कई साल में भरे जाएंगे।

5000 इकाई स्थापित की गई

मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना के तहत वित्तीय वर्ष 2021-22 में 5000 इकाइयों को स्थापित कराया गया। 4187 लाभार्थियों को लाभान्वित किया गया। मुख्य मंत्री ग्रामोद्योग रोजगार योजना के तहत साल 2022-2023 में 800 इकाइयों की स्थापना कराकर 16000 लोगों को रोजगार उपलब्ध कराए जाने का लक्ष्य है। माध्यमिक शिक्षा में शिक्षक चयन में साक्षात्कार समाप्त कर 40,402 शिक्षकों का चयन और 7540 पदों का सृजन किया गया है।

लेखाकार सह डाटा एंटी ऑपरेटर्स को प्रशिक्षण दिया गया

प्रदेश सरकार द्वारा अधिकाधिक सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्यमों की स्थापना के लिए प्रोत्साहनात्मक वातावरण का सृजन किया गया है, जिसके फलस्वरूप वित्तीय वर्ष 2021-22 में लगभग 3 लाख 97 हजार 028 उद्यम पंजीकृत हुए, जिसमें 27 लाख 84 हजार 117 रोजगार का सृजन हुआ। प्रदेश की 54,876 ग्राम पंचायतों में स्थापित ग्राम सचिवालयों के सुचारू संचालन के लिए 56,436 पंचायत सहायक/लेखाकार सह डाटा एंटी ऑपरेटर्स का चयन कर उन्हें प्रशिक्षण दिया गया है।

पांच साल में 40,000 करोड़ रुपये के निवेश 

सूचना प्रौद्योगिकी एवं इलेक्ट्रानिक्स उद्योग नीति के तहत पांच साल में 40,000 करोड़ रुपये के निवेश और चार लाख लोगों के लिए रोजगार सृजन का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। मनरेगा योजनान्तर्गत वित्तीय वर्ष 2021-22 में 26 करोड़ मानव दिवस का सृजन किया गया, जिसके सापेक्ष वित्तीय वर्ष 2022-23 में मनरेगा योजना के तहत 32 करोड़ मानव दिवस सृजन किए जाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।

यूपी की बेरोजगारी दर घटकर 2.9 प्रतिशत पर पहुंची

सुरेश खन्ना ने कहा कि जून 2016 में प्रदेश में बेरोजगारी की दर 18 प्रतिशत थी, जबकि अप्रैल 2022 में यह घटकर 2.9 प्रतिशत रह गई है। उत्तर प्रदेश कौशल विकास मिशन द्वारा पिछले पांच साल में 9.25 लाख से ज्यादा युवाओं को विभिन्न प्रकार के अल्पकालिक प्रशिक्षण कार्यक्रमों में प्रशिक्षित करते हुए प्रमाणीकृत किया गया। जिनमें 4.22 लाख युवाओं को विभिन्न प्रतिष्ठित कंपनियों में नौकरियां दिलाई गई।मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रदेश सरकार ने लोक कल्याण संकल्प पत्र के 130 संकल्पों में से 97 संकल्पों को पहले ही बजट में लागू करने का प्रावधान किया है। उन्होंने कहा कि संकल्प पत्र की 44 नई घोषणाओं सहित कुल 97 संकल्पों को पूरा करने के लिए बजट में 54,883 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।


विधानमंडल के दोनों सदनों में वित्तीय वर्ष 2022-23 का बजट प्रस्तुत होने के बाद मीडिया से बातचीत में मुख्यमंत्री ने कहा कि हर परिवार से एक व्यक्ति को रोजगार और स्वरोजगार से जोड़ने के लिए सर्वे किया जाएगा। उन्होंने कहा कि बजट प्रदेश को एक ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था वाला राज्य बनाने की दिशा में आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।


उन्होंने कहा कि बीते पांच वर्षों में प्रदेश की अर्थव्यवस्था मजबूत हुई है और बजट का दायरा भी बढ़कर दोगुना हुआ है। बजट से प्रदेश विकास के पथ पर तेज गति से दौड़ता दिखाई देगा और देश की नंबर एक अर्थव्यवस्था वाला प्रदेश बनने की ओर अग्रसर होगा।

विधानमंडल के तिलक हॉल में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में मुख्यमंत्री ने कहा कि बजट प्रदेश की 25 करोड़ जनता की आंकाक्षा और भावना के अनुरूप तैयार किया गया है। प्रदेश के समग्र विकास को ध्यान में रखकर युवाओं, गांव, गरीब, किसान, नौजवान, महिलाओं सहित समाज के प्रत्येक तबके को ध्यान में रखकर बनाया गया है। उन्होंने बजट को समग्र विकास के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए यूपी सरकार का दृष्टिपत्र बताया जो कि प्रदेश के उज्जवल भविष्य की रूपरेखा तैयार करेगा।

उन्होंने कहा कि संकल्प पत्र के शेष संकल्पों को दिसंबर में प्रस्तुत होने वाले अनुपूरक बजट में शामिल किया जाएगा। इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, ब्रजेश पाठक, जलशक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह और वित्त मंत्री सुरेश खन्ना मौजूद थे।

हर परिवार से एक व्यक्ति को मिलेगा रोजगार
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रत्येक परिवार से एक व्यक्ति को नौकरी, रोजगार और स्वरोजगार देने के लिए सर्वे कराया जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश में गरीब कल्याण योजना के लिए संपूर्ण परिवार सर्वेषण योजना भी लागू की जाएगी। सर्वे रिपोर्ट के आधार पर केंद्र प्रदेश सरकार की योजनाओं से वंचित परिवारों के लिए विशेष योजना लागू की जाएगी।

पांच साल में दोगुना हुआ बजट का दायरा

मुख्यमंत्री ने कहा कि यूपी सरकार का यह बजट अब तक का सबसे बड़ा बजट है। 2015-16 में प्रदेश का बजट 3 लाख 2 हजार 687 करोड़ का था। इस बार 6 लाख 15 हजार 518 करोड़ 97 लाख का बजट है। जो कि दोगुना से अधिक हो गया है।

कोविड प्रबंधन के बाद भी कुशल प्रबंधन से बढ़ी आय
मुख्यमंत्री ने कहा कि बीते पांच वर्ष में दो वर्ष कोरोना संक्रमण के प्रबंधन में बीतने के बाद भी सरकार ने कुशल वित्तीय प्रबंधन से आय में वृद्धि की है। 2017 से पहले बिक्री कर और वैट से 51 हजार 800 करोड़ रुपये मिलते थे। कोविड के बाद भी वैट से 90 हजार करोड़ मिल रहे है।

उन्होने बताया कि 2017 में एक्साइज में 14,273 करोड़ रुपये मिलते थे। 2021-22 में 26 हजार 231 करोड़ रुपये से अधिक मिले हैं। स्टांप एवं रजिस्ट्रेशन से भी आय 11,564 करोड़ से बढ़कर 20 हजार 45 करोड़ रुपये हो गई है। खनन से आय 1548 करोड़ से बढ़ाकर 2664 करोड रुपये हुई है।

एफआरबीएम की सीमा से भी कम ऋण लिया
मुख्यमंत्री ने कहा कि रिजर्व बैंक और भारत सरकार ने राज्यों के लिए एफआरबीएम की सीमा 4.5 तय की है। इसके तहत राज्य अपनी एसजीएसडीपी का 4.5 प्रतिशत तक ऋण ले सकते है लेकिन दो वर्ष कोरोना प्रबंधन के बाद भी यूपी ने एफआरबीएम 3.9 प्रतिशत ही सीमित है। उन्होंने कहा कि बजट के दायरे को बढ़ाने, इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलेपमेंट के बाद एफआरबीएम 3.9 फीसदी तक रहना सरकार के कुशल वित्तीय प्रबंधन का नमूना है।
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