हर इंसान को अपनी पुरुषार्थ का भरपूर सदुपयोग करना चाहिए - गंभीर सिंह

 


                                            गंभीर सिंह सिटी मजिस्ट्रेट गाजियाबाद

हिंदी दैनिक आज का मतदाता संपादक प्रेम श्रीवास्तव  

इंसान को अपनी पुरुषार्थ का भरपूर सदुपयोग करना चाहिए गंभीर सिंह सिटी मजिस्ट्रेट गाजियाबाद एक संक्षिप्त भेंटवार्ता के अंतर्गत बहुआयामी प्रतिभा के धनी व शिक्षण संस्थाओं के प्रति अपनी विशेष रुचि व अनुभूति के कारण सैकड़ों शिक्षण संस्थाओं के निर्माण व उनकी बौद्धिक क्षमताओं में बढ़ोतरी के साथ साथ उनके संसाधनों की उपलब्धता मैं तत्पर रहते हुए अपने प्रशासनिक जीवन में तत्परता से आम नागरिकों केहर समस्याओं के समाधान में आगे रखकर स्वयं को परम संतुष्टि के मार्ग पर चलने के संकल्प को चरितार्थ करते हुए गाजियाबाद सिटी मजिस्ट्रेट गंभीर सिंह ने कहा कि आज बहुत आवश्यक है कि हर इंसान अपनी पूरी श्रद्धा के साथ अपने पुरुषार्थ का शत प्रतिशत सदुपयोग करें अगर वह अपने पुरुषार्थ को बेहतर  करने का संकल्प लेकर कोई काम करता है तो निश्चित तौर पर उसको सफलता मिलेगी आज का मतदाता समाचार पत्र को अपनी दूरदर्शिता का छोटा सा बौद्धिक तत्वों पर विचार रखते हुए सिटी मजिस्ट्रेट गाजियाबाद ने कहा कि आज हर इंसान को मानसिक तौर पर बहुत ही अधिक मजबूत होना चाहिए आज मानव जाति को मानव होने पर गर्व होना चाहिए और उसे मानवीय धर्मों का पालन भी करना चाहिए एक अन्य गंभीर सवाल के जवाब में सिटी मजिस्ट्रेट गाजियाबाद ने कहा कि आज समाज की कई कुरीतियां है जिसको मिलजुल कर ही दूर किया जा सकता है यदि हम गंभीरता से सोचें तो मुझे एक सामाजिक नागरिक होने पर अपनी जिम्मेदारी को भी पूरा करने का दायित्व बनता है इसलिए मैं हर नागरिक से यही अपील करना चाहता हूं कि वह अपने पारिवारिक जिम्मेदारी के साथ साथ अपने सामाजिक जिम्मेदारी को भी पूरा करें सामाजिक जिम्मेदारी से संबंधित एक गंभीर प्रश्न के जवाब में आपने कहा कि हर गली हर मोहल्ले हर मंदिर मस्जिद गुरुद्वारा चर्च यहां तक की रेलवे स्टेशन और सड़कों पर कई दशकों से भीख मांगने की परंपरा मजबूरी से चली आ रही है जिसे हम सब आंख बंद करके भी देखते रहते हैं आज बहुत आवश्यक है समाजिक जिम्मेदारी को ध्यान में रखते हुए भीख मांगने वाले लोगों के जिंदगी में कुछ सुधारात्मक कदम उठाने के प्रति हम सब सचेत हो हम सब अग्रसर हो उन्हें समाज की मुख्यधारा में लाने का भरपूर प्रयास करें आपने कहा कि आगामी समय में एक सामाजिक संदेश देने कि मेरी चेष्टा है जिस संदेश को आत्मसात करने के बाद भीख मांगने वाला वर्ग और समाज का हर नागरिक दोनों या निश्चय करेंगे कि हमें इस समस्या को समाज से जड़ से समाप्त करना है और उनकी जिंदगी में खुशियां लानी है जो सड़क पर भीख मांगते हैं अंत में एक महत्वपूर्ण सवाल के जवाब में आपने कहा कि आज ईश्वरी जीवन सबसे अनमोल रत्न है यह हम सभी को समझना चाहिए ईश्वर के द्वारा मिली हुई शारीरिक संरचना अपने आप में अनमोल है हर नागरिक को इस अनमोल संपत्ति जो उसे ईश्वर द्वारा निशुल्क प्राप्त हुई है उसकी कद्र करनी चाहिए

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