महाराष्ट्र संकट: सुप्रीम कोर्ट के फ्लोर टेस्ट पर रोक से इनकार के बाद उद्धव ठाकरे का इस्तीफ़ा

 


महाराष्ट्र में मचे सियासी घमासान के बीच राज्यपाल ने उद्धव ठाकरे सरकार को गुरुवार सुबह 11 बजे अपना बहुमत सिद्ध करने के लिए फ्लोर टेस्ट के आदेश दिए थे, जिसके ख़िलाफ़ शिवसेना ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था. बुधवार को कोर्ट ने इसमें हस्तक्षेप से इनकार करते हुए उद्धव ठाकरे को बहुमत साबित करने को कहा था.नई दिल्ली: महाराष्ट्र में मची सियासी खींचतान के बीच राज्यपाल ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को फ्लोर टेस्ट के माध्यम से गुरुवार सुबह 11 बजे सदन में बहुमत साबित करने के लिए कहा था, जिस पर उन्होंने बुधवार को सुप्रीम कोर्ट का रुख किया लेकिन उन्हें सुप्रीम कोर्ट से भी राहत नहीं मिली. करीब चार घंटे तक चली लंबी बहस के बाद सुप्रीम कोर्ट ने मामले में हस्तक्षेप करने से इनकार करते हुए कल (गुरुवार) ही फ्लोर टेस्ट कराए जाने का आदेश दिया.

इस्तीफा देते हुए उन्होंने कहा कि अदालत के फैसले का सम्मान करता हूं. उन्होंने विधान परिषद की सदस्यता से भी इस्तीफा देने का ऐलान किया है.

उन्होंने कहा, ‘मैं अप्रत्याशित तरीके से (सत्ता में) आया था और उसी तरह मैं जा भी रहा हूं. मैं हमेशा के लिए दूर नहीं जा रहा हूं, मैं यहीं रहूंगा और मैं एक बार फिर शिवसेना भवन में बैठूंगा. मैं मेरे सभी लोगों को इकट्ठा करूंगा. मैं मुख्यमंत्री और विधान परिषद सदस्य पद से इस्तीफा दे रहा हूं.’

इससे पहले, शिवसेना की याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह राज्यपाल के उस निर्देश पर रोक नहीं लगाएगा, जिसमें उन्होंने उद्धव ठाकरे को कल (गुरुवार) फ्लोर टेस्ट के लिए कहा है और शिवसेना को नोटिस जारी किया है.

पीठ ने कहा, ‘हमने यह संक्षिप्त आदेश लिखा है. हम राज्यपाल के शक्ति परीक्षण के निर्देश पर रोक नहीं लगा रहे हैं. हम रिट याचिका में नोटिस जारी कर रहे हैं. आप पांच दिनों में जवाब दायर कर सकते हैं. हम 11 जुलाई को अन्य मामलों के साथ मेरिट पर सुनवाई करेंगे. कल की कार्यवाही इस याचिका के अंतिम परिणाम पर निर्भर करेगी.’

बहरहाल, अदालती सुनवाई के दौरान, शिवसेना के बागी विधायक एकनाथ शिंदे के अधिवक्ताओं ने उच्चतम न्यायालय से कहा कि शिवसेना-कांग्रेस-एनसीपी सरकार अपना बहुमत खो चुकी है क्योंकि शिवसेना के अधिकतर विधायक उनके साथ हैं. वहीं, मुख्यमंत्री ठाकरे ने अपने कैबिनेट सहयोगियों से कहा कि उन्हें उनके ही लोगों ने धोखा दिया है.


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