हिंदी दैनिक आज का मतदाता गाजियाबाद दिनांक 6 नवंबर 2021 को लकड़ी कारोबारी मुकेश गुप्ता के घर हुई दिनदहाड़े चोरी की खुलासा अभी तक पुलिस विभाग क्यों नहीं कर पाई है इस संबंध में गाजियाबाद में व्यापारियों में काफी रोष और असंतोष है व्यापारियों का कहना है कि यदि हमारा घर हमारी दुकान और हम सुरक्षित नहीं है तो हम व्यापार कैसे करेंगे तकरीबन 7 महीने से भी अधिक समय बीत जाने के बाद गाजियाबाद पुलिस प्रशासन ने दिनदहाड़े गाजियाबाद कोतवाली की अपराध संख्या 1004 का खुलासा क्यों नहीं कर पाई है इसके पीछे उसकी क्या मंशा है इसके पीछे उसकी क्या मजबूरी है या इसके पीछे वह कौन सा मील का पत्थर समाज को पेश करना चाहती है यह समझ से परे है इस संबंध में पीड़ित मुकेश गुप्ता ने बताया कि हमें तो उत्तर प्रदेश सरकार से बहुत ही अधिक उम्मीद है और प्रदेश के मुखिया योगी आदित्यनाथ प्रदेश की जनता की हर मुसीबतों को बारीकी से हल करते हैं मुकेश गुप्ता ने कहा कि पुलिस प्रशासन न जाने क्यों इस घटना को लेकर सोए हुए हैं पुलिस प्रशासन अगर चाहे तो 15 दिन के अंदर इस घटना का खुलासा करके न्याय दिला सकती है आपने कहा कि मुझे गाजियाबाद की पुलिस पर पूरा भरोसा है हमें न्याय पर भरोसा है लेकिन वह कौन सी वजह है कि पुलिस प्रशासन हमें न्याय नहीं दिला पा रही है आपने कहा कि सोचने वाली बात यह है कि जहां पर वारदात हुआ वहां से पुलिस की चौकी तकरीबन 200 मीटर की दूरी पर स्थिति है और यह जगह शहर के बीचोबीच स्थिति है वहां पर पुलिस की गाड़ियां भी हमेशा पेट्रोलिंग करती हैं उसके बाद भी दिनदहाड़े वारदात का हो जाना बहुत कुछ बयां करता है मुकेश गुप्ता ने बताया कि मैं सरकार से और गाजियाबाद पुलिस प्रशासन से अपील करता हूं की हमारी सुनवाई की जाए हमें न्याय दिलाया जाए आपने कहा कि हम व्यापारियों के अंदर हर कार्य के प्रति काफी सूझबूझ और समझदारी होती है और संतोष की भावना भी मजबूती के साथ व्याप्त रहती है लेकिन पुलिस प्रशासन हम व्यापारियों की अनदेखा न करें वह हमारे सब्र का इम्तिहान ना ले और शीघ्र से शीघ्र इस वारदात का खुलासा करें जिससे योगी आदित्यनाथ की पुलिस की छवि जिस तरह से उत्तर प्रदेश में चमक रही है गाजियाबाद में भी चमके और व्यापारियों के मन में भी यह बात साबित हो कि गाजियाबाद की पुलिस गाजियाबाद के व्यापारियों के साथ न्याय करने में पीछे नहीं है
थाना गाजियाबाद कोतवाली की अपराध संख्या 100 4 का खुलासा पुलिस विभाग अभी तक तो क्यों नहीं कर पाया?- प्रेम श्रीवास्तव हिंदी दैनिक आज का मतदाता