ज़ी न्यूज़ के एंकर को छत्तीसगढ़ पुलिस के गिरफ़्तार करने से पहले यूपी पुलिस ने हिरासत में लिया

 


ज़ी न्यूज़ ने अपने शो ‘डीएनए’ में कांग्रेस नेता राहुल गांधी का एक बयान चलाकर कहा था कि वह उदयपुर हत्याकांड के आरोपियों को ‘बच्चा’ बता रहे हैं, जबकि यह बयान उन्होंने केरल के वायनाड में उनके दफ़्तर में तोड़-फोड़ करने वालों के संदर्भ में दिया था. इसे लेकर शो के एंकर रोहित रंजन और भाजपा सांसदों राज्यवर्धन सिंह राठौड़ सुब्रत पाठक एवं भोला सिंह और भाजपा विधायक कमलेश सैनी आदि के ख़िलाफ़ कांग्रेस ने छह राज्यों में एफ़आईआर दर्ज कराई है. छत्तीसगढ़ पुलिस एंकर को गिरफ़्तार करने रायपुर पहुंची थी.नई दिल्ली: जी टीवी के एंकर रोहित रंजन को आज (मंगलवार) उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद स्थित उनके घर में पुलिस द्वारा हिरासत में ले लिया गया. यह गिरफ्तारी समाचार चैनल द्वारा राहुल गांधी के एक बयान को उदयपुर में हुई दर्जी कन्हैया लाल की हत्या से जोड़कर दिखाने के कुछ दिनों बाद हुई है, जिसे लेकर उसने माफी मांग ली थी.

बीते एक जुलाई को समाचार चैनल जी न्यूज़ ने अपने प्राइम टाइम शो ‘डीएनए’ में कांग्रेस नेता राहुल गांधी का एक बयान चलाकर कहा था कि वह उदयपुर हत्याकांड के आरोपियों को ‘बच्चा’ बता रहे हैं, जबकि उक्त बयान उन्होंने केरल के वायनाड में उनके कार्यालय में तोड़-फोड़ करने वाले एसएफआई कार्यकर्ताओं के संदर्भ में दिया था.

एनडीटीवी की रिपोर्ट के मुताबिक, दो राज्यों – कांग्रेस शासित छत्तीसगढ़ और भाजपा शासित उत्तर प्रदेश – के पुलिसकर्मी मंगलवार सुबह नाटकीय अंदाज में एंकर को हिरासत में लेने के लिए लड़ते और धक्का-मुक्की करते देखे गए.छत्तीसगढ़ पुलिस ने एंकर को गिरफ्तार करने की कोशिश की, लेकिन यूपी की गाजियाबाद पुलिस द्वारा उसे रोक दिया गया और एंकर को वह अपने साथ ले गई.

इससे पहले जब मंगलवार सुबह 5:30 बजे छत्तीसगढ़ पुलिस की टीम रोहित रंजन के घर पहुंची तो उन्होंने उत्तर प्रदेश पुलिस को ट्वीट कर दिया. उन्होंने आरोप लगाया कि छत्तीसढ़ पुलिस बिना स्थानीय पुलिस को सूचित किए उन्हें हिरासत में लेने आई है.

रोहित रंजन ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और राज्य की पुलिस को टैग करते हुए ट्वीट किया, ‘छत्तीसगढ़ पुलिस स्थानीय पुलिस को जानकारी दिए बिना मुझे गिरफ्तार करने के लिए मेरे घर के बाहर खड़ी है, क्या यह कानूनन सही है?’कुछ देर बाद ही छत्तीसगढ़ की रायपुर पुलिस ने उस ट्वीट पर जवाब दिया कि उसके पास वारंट है, उसे किसी को सूचित करने की जरूरत नहीं थी.

रायपुर पुलिस के ट्विटर हैंडल से लिखा गया, ‘सूचित (स्थानीय पुलिस को) करने का ऐसा कोई नियम नहीं है. फिर भी, अब उन्हें सूचित कर दिया गया है. आपको वास्तव में सहयोग करना चाहिए, जांच में शामिल हों और कोर्ट में अपने बचाव में पक्ष रखें.’छत्तीसगढ़ पुलिस द्वारा गिरफ्तार करने से रोकते हुए गाजियाबाद पुलिस रोहित रंजन को किसी अज्ञात स्थान पर ले गई. वे वर्तमान में उत्तर प्रदेश पुलिस की हिरासत में हैं, जहां उन पर अपेक्षाकृत हल्के और जमानती आरोप लगाए गए हैं.

ज्ञात हो कि रोहित रंजन ने जी न्यूज पर अपने शो ‘डीएनए’ में राहुल गांधी के एक बयान को उदयपुर के हत्याकांड के बारे में उनके द्वारा दिया गया बयान बताकर चलाया था, जबकि उक्त बयान गांधी ने केरल के अपने वायनाड कार्यालय पर हुए हमले के संदर्भ में दिया था और हमलावर स्टूडेंट फेडरेशन ऑफ इंडिया के कार्यकर्ताओं के लिए कहा था कि वे बच्चे हैं, उन्हें माफ कर देना चाहिए.उस वीडियो को राज्यवर्द्धन राठौर जैसे भाजपा नेताओं ने भी शेयर किया था, उन्हें भी एफआईआर में आरोपी बनाया गया है.

चैनल ने इसको लेकर बाद में माफी मांग ली थी और बीते दो जुलाई रंजन ने अपने शो पर कहा था, ‘कल (एक जुलाई) हमारे शो डीएनए में राहुल गांधी का बयान उदयपुर की घटना से जोड़ कर गलत संदर्भ में चल गया था, ये एक मानवीय भूल थी जिसके लिए हमारी टीम क्षमा प्रार्थी है, हम इसके लिए खेद जताते हैं.’

राहुल गांधी के बयान को ‘गलत संदर्भ’ में दिखाने के मामले में रोहित रंजन के खिलाफ छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में एफआईआर दर्ज की गई है.

इसके अलावा इस संबंध में कांग्रेस ने बीते चार जुलाई को एक बयान में कहा था कि उसके शीर्ष नेता राहुल गांधी के खिलाफ ‘फर्जी वीडियो’ साझा करने और झूठ फैलाने के लिए भारतीय जनता पार्टी के सांसदों राज्यवर्धन सिंह राठौड़ और सुब्रत पाठक तथा और तीन अन्य लोगों के खिलाफ छत्तीसढ़ में एफआईआर दर्ज कराई गई है.

पार्टी के मीडिया एवं प्रचार प्रमुख पवन खेड़ा ने यह भी बताया था कि राहुल गांधी का एक वीडियो उदयपुर की घटना से जोड़कर प्रसारित किए जाने के संदर्भ में पूर्व सूचना एवं प्रसारण मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़, भाजपा सांसद सुब्रत पाठक एवं भोला सिंह और भाजपा विधायक कमलेश सैनी और कुछ अन्य के खिलाफ छह राज्यों में शिकायत दर्ज कराई गई है.

रायपुर पुलिस का यूपी पुलिस पर आरोप, एंकर की गिरफ़्तारी की प्रक्रिया बाधित की

समाचार चैनल जी न्यूज के एंकर रोहित रंजन को गिरफ्तार करने गाजियाबाद पहुंची छत्तीसगढ़ के रायपुर जिले की पुलिस ने दावा किया कि उत्तर प्रदेश पुलिस ने गिरफ्तारी की प्रक्रिया को बाधित किया और एंकर को अपने साथ ले गई.

रायपुर जिले की पुलिस ने एक बयान जारी कर यहां बताया, ‘प्रार्थी देवेंद्र यादव की रिपोर्ट पर थाना सिविल लाइन रायपुर में तीन जुलाई को रोहित रंजन के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था. प्रकरण की विवेचना और आरोपी की गिरफ्तारी के लिए टीम गठित की गई है, जो अभी गाजियाबाद में है.’

बयान में कहा गया है, ‘प्रकरण में रायपुर पुलिस ने विधिसम्मत प्रक्रिया का पालन किया. सक्षम अदालत से आरोपी के विरुद्ध जारी वारंट लेकर रायपुर पुलिस की टीम आज सुबह आरोपी के गाजियाबाद स्थित निवास पहुंची थी. आरोपी को हिरासत में लेकर गिरफ्तारी की प्रक्रिया चल रही थी, लेकिन स्थानीय (गाजियाबाद) पुलिस, छत्तीसगढ़ पुलिस के वारंट दिखाने के बावजूद आरोपी को अपने साथ ले गई और गिरफ्तारी की प्रक्रिया को बाधित किया.’

रायपुर जिले के पुलिस अधीक्षक प्रशांत अग्रवाल ने बताया कि कांग्रेस विधायक देवेंद्र यादव की शिकायत पर तीन जुलाई को जी न्यूज के एंकर रंजन के खिलाफ विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देने और लोगों की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के आरोप में मामला दर्ज किया गया था।

अग्रवाल ने बताया कि मामले की जांच के लिए एक दल का गठन किया गया था और आरोपी को गिरफ्तार करने के लिए उसे गाजियाबाद भेजा गया था.

जिले के एक अन्य पुलिस अधिकारी ने बताया कि भिलाई नगर क्षेत्र के कांग्रेस के विधायक देवेंद्र यादव ने सिविल लाइंस थाने में जी न्यूज चैनल के निदेशकों, अधिकारी तथा एंकर के खिलाफ भी शिकायत की थी.

उन्होंने बताया कि शिकायत के बाद पुलिस ने जी ग्रुप के अध्यक्ष और निदेशक, जी न्यूज चैनल के मुख्य कार्यकारी अधिकारी, प्रसारित कार्यक्रम के निर्माता, कार्यक्रम प्रस्तुत करने वाले एंकर और अन्य के​ खिलाफ मामला दर्ज किया है.

उल्लेखनीय है कि कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने दो जुलाई को भाजपा अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा को पत्र लिखकर कहा था कि वह राहुल गांधी के बारे में ‘झूठ’ फैलाने के लिए अपने नेताओं की तरफ से माफी मांगें, अन्यथा कानूनी कार्रवाई की जाएगी.

खेड़ा ने सोमवार को संवाददाताओं से कहा, ‘हमारे महासचिव जयराम रमेश ने नड्डा को 24 घंटे का वक्त दिया था. कल रात तक कोई जवाब नहीं आया. हमने छह राज्यों – राजस्थान, झारखंड, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, दिल्ली और छत्तीसगढ़ में राठौर और कुछ अन्य भाजपा नेताओं के खिलाफ शिकायतें दर्ज कराई हैं. छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में राठौर और चार अन्य लोगों के खिलाफ प्राथमिकी भी दर्

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