आप और हम - बलदेवराज बत्रा
बलदेवराज बत्रा

आप और हम
मानव तन की प्राप्ति के बाद भी हमारे अंदर का जानवर अक्सर जाग जाता है।

नकारात्मक विचार एक दिन में ज्यादा आते है।सकारात्मक विचारों पर हम अम्ल नही करते है।

काम, क्रोध, मोह, लोभ अहंकार के पुंज है।
संसार के बहुत कम लोग ध्यान तप समाधि परमात्मा को  हृदय से महसूस करते है।

अहसास दुसरो में भी परमात्मा का होता है।
हम और आप सच्चे मन से गरीब लाचार और बेबस इंसान की सहायता करे।

उस गरीब मां और पिता के दिल से दुवाये निकले निकले गी।  व आत्म से निकली आवाज फलीभूत होगी।
बस दुवा का यह आलम है कि किसी सायर ने लिखा हैै।
गरीब को मत सता गरीब रो देगाै।
सुनेगा उसका मालिक तो जड़ से उखेड़ देगा।

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