आत्मा व परमात्मा तो एक है - बलदेव राज बत्रा

 


                     बलदेव राज बत्रा

आत्मा व परमात्मा तो एक है!
यह अपार दया करुणा प्रेम ममता और उसका दान है।
 परमात्मा ने अनेक अंगो का योग करके दिया है।
 परमात्मा ने दो आंखें दी लेकिन नजर तो एक है।
दो कान दिए किंतु सुनाई तो एक है।
 दो पांव दिए मंजिल तो एक है।
दो हाथ दिए कर्म तो एक है।
दो मस्तिष्क दिए सोच विचार तो एक है।
दो नासिका का स्वास तो एक है।
दो ह्रदय में धड़कन तो एक है।
दो होठों की मुस्कान तो एक है।
दो शब्दों का राम परमात्मा तो एक है।
जगत माता को तो देखा नहीं एक है।
जन्म देती मां व पिता दो है आशीर्वाद तो एक है।
दुख सुख लाभ हानि यश अपयश कर्मफल पति-पत्नी लड़का लड़की बहन भाई गुरु शिष्य यह दो का अंक  परमात्मा की देन है।
 जीवन मृत्यु शांति अशांति आत्मा तो एक है।

टिप्पणियाँ
Popular posts
परमपिता परमेश्वर उन्हें अपने चरणों में स्थान दें, उनकी आत्मा को शांति प्रदान करें व समस्त परिजनों व समाज को इस दुख की घड़ी में उनका वियोग सहने की शक्ति प्रदान करें-व्यापारी सुरक्षा फोरम
चित्र
पीपल, बरगद, पाकड़, गूलर और आम ये पांच तरह के पेड़ धार्मिक रूप से बेहद महत्व
चित्र
भारत की स्वतंत्रता प्राप्ति में भी ब्राह्मणों के बलिदान का एक पृथक वर्चस्व रहा है।
चित्र
ब्रिटेन की नई हुकूमत के समक्ष चुनौतियों की भरमार?
चित्र
अहमदाबाद: 17 किलोमीटर लंबी रथ यात्रा, एक लाख साड़ियां और...अमित शाह