आबकारी नीति: दिल्ली के उपमुख्यमंत्री सिसोदिया के आवास सहित 21 स्थानों पर सीबीआई का छापा

 


बीते जुलाई महीने में दिल्ली के उपराज्यपाल ने आबकारी नीति 2021-22 के क्रियान्वयन में कथित अनियमितताओं की सीबीआई से जांच कराने की सिफ़ारिश की थी. इसके बाद दिल्ली सरकार ने इस नीति को वापस ले लिया था. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि सीबीआई की छापेमारी अच्छे प्रदर्शन का इनाम है.

नई दिल्ली: केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने दिल्ली आबकारी नीति मामले में एक एफआईआर दर्ज करने के बाद दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) अधिकारी आरव गोपी कृष्ण के परिसर सहित दिल्ली तथा राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में 21 स्थानों पर शुक्रवार को छापा मारा.

अधिकारियों ने बताया कि सीबीआई ने पिछले साल नवंबर में लाई गई दिल्ली आबकारी नीति बनाने और उसके क्रियान्वयन में कथित अनियमितताओं के संबंध में एक एफआईआर दर्ज की है.

उन्होंने बताया कि छापेमारी के दौरान सीबीआई के दल 21 स्थानों पर पहुंचे, जिसमें सिसोदिया और एजीएमयूटी (अरुणाचल प्रदेश, गोवा, मिजोरम और केंद्र शासित प्रदेश) काडर के 2012 बैच के आईएएस अधिकारी एवं पूर्व आबकारी आयुक्त आरव गोपी कृष्ण, पूर्व उपायुक्त (आबकारी) आनंद तिवारी सहित चार लोक सेवकों के परिसर शामिल हैं.बीते जुलाई महीने के आखिरी हफ्ते में दिल्ली के उपराज्यपाल (एलजी) वीके सक्सेना ने आबकारी नीति 2021-22 के क्रियान्वयन में कथित अनियमितताओं की केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) से जांच कराने की सिफारिश की थी. उन्होंने इस मामले में 11 आबकारी अधिकारियों को निलंबित भी किया है.

उन्होंने बताया कि दिल्ली के मुख्य सचिव की जुलाई में दी गई रिपोर्ट के आधार पर सीबीआई जांच की सिफारिश की गई थी, जिसमें राष्ट्रीय राजधानी राज्यक्षेत्र शासन अधिनियम 1991, कार्यकरण नियम (टीओबीआर)-1993, दिल्ली उत्पाद शुल्क अधिनियम-2009 और दिल्ली उत्पाद शुल्क नियम-2010 का प्रथमदृष्टया उल्लंघन पाए जाने की बात कही गई थी.

एलजी के अनुसार, उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कथित तौर पर शराब नीति में कुछ बदलाव किए और कैबिनेट को सूचित किए बिना या एलजी की मंजूरी लिए बिना लाइसेंसधारियों को अपनी ओर से अनुचित लाभ दिया था.

दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया दिल्ली सरकार के आबकारी विभाग के प्रमुख हैं.

अधिकारियों ने बताया कि इसके अलावा, निविदा के बाद ‘शराब कारोबार संबंधी लाइसेंस हासिल करने वालों को अनुचित लाभ’ पहुंचाने के लिए ‘जान-बूझकर और सकल प्रक्रियात्मक चूक’ की गई.

इस बीच, सिसोदिया ने सिलसिलेवार ट्वीट में कहा कि वह सीबीआई का स्वागत करते हैं.

उन्होंने ट्वीट किया, ‘सीबीआई आई है. उनका स्वागत है. हम कट्टर ईमानदार हैं. लाखों बच्चों का भविष्य बना रहे हैं. बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है कि हमारे देश में जो अच्छा काम करता है उसे इसी तरह परेशान किया जाता है. इसीलिए हमारा देश अभी तक नंबर-एक नहीं बन पाया.’

उन्होंने कहा, ‘हम सीबीआई का स्वागत करते हैं. जांच में पूरा सहयोग देंगे, ताकि सच जल्द सामने आ सके. अभी तक मेरे खिलाफ कई मामले दर्ज किए गए, लेकिन कुछ नहीं निकला. इसमें भी कुछ नहीं निकलेगा. देश में अच्छी शिक्षा के लिए मेरा काम रोका नहीं जा सकता.’

सिसोदिया ने सभी आरोपों को खारिज करते हुए कहा, ‘ये लोग दिल्ली में शिक्षा और स्वास्थ्य क्षेत्र में शानदार काम से परेशान हैं, इसीलिए दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री और शिक्षा मंत्री को पकड़ा है, ताकि शिक्षा एवं स्वास्थ्य के अच्छे काम रोके जा सकें.’

सीबीआई की छापेमारी अच्छे प्रदर्शन का ‘इनाम’ है: केजरीवाल

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शुक्रवार को कहा कि उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के आवास पर सीबीआई की छापेमारी वैश्विक स्तर पर सराहे जा रहे, उनके अच्छे प्रदर्शन का परिणाम है.

मुख्यमंत्री ने कहा कि पहले भी सीबीआई के छापे पड़े हैं और इस बार भी कुछ सामने नहीं आएगा.

केजरीवाल ने ट्वीट किया, ‘जिस दिन अमेरिका के सबसे बड़े अखबार न्यूयॉर्क टाइम्स के मुख्य पृष्ठ पर दिल्ली शिक्षा मॉडल की तारीफ और मनीष सिसोदिया की तस्वीर छपी, उसी दिन उनके घर पर केंद्र ने सीबीआई को भेजा.’

उन्होंने कहा, ‘सीबीआई का स्वागत है. पूरा सहयोग करेंगे. पहले भी कई जांच हुईं और छापे मारे गए. कुछ नहीं निकला. अब भी कुछ नहीं निकलेगा.’

उन्होंने एक अन्य ट्वीट किया, ‘दिल्ली के शिक्षा और स्वास्थ्य मॉडल की पूरी दुनिया चर्चा कर रही है. इसे ये रोकना चाहते हैं, इसीलिए दिल्ली के स्वास्थ्य एवं शिक्षा मंत्रियों के खिलाफ छापे मारे जा रहे हैं और गिरफ्तारी की जा रही हैं.’

केजरीवाल ने कहा, ‘जिसने भी 75 साल में अच्छे काम करने की कोशिश की, उसे रोका गया. इसीलिए भारत पीछे रह गया, लेकिन हम दिल्ली के अच्छे कामों को रुकने नहीं देंगे.’

न्यूयॉर्क टाइम्स में दिल्ली शिक्षा मॉडल की खबर प्रकाशित होने के संबंध में शुक्रवार सुबह मुख्यमंत्री ने ट्वीट कर कहा था, ‘दिल्ली ने भारत को गौरवान्वित किया है. दिल्ली मॉडल अमेरिका के सबसे बड़े अखबार के पहले पन्ने पर है. मनीष सिसोदिया स्वतंत्र भारत के सर्वश्रेष्ठ शिक्षा मंत्री हैं.’

मालूम हो कि नई आबकारी नीति 2021-22, 17 नवंबर 2021 से लागू की गई थी, जिसके तहत 32 मंडलों में विभाजित शहर में 849 ठेकों के लिए बोली लगाने वाली निजी संस्थाओं को खुदरा लाइसेंस दिए गए. कई शराब की दुकानें खुल नहीं पाईं. ऐसे कई ठेके नगर निगम ने सील कर दिए.

तब भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस ने इस नीति का पुरजोर विरोध किया था और इसकी जांच के लिए उपराज्यपाल के साथ केंद्रीय एजेंसियों में शिकायत दर्ज कराई थी.

आरोप है कि मनीष सिसोदिया ने कथित तौर पर कोविड-19 महामारी के बहाने निविदा लाइसेंस शुल्क पर शराब कारोबारियों को 144.36 करोड़ रुपये की छूट की अनुमति दी है. यह भी आरोप लगाया गया है कि आम आदमी पार्टी ने पंजाब चुनाव के दौरान इस पैसे का इस्तेमाल किया होगा.

बहरहाल उपराज्यपाल द्वारा आबकारी नीति में अनियमितताओं की सीबीआई जांच की सिफारिश के बाद उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने 30 जुलाई 2022 को जानकारी दी थी कि दिल्ली सरकार ने नई आबकारी नीति को फिलहाल वापस लेने का फैसला किया है और सरकार द्वारा संचालित दुकानों के जरिये शराब की बिक्री किए जाने का निर्देश दिया है.

सिसोदिया ने आरोप लगाया था कि भाजपा दिल्ली में शराब माफिया को बढ़ावा देने के लिए गंदी राजनीति कर रही है. यह भी आरोप लगाया था कि भाजपा शराब की दुकानों के लाइसेंसधारियों और आबकारी अधिकारियों को धमकाने के लिए सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) जैसी एजेंसियों का इस्तेमाल कर रही है.

उन्होंने कहा था, ‘चूंकि भ्रष्टाचार बंद हो गया, इसलिए इन लोगों द्वारा नई नीति की विफलता सुनिश्चित करने के लिए एक योजना बनाई गई थी. एक-एक कर उन्होंने ईडी और सीबीआई के नाम पर निजी कंपनियों को धमकाया. उनमें से कई ने दुकान बंद कर दी. नई नीति के तहत (पहले की तरह) 850 दुकानें हो सकती थीं, लेकिन वर्तमान में सिर्फ 468 चालू हैं.’

सिसोदिया ने कहा था, ‘पुरानी व्यवस्था के तहत सरकार को 6,000 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त होता था, जबकि नई आबकारी नीति के माध्यम से सरकार ने पूरे वर्ष में 9,500 करोड़ रुपये राजस्व प्राप्त करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया था.’

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