सरकार को गाजियाबाद की जल स्तर उठाने का काम शीघ्र करना चाहिए बलदेव राज बत्रा

 

बलदेव राज बत्रा

 हिंदी दैनिक आज का मतदाता गाजियाबाद गांधीनगर समाजसेवी और पत्रकार बलदेव राज बत्रा ने एक संक्षिप्त वार्ता के अंतर्गत कहा कि हम गाजियाबाद शहर के निवासी हैं गाजियाबाद बहुत प्रारंभ से ही औद्योगिक नगरी के रूप में जाना जाता रहा है समय-समय पर यहां की औद्योगिक इकाइयां पूरे विश्व में अपने प्रोडक्ट का परचम लहराती थी लेकिन वर्तमान स्थिति यह है कि बड़ी-बड़ी औद्योगिक इकाइयां गाजियाबाद से बाहर हो गई है इसके पीछे बहुत सारे बुनियादी कारण है लेकिन अगर मानवीय दृष्टिकोण से देखें तो सर्वप्रथम यही नजर आएगा कि औद्योगिक इकाइयों में वाटर ट्रीटमेंट प्लांट न लग पाने के कारण बहुत सारी क्षेत्रों के पानी का जलस्तर नीचे गिरने के साथ-साथ पानी विषैला भी हो गया है बलदेव राज बत्रा ने कहा कि आज हमें आगामी पीढ़ी को ध्यान में रखते हुए वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम को को अत्यधिक प्राथमिकता देनी होगी जिससे कि पीने योग्य पानी गंदे नालों में न जाए बल्कि वह जल संचयन इसके माध्यम से जमीन में संचित रहे और पानी की दिक्कत ना हो बलदेव राज बत्रा ने कहा कि सरकार कोई ऐसी  दिशा निर्देश जारी करें जिससे कि मकान बनाने वाला हर व्यक्ति अपने घर में वाटर हार्वेस्टिंग प्लांट को अवश्य ही लगाए जिससे कि पानी का जलस्तर ज्यादा नीचे ना जाए और भावी पीढ़ी के लिए पीने योग्य पानी पृथ्वी के अंदर संचित है बलदेव राज  ने कहा कि गाजियाबाद में बड़ी बड़ी इकाइयां है उनके साथ इतने बड़े-बड़े हाउसिंग सोसायटी है सभी के अंदर वाटर हार्वेस्टिंग अनिवार्य हो बलदेव राज बत्रा ने कहा कि बहुत आवश्यक है कि सरकार के साथ-साथ हम आम नागरिक भी वाटर हार्वेस्टिंग प्लांट के बारे में जागरूक रहें और लोगों को भी जागरूक करें क्योंकि जल है तो जीवन है अंत में एक सवाल के जवाब में बलदेव राज बत्रा ने कहा कि अगर हम अनादि काल में जाएं तो देखेंगे कि हर मंदिर या हर मस्जिद या हर गुरुद्वारा के सामने एक जलाशय   होता था जिसके पीछे मुख्य कारण यह था की उस परिसर में आने वाला हर नागरिक जल संचय नीति के बारे में समझ सके और ईश्वर का दर्शन करने के पूर्व जल की महत्ता को जान सके आज ज्यादातर मंदिरों के सामने जल संचय या जलाशय का स्थान न के बराबर है मंदिर के अगल-बगल जितने भी स्थान होते हैं वह सब पथरीले हो गए हैं पक्के हो गए हैं हम सभी को इस विषय पर सोचना चाहिए और पूर्व की  भांति वर्तमान में भी हर मंदिर के सामने उसके समीप एक जलाशय का निर्माण अवश्य करना चाहिए आज देश का हर नागरिक स्वच्छ जल पीने का हकदार है लेकिन यह तभी संभव हो पाएगा जब हम सब लोग जागरूक होंगे नहीं तो आज हम पानी का बोतल ₹100 लीटर में खरीदते हैं हो सकता है भविष्य में वह दिन भी आ जाए की हमें पीने का पानी ₹1000 लीटर खरीदना पड़े इसलिए हम सभी को जागरूक होना अत्यंत आवश्यक है

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