2017 से 2021 के बीच दहेज के चलते प्रतिदिन 20 मौतें हुईं: सरकारी डेटा

 


केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय कुमार मिश्रा ने एक सवाल के जवाब में राज्यसभा को बताया कि देशभर में साल 2017 से लेकर 2021 तक दहेज के चलते मौत के कुल 35,493 मामले सामने आए. इस अवधि में उत्तर प्रदेश में दैनिक मृत्यु का आंकड़ा सर्वाधिक रहा, जहां हर दिन छह मौतें दर्ज की गई.नई दिल्ली: देश में वर्ष 2017 से 2021 के बीच दहेज की वजह से मौत के लगभग हर दिन करीब 20 मामलों की सूचना मिली और उत्तर प्रदेश में हर दिन दहेज से सर्वाधिक छह मौत की खबर आई.

केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय कुमार मिश्रा ने राज्यसभा को एक प्रश्न के लिखित उत्तर में बताया कि देश में 2017 से 2021 के बीच दहेज की वजह से मौत के 35,493 मामलों का पता चला.

उन्होंने बताया कि वर्ष 2017 में दहेज से मौत के 7,466 मामले, 2018 में 7,167 मामले, 2019 में 7,141 मामले, 2020 में 6,966 मामले और 2021 में 6,753 मामलों की सूचना मिली.मिश्रा ने बताया कि उत्तर प्रदेश में इन पांच वर्ष के दौरान हर दिन दहेज से सर्वाधिक छह मौत की खबर आई.

उन्होंने बताया कि 2017 से 2021 के दौरान दहेज के कारण मौत के बिहार में 5,354 मामले, मध्य प्रदेश में 2,859 मामले, पश्चिम बंगाल में 2,389 मामले और राजस्थान में 2,244 मामलों की सूचना मिली.

गौरतलब है कि आईपीसी की धारा 304 बी (1) विवाह के सात साल के भीतर महिला की जलने या शारीरिक चोटों की वजह से या अन्य सामान्य परिस्थितियों में महिला की मौत को दहेज मृत्यु के तौर पर परिभाषित करती है या फिर ऐसा देखा जाए कि महिला की मौत से पहले उसके पति या पति के संबंधियों के द्वारा दहेज की मांग के संबंध में उसके साथ क्रूरता या उत्पीड़न किया गया हो, तो उसे भी दहेज मृत्यु के तौर पर चिह्नित किया गया है.

अगस्त 2022 में आई राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) की ‘क्राइम इन इंडिया 2021’ रिपोर्ट के अनुसार, 2020 में देश भर में दहेज हत्या के 6,589 मामले दर्ज किए गए, जिनमें 6,628 लोगों की मौत हुई. इनमें से एक तिहाई से अधिक मामले उत्तर प्रदेश में थे, जहां 2,222 मामले दर्ज किए गए हैं. बिहार (1,000) एकमात्र अन्य राज्य था जहां दहेज हत्या के चार अंकों के मामले दर्ज किए गए.

महानगरों में दिल्ली में दहेज हत्या के 136 मामले दर्ज किए गए- जो अब तक की सबसे अधिक संख्या है. दूसरे, सबसे ज्यादा मामले लखनऊ (51) में दर्ज किए गए, उसके बाद जयपुर में (34) दर्ज किए गए.

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