अभिभावकों की शिकायत पर दिल्ली सरकार ने 12 निजी स्कूलों को कारण बताओ नोटिस जारी करने के अलावा छह अन्य स्कूलों के ख़िलाफ़ जांच के आदेश दिए हैं. दिल्ली की शिक्षा मंत्री ने कहा कि अगर कोई स्कूल अभिभावकों को विशिष्ट विक्रेताओं से महंगी किताबें और यूनिफॉर्म ख़रीदने के लिए मजबूर करता है, तो यह नियमों का उल्लंघन है.
नई दिल्ली: दिल्ली सरकार ने किताबों और यूनिफॉर्म की खरीद से संबंधित शिक्षा विभाग के दिशानिर्देशों का कथित रूप से उल्लंघन करने के लिए 12 निजी स्कूलों को कारण बताओ नोटिस जारी करने के अलावा छह अन्य स्कूलों के खिलाफ जांच के आदेश दिए हैं.
बुधवार को जारी एक आधिकारिक अधिसूचना में कहा गया है, ‘शिक्षा निदेशालय के दिशानिर्देशों का पालन नहीं करने पर राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के 12 निजी स्कूलों को कारण बताओ नोटिस भेजा गया है. स्कूलों से नोटिस का संतोषजनक जवाब नहीं मिला तो उन्हें विभाग की कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा.’
आगे कहा गया है, ‘अभिभावकों की शिकायतों पर तत्काल कार्रवाई की जा रही है और 12 स्कूलों को कारण बताओ नोटिस भेजा गया है और 6 अन्य स्कूलों के खिलाफ जांच के आदेश दिए गए हैं.’
बुधवार को इस मुद्दे पर बातचीत करते हुए दिल्ली की शिक्षा मंत्री आतिशी ने कहा, ‘शिक्षा विभाग द्वारा जारी दिशानिर्देश माता-पिता को अपनी पसंद के विक्रेताओं से किताबें और यूनिफॉर्म खरीदने की आजादी देते हैं. अगर कोई स्कूल अभिभावकों को विशिष्ट विक्रेताओं से महंगी किताबें और यूनिफॉर्म खरीदने के लिए मजबूर करता है, तो यह नियमों का उल्लंघन है. यह (अरविंद) केजरीवाल सरकार द्वारा बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और इन नियमों का उल्लंघन करने वाले स्कूलों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.’
उन्होंने आगे कहा कि शिक्षा विभाग के दिशानिर्देशों में कहा गया है कि निजी स्कूलों को नए शैक्षणिक सत्र की शुरुआत से पहले अपनी वेबसाइट पर किताबों और अन्य अध्ययन सामग्री की कक्षावार सूची प्रदर्शित करनी होगी. इसके अलावा स्कूलों को अपनी वेबसाइट पर आसपास की कम से कम पांच दुकानों के पते और फोन नंबर भी प्रदर्शित करने चाहिए, जहां माता-पिता किताबें और स्कूल यूनिफॉर्म खरीद सकें.
उनके अनुसार, माता-पिता को अपनी सुविधानुसार इन वस्तुओं को किसी भी दुकान से खरीदने की स्वतंत्रता है और स्कूल उन्हें किसी विशेष विक्रेता से खरीदने के लिए बाध्य नहीं कर सकते हैं. दिशानिर्देश यह भी कहते हैं कि निजी स्कूल कम से कम तीन साल तक स्कूल यूनिफॉर्म के रंग, डिजाइन या अन्य विशिष्टताओं को नहीं बदल सकते