मुख्यमंत्री ने अयोध्या विजन-2047 के अन्तर्गत कराए जा रहे विकास कार्यों की समीक्षा की

 


मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कहा कि अयोध्या के समग्र विकास के लिए डबल इंजन की सरकार ने 30,000 करोड़ रुपये से अधिक की परियोजनाएं स्वीकृत की हैं। इनमें से अधिकतर परियोजनाओं का कार्य प्रारम्भ हो चुका है। यह परियोजनाएं पूर्ण होने की ओर अग्रसर हैं। प्रदेश सरकार का प्रयास है कि दीपोत्सव से पूर्व यह योजनाएं पूर्ण हो जाएं। उन्होंने कहा कि अयोध्या सहित देश व प्रदेश के लिए एक गौरवशाली क्षण आने वाला है, जब देश के यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी द्वारा जनवरी, 2024 में मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम को एक बार पुनः उनके भव्य मन्दिर में विराजमान कराने के लिए दिव्य आयोजन किया जाएगा। एक नई और भव्य अयोध्या का दर्शन देश व दुनिया को होगा। इसी की तैयारी प्रदेश सरकार द्वारा प्रारम्भ की गई है। इसका पहला रिहर्सल दीपोत्सव में देखने को मिलेगा।

मुख्यमंत्री जी आज जनपद अयोध्या में विकास कार्यों के समीक्षा बैठक के उपरान्त मीडिया प्रतिनिधियों को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि पिछले 06 वर्षों से लगातार दीपोत्सव के आयोजन के माध्यम से प्रदेश सरकार द्वारा अयोध्या को वैश्विक मंच पर पुनर्स्थापित करने का सफलतम प्रयास किया गया है। प्रधानमंत्री जी के मार्गदर्शन में अयोध्या में चल रहे विकास कार्यों के माध्यम से अयोध्या की आध्यात्मिक और सांस्कृतिक पहचान को बनाए रखते हुए भौतिक विकास की दृष्टि से दुनिया की सबसे सुन्दरतम नगरी के रूप में स्थापित किया जा रहा है। इसके लिए विभिन्न विभागों को गुणवत्ता को बनाए रखते हुए समयबद्धता से विकास कार्यों को कराने के निर्देश दिए गए थे। इन कार्यों की आज समीक्षा की गई है। सभी विभागों ने युद्धस्तर पर अपने कार्यों को आगे बढ़ाया है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि उनके द्वारा आज अयोध्या के विभिन्न विकास कार्यों का निरीक्षण किया गया है। सभी विभागों ने रुचि लेकर अयोध्या के अनुरूप कार्यों को त्वरित गति से आगे बढ़ाया है। राज्य सरकार का प्रयास है कि दीपोत्सव तक अधिकतर कार्य पूरे हो जाएं। शेष कार्यों को 31 दिसम्बर, 2023 तक पूरा करते हुए दिव्य और भव्य अयोध्या देश व दुनिया के श्रद्धालुओं को उपलब्ध करायी जाएगी। उन्होंने कहा कि अयोध्या दीपोत्सव के लिए पहले से ही तैयार है। जनवरी, 2024 के भव्य आयोजन के लिए भी तैयार करेगी, जिसका इंतजार अयोध्यावासियों, प्रदेशवासियों तथा हर सनातन धर्मावलम्बी को विगत 500 वर्षों से है।
इससे पूर्व, मुख्यमंत्री जी ने जनपद अयोध्या में आयुक्त सभागार में अयोध्या विजन-2047 के अन्तर्गत कराए जा रहे विकास कार्यों की समीक्षा की। उल्लेखनीय है कि अयोध्या विजन-2047 के तहत 174 क्रियात्मक परियोजनाएं हैं, जिनकी लागत
30153.19 करोड़ रुपये है। 37 कार्यकारी विभागों से सम्बन्धित इन परियोजनाओं में प्राथमिकता की 98 परियोजनाएं सम्मिलित हैं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि रामपथ के प्रथम फेज (नयाघाट से उदया चौराहा) के फुटपाथ, स्ट्रीट लाइट व सजावटी कार्य सहित सभी कार्यों को पूरी गुणवत्ता के साथ दीपोत्सव के पहले पूर्ण किया जाए, जिससे श्रद्धालुओं को कोई असुविधा न हो। सड़कों पर गंदगी न रहे, इसके लिए निरन्तर साफ-सफाई करायी जाए। पर्याप्त संख्या में सार्वजनिक शौचालय बनाए जाएं और अयोध्या क्षेत्र में स्ट्रीट वेण्डरों के लिए अलग से व्यवस्था की जाए। विस्थापितों का शत-प्रतिशत पुनर्वास किया जाए। अयोध्या को विश्वस्तरीय पर्यटन नगरी बनाने के लिए सभी अधिकारी पूरी क्षमता से कार्य करें तथा जनप्रतिनिधिगण इसमें सहयोग करें।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि जन्मभूमि पथ, भक्ति पथ आदि मार्गों पर किसी भी प्रकार का अतिक्रमण न होने दिया जाए। इन मार्गों पर स्थित मन्दिरों में श्रद्वालुओं के आने-जाने के लिए बेहतर व्यवस्था की जाए। धर्मपथ के चौड़ीकरण का कार्य भी जल्द से जल्द पूर्ण किया जाए। रामपथ, भक्तिपथ, जन्मभूमि पथ पर किए जा रहे फसाड सौन्दर्यीकरण के कार्यों को भी शीघ्र पूरा किया जाए। एयरपोर्ट एवं अयोध्या से जुडने वाले राष्ट्रीय राजमार्गों पर सजावट के कार्य कराए जाएं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि ग्रीनफील्ड आवासीय योजना के विकास की गति को तेज किया जाए। देश के विभिन्न राज्यों के अलावा विदेशों के भी गेस्ट हाउस यहां बनेंगे। भारत में एक हजार से अधिक पंथ व सम्प्रदाय हैं, इनके भी मठ-मन्दिर बन सकते हैं। इसके लिए इस योजना का और विस्तार करते हुए पोर्टल पर प्रदर्शित किया जाए, जिससे सभी को इस आवासीय योजना की जानकारी प्राप्त हो सके। अयोध्या का मास्टर प्लान-2031 बन रहा है। अयोध्या की सांस्कृतिक विरासत एवं विश्व पटल पर इसके महत्व के दृष्टिगत मास्टर प्लान के विस्तार के लिए शासन को प्रस्ताव प्रेषित किया जाए, जिस पर शासन द्वारा जल्द निर्णय लिया जाए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि अयोध्या के मुख्य मार्गों का विस्तार लोक निर्माण विभाग द्वारा किया जा रहा है। नगर के अंदर के मार्गों/गलियों का निर्माण नगर निगम और अयोध्या विकास प्राधिकरण द्वारा प्लानिंग के साथ किया जाए, जिससे ऐसी गलियों जिनका लेवल सड़क से नीचा हो गया है, उनमें जलभराव की समस्या न उत्पन्न होने पाए। अयोध्या नगर निगम में कुल 60 वॉर्ड हैं, जिसमें से 15 वॉर्ड अयोध्या के धार्मिक क्षेत्र में हैं। इन सभी वॉर्डों में कम्युनिटी/कन्वेंशन सेण्टर बनाया जाए। शेष 45 वॉर्डों हेतु दो-दो वॉर्डों को मिलाकर एक कन्वेंशन सेण्टर बनाया जाए, जिससे सभी आयोजन कन्वेंशन सेण्टर में किए जा सकें, सड़क पर कोई कार्यक्रम न हो।
कायाकल्प योजना के तहत नगर निगम द्वारा अयोध्या के जिन 33 पार्कों का जीर्णोद्धार किया गया है, इन सभी पार्कों को दो-तीन पार्कों के गु्रप में विभाजित कर प्राइवेट संस्थाओं के माध्यम से बेहतर ढंग से संचालित कराया जाए। ई-रिक्शा और ई-टैक्सी का रूट निर्धारित किया जाए तथा यह भी सुनिश्चित किया जाए कि इनका संचालन नाबालिग एवं अत्यन्त वृद्ध चालकों द्वारा न किया जाए। इन ई-वाहनों के चार्जिंग प्वाइण्ट पेट्रोल पम्प के आसपास बनाए जाएं। स्मार्ट सिटी योजना के तहत स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स सहित श्रद्धालुओं हेतु अन्य सुविधाएं विकसित की जाएं।
मुख्यमंत्री जी ने तुलसी स्मारक भवन की प्रगति को बढ़ाने पर बल देते हुए कहा कि संस्कृति विभाग के अधिकारी जल्द से जल्द अवशेष धनराशि का भुगतान करें। तुलसी स्मारक भवन में संत तुलसीदास जी की रचनाओं एवं उनके जीवन के विभिन्न पहलुओं को चरणबद्ध ढंग से प्रकाश डालते हुए तैयार किया जाए। मानस पर अच्छे कार्य करने वाले लोगों को प्रोत्साहित किया जाए। मुक्ति पथ/बैकुण्ठ धाम का भी बेहतर ढंग से निर्माण किया जाए, जिससे शहर की पवित्रता में वृद्धि हो और लोगों की सुविधा में विस्तार हो।
मुख्यमंत्री जी द्वारा बैठक में 0.74 किलोमीटर लम्बे भक्ति पथ, श्रीराम जन्मभूमि पथ से हनुमानगढ़ी होते हुए रामपथ तक के मार्ग के चौड़ीकरण एवं सुदृढ़ीकरण कार्य को जल्द से जल्द पूर्ण करने के निर्देश दिए गए। उन्होंने अयोध्या में एन0एच0-27 बाईपास से निकलकर मोहबरा बाजार होते हुए टेढ़ी बाजार श्रीराम जन्मभूमि तक 4-लेन मार्ग को शीघ्र पूर्ण करने के निर्देश दिए। उन्होंने मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम अन्तरराष्ट्रीय एयरपोर्ट के निर्माण में रनवे के 100 प्रतिशत तथा भवन निर्माण के कार्य को तेजी से करने के भी निर्देश दिए।
बैठक में मुख्यमंत्री जी को अवगत कराया गया कि सर्वोच्च प्राथमिकता की परियोजना रामपथ, सहादतगंज से नयाघाट तक निर्माणाधीन है। इसकी लम्बाई 12.94 किलोमीटर तथा कुल स्वीकृत लागत 797.69 करोड़ रुपये है। इस परियोजना का 75 प्रतिशत कार्य पूर्ण हो चुका है तथा कार्य को पूर्ण करने का लक्ष्य 31 दिसम्बर, 2023 निर्धारित है। श्रीराम जन्मभूमि पथ की कुल लम्बाई 0.566 कि0मी0 है। यह पथ सुग्रीव किला से श्रीराम जन्मभूमि मन्दिर है। इसकी कुल लागत 39.43 करोड़ रुपये है, जिसका 98 प्रतिशत कार्य पूर्ण हो चुका है।
बैठक के दौरान अयोध्या विजन-2047 का प्रस्तुतिकरण अपर मुख्य सचिव आवास/नोडल अधिकारी श्री नितिन रमेश गोकर्ण द्वारा किया गया। विकास कार्यों के सम्बन्ध में विस्तृत विवरण मण्डलायुक्त श्री गौरव दयाल द्वारा प्रस्तुत किया गया।
बैठक में कृषि मंत्री/जनपद के प्रभारी मंत्री श्री सूर्य प्रताप शाही, सांसद श्री लल्लू सिंह, अयोध्या महापौर श्री गिरीश पति त्रिपाठी, विधायकगण श्री रामचन्द्र यादव, श्री वेदप्रकाश गुप्ता, डॉ0 अमित सिंह चौहान, एम0एल0सी0 श्री हरिओम पाण्डेय सहित अन्य जनप्रतिनिधिगण, अपर मुख्य सचिव ऊर्जा श्री महेश कुमार गुप्ता, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री, गृह एवं सूचना श्री संजय प्रसाद तथा शासन-प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
इससे पूर्व, मुख्यमंत्री जी ने श्री हनुमानगढ़ी तथा भगवान श्री रामलला के दर्शन-पूजन किया। बैठक के उपरान्त उन्होंने पेइंग गेस्ट योजना के अन्तर्गत भवन स्वामियों को प्रमाण-पत्र वितरित किए। उन्होंने जनपद में संचालित विभिन्न विकास कार्यों का स्थलीय निरीक्षण भी किया।
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