रामायण काल से अयोध्या में दीपोत्सव की परंपरा सारे देश में प्रचलित है

 




बुंदेली दशहरा मिलन कार्यक्रम को संबोधित करते हुए रक्षा मंत्री ने कहा कि मैंने होली मिलन, दीपावली मिलन और दशहरा मिलन का नाम सुना था और कार्यक्रमों में भी सम्मिलित हुआ लेकिन पहली बार बुंदेली दशहरा कार्यक्रम में शिरकत करने का अवसर प्राप्त हुआ है।  दशहरे में रामचंद्र जी ने रावण का वध किया और 20 दिन के बाद दीपावली के अवसर पर जब अयोध्या पहुंचे तो अयोध्या दुल्हन की तरह सजाई गई थी। रामायण काल से अयोध्या में दीपोत्सव की परंपरा सारे देश में प्रचलित है । लेकिन मुझे खुशी है कि जब मैं विदेश में जाता हूं तो भी दीपावली का कार्यक्रम हर्षोल्लास से मनाया जाता है यह अत्यंत हर्ष का विषय है। लखनऊ अवध संस्कृति का प्रतीक है, वैसे तो लक्ष्मण नगरी के रूप में भी लखनऊ को जानते हैं। जहां तक बुंदेलखंड का सवाल है उसका भी इतिहास है। आपका संगठन भी लखनऊ में बुंदेली उत्तराखंड का रंग बिखेर रहा है जानकारी प्रसन्नता हुई।


बुंदेलखंड वर्षों से पिछड़ा हुआ क्षेत्र था लेकिन आज बड़ी तेजी से तस्वीर बदली है सूखे का संकट बना रहता था लेकिन आज सभी संकटों से निजात मिली है और  कई जिलों में डिफेंस कॉरिडोर भी बन रहा है विभिन्न प्रकार के डिफेंस से संबंधित हथियार भी बुंदेलखंड में बनेंगे। बुंदेलखंड और अवध के बीच आत्मीय रिश्ता है। जब भगवान राम वनवास के लिए निकले तो चित्रकूट में ही अपना आवास बनाया था राम केवल उत्तर प्रदेश और बुंदेलखंड को ही नहीं जोड़ते अपितु पूरे भारतवासियों को जोड़ते हैं और बाहर रह रहे लोगों को भी हमारे श्रीराम जोड़ते हैं।


 अयोध्या में श्री राम का मंदिर भी लगभग बनकर तैयार है। शीघ्र ही प्राण प्रतिष्ठा भी होगी इसमें माननीय प्रधानमंत्री जी भी आ रहे हैं और पूरा देश ही नहीं दूसरे देश में रहने वाली भारतीय भी उस क्षण की प्रतीक्षा कर रहे हैं जब 22 जनवरी को वहां पर प्राण प्रतिष्ठा होगी। सच्चाई है कि भगवान राम का मुद्दा हमारे लिए कभी राजनीतिक मुद्दा नहीं रहा हमारे लिए आस्था, श्रद्धा और विश्वास का मुद्दा है और भारत की सांस्कृतिक विरासत हमारी बहुत बड़ी ताकत है। मोदी सरकार ने हमारी अपनी सांस्कृतिक विरासत को बचाने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं।


कार्यक्रम के दौरान बुंदेली समाज की संस्कृति  पर नाट्य मंचन का प्रदर्शन भी किया गया और सभी कलाकारों को रक्षा मंत्री जी द्वारा सम्मानित भी किया गया।

कार्यक्रम का शुभारंभ रक्षा मंत्री, महानगर अध्यक्ष आनंद द्विवेदी, महापौर सुषमा खर्कवाल, एमएलसी मुकेश शर्मा और समिति के संरक्षक द्वारा दीप प्रज्वलन के साथ किया गया। रक्षा मंत्री ओएसडी केपी सिंह, दिवाकर त्रिपाठी, और डॉ राघवेंद्र शुक्ला भी उपस्थित रहे।


मीडिया प्रभारी प्रवीण गर्ग ने बताया कि बुंदेली दशहरा मिलन कार्यक्रम में बुंदेली समाज के संरक्षक ज्ञानेंद्र शर्मा, देवकीनंदन शांत , संस्थापक सेंट जोसफ विद्यालय समूह पुष्प लता अग्रवाल, प्रबंधक निदेशक अनिल अग्रवाल,बनारसी प्रसाद, मथुरा प्रसाद वैश्य,महेंद्र कुमार तिवारी अध्यक्ष महेंद्र अवस्थी, कैलाश जैन ,राखी अग्रवाल, निदेशक नम्रता अग्रवाल मुख्य रूप से उपस्थित रहे।

टिप्पणियाँ
Popular posts
परमपिता परमेश्वर उन्हें अपने चरणों में स्थान दें, उनकी आत्मा को शांति प्रदान करें व समस्त परिजनों व समाज को इस दुख की घड़ी में उनका वियोग सहने की शक्ति प्रदान करें-व्यापारी सुरक्षा फोरम
चित्र
पीपल, बरगद, पाकड़, गूलर और आम ये पांच तरह के पेड़ धार्मिक रूप से बेहद महत्व
चित्र
भारत की स्वतंत्रता प्राप्ति में भी ब्राह्मणों के बलिदान का एक पृथक वर्चस्व रहा है।
चित्र
ब्रिटेन की नई हुकूमत के समक्ष चुनौतियों की भरमार?
चित्र
अहमदाबाद: 17 किलोमीटर लंबी रथ यात्रा, एक लाख साड़ियां और...अमित शाह