किसानों के साथ-साथ लखीमपुर खीरी के जनजाति समुदाय से जुड़े लोग भी आए हैं। यह लोग खेती की उन्नत किस्म को आगे बढ़ाने में अपना योगदान दे रहे हैं।प्रदेश में स्थित 89 कृषि विज्ञान केन्द्रों, 04 राज्य कृषि विश्वविद्यालयों (पाँचवां भी स्थापित होने जा रहा है) कृषि, बागवानी, आयुष आदि क्षेत्रों से जुड़े वैज्ञानिकों तथा लोगों को समय-समय पर सीमैप, सी0डी0आर0आई0, एन0बी0आर0आई0 तथा आई0आई0टी0आर0 लैबोरेट्रीज की विजिट कराई जानी चाहिए, ताकि इनकी क्षमताओं का बेहतर उपयोग कर, किसानों की आमदनी को कई गुना बढ़ाने का कार्य किया जा सके। इस दिशा में तेजी के साथ प्रयास किए जाने की आवश्यकता है।मुख्यमंत्री जी ने कहा कि यदि किसान खुशहाल होगा तो प्रदेश खुशहाल होगा। राज्य में पर्याप्त उर्वर भूमि, प्रचुर जल संसाधन हैं। प्रदेश में देश की कुल कृषि योग्य भूमि का 11 प्रतिशत कृषि भूमि है, इसके बावजूद देश के कुल खाद्यान्न उत्पादन का 22 प्रतिशत खाद्यान्न केवल उत्तर प्रदेश में उत्पादित होता है। यह यहां की भूमि की उर्वरता को प्रदर्शित करता है। इस क्षेत्र में हमें अभी बहुत कुछ करना है।मुख्यमंत्री जी ने कहा कि सीमैप द्वारा उन्हें बताया गया कि संस्थान ने अलग-अलग क्लस्टर विकसित किए हैं। हम प्रदेश के सभी 89 कृषि विज्ञान केन्द्रों में क्लस्टर विकसित कर, नए तरीके से किसानों के समूह को आगे बढ़ाने में अपना योगदान दे सकते हैं। यदि हम औषधीय पौधों की खेती, प्रोसेसिंग तथा मार्केटिंग को इसके साथ जोड़ लें, तो कई गुना अधिक लाभ किसानों को प्राप्त होगा। यदि किसान परम्परागत खेती के अंतर्गत प्रति एकड़ प्रतिवर्ष 20 से 25 हजार रुपये कमा रहा है, तो औषधीय पौधों की खेती में वही किसान सवा लाख से डेढ़ लाख रुपये प्रति एकड़ प्रतिवर्ष कमा सकता है। इस दिशा में सीमैप तथा अन्य केन्द्रीय लैबोरेट्रीज द्वारा प्रयास प्रारम्भ किया गया है। यदि सभी मिलकर इस कार्य को आगे बढ़ाएंगे, तो इसके बेहतर परिणाम आएंगे।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि यह सम्मेलन ऐसे समय में हुआ है, जब 500 वर्षों की लम्बी प्रतीक्षा के पश्चात अयोध्या में प्रभु श्रीरामलला अपने स्वयं के भव्य मंदिर में विराजमान हुए हैं। उन्होंने किसान मेले में उपस्थित किसानों से कहा कि यदि आप लोग अयोध्या नगरी जाने के इच्छुक होंगे तो प्रदेश सरकार अयोध्या ले जाने का प्रबन्ध करेगी। इससे देश के विभिन्न राज्यों से आए हुए किसानों को लखनऊ तथा अयोध्या दर्शन का अवसर प्राप्त होगा।
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री जी ने किसानों को उन्नतशील प्रजातियों की पौध रोपण सामग्री का वितरण किया। उन्होंने किसान मेले की स्मारिका तथा कृषि की उन्नतशील प्रजातियों पर केन्द्रित एक पुस्तिका का विमोचन भी किया। मुख्यमंत्री जी ने हर्बल उत्पाद, एलोवेरा जेल तथा वैज्ञानिकों द्वारा विकसित एरोमा ऐप का शुभारम्भ किया।
इसके पूर्व, मुख्यमंत्री जी ने किसान मेले में लगी हुई प्रदर्शनी का अवलोकन तथा पौधरोपण किया।
कार्यक्रम को कृषि मंत्री श्री सूर्य प्रताप शाही ने भी सम्बोधित किया।
इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव कृषि श्री देवेश चतुर्वेदी, मुख्यमंत्री जी के सलाहकार श्री अवनीश कुमार अवस्थी, महानिदेशक सी0एस0आई0आर0 श्रीमती एन0 कलैसेल्वी, निदेशक सीमैप डॉ0 प्रबोध कुमार त्रिवेदी, निदेशक एन0बी0आर0आई0 डॉ0 अजीत कुमार शासनी, निदेशक आई0आई0टी0आर0 डॉ0 भास्कर नारायण, निदेशक सी0डी0आर0आई0 डॉ0 राधा रंगराजन सहित अन्य गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।वैज्ञानिकों तथा लोगों को समय-समय पर सीमैप, सी0डी0आर0आई0, एन0बी0आर0आई0 तथा आई0आई0टी0आर0 लैबोरेट्रीज की विजिट कराई जानी चाहिए, ताकि इनकी क्षमताओं का बेहतर उपयोग कर, किसानों की आमदनी को कई गुना बढ़ाने का कार्य किया जा सके। इस दिशा में तेजी के साथ प्रयास किए जाने की आवश्यकता है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि यदि किसान खुशहाल होगा तो प्रदेश खुशहाल होगा। राज्य में पर्याप्त उर्वर भूमि, प्रचुर जल संसाधन हैं। प्रदेश में देश की कुल कृषि योग्य भूमि का 11 प्रतिशत कृषि भूमि है, इसके बावजूद देश के कुल खाद्यान्न उत्पादन का 22 प्रतिशत खाद्यान्न केवल उत्तर प्रदेश में उत्पादित होता है। यह यहां की भूमि की उर्वरता को प्रदर्शित करता है। इस क्षेत्र में हमें अभी बहुत कुछ करना है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि सीमैप द्वारा उन्हें बताया गया कि संस्थान ने अलग-अलग क्लस्टर विकसित किए हैं। हम प्रदेश के सभी 89 कृषि विज्ञान केन्द्रों में क्लस्टर विकसित कर, नए तरीके से किसानों के समूह को आगे बढ़ाने में अपना योगदान दे सकते हैं। यदि हम औषधीय पौधों की खेती, प्रोसेसिंग तथा मार्केटिंग को इसके साथ जोड़ लें, तो कई गुना अधिक लाभ किसानों को प्राप्त होगा। यदि किसान परम्परागत खेती के अंतर्गत प्रति एकड़ प्रतिवर्ष 20 से 25 हजार रुपये कमा रहा है, तो औषधीय पौधों की खेती में वही किसान सवा लाख से डेढ़ लाख रुपये प्रति एकड़ प्रतिवर्ष कमा सकता है। इस दिशा में सीमैप तथा अन्य केन्द्रीय लैबोरेट्रीज द्वारा प्रयास प्रारम्भ किया गया है। यदि सभी मिलकर इस कार्य को आगे बढ़ाएंगे, तो इसके बेहतर परिणाम आएंगे।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि यह सम्मेलन ऐसे समय में हुआ है, जब 500 वर्षों की लम्बी प्रतीक्षा के पश्चात अयोध्या में प्रभु श्रीरामलला अपने स्वयं के भव्य मंदिर में विराजमान हुए हैं। उन्होंने किसान मेले में उपस्थित किसानों से कहा कि यदि आप लोग अयोध्या नगरी जाने के इच्छुक होंगे तो प्रदेश सरकार अयोध्या ले जाने का प्रबन्ध करेगी। इससे देश के विभिन्न राज्यों से आए हुए किसानों को लखनऊ तथा अयोध्या दर्शन का अवसर प्राप्त होगा।
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री जी ने किसानों को उन्नतशील प्रजातियों की पौध रोपण सामग्री का वितरण किया। उन्होंने किसान मेले की स्मारिका तथा कृषि की उन्नतशील प्रजातियों पर केन्द्रित एक पुस्तिका का विमोचन भी किया। मुख्यमंत्री जी ने हर्बल उत्पाद, एलोवेरा जेल तथा वैज्ञानिकों द्वारा विकसित एरोमा ऐप का शुभारम्भ किया।
इसके पूर्व, मुख्यमंत्री जी ने किसान मेले में लगी हुई प्रदर्शनी का अवलोकन तथा पौधरोपण किया।
कार्यक्रम को कृषि मंत्री श्री सूर्य प्रताप शाही ने भी सम्बोधित किया।
इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव कृषि श्री देवेश चतुर्वेदी, मुख्यमंत्री जी के सलाहकार श्री अवनीश कुमार अवस्थी, महानिदेशक सी0एस0आई0आर0 श्रीमती एन0 कलैसेल्वी, निदेशक सीमैप डॉ0 प्रबोध कुमार त्रिवेदी, निदेशक एन0बी0आर0आई0 डॉ0 अजीत कुमार शासनी, निदेशक आई0आई0टी0आर0 डॉ0 भास्कर नारायण, निदेशक सी0डी0आर0आई0 डॉ0 राधा रंगराजन सहित अन्य गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।