सुप्रीम कोर्ट ने मामले की गंभीरता को समझा और SBI को कल तक सभी दस्तावेज जमा करने के कड़े निर्देश दिए। यह बहुत अच्छा फैसला है, लोकदल ने इसका स्वागत किया है। चुनाव में कालेधन के उपयोग और सत्ता में पूँजीपतियों की गैर कानूनी हिस्सेदारी के खिलाफ है। एक राजनीतिक दल और एक सरकारी बैंक मिलकर देश की उच्चतम अदालत के फैसले को ठेंगा दिखा रहे थे। ऐसी पार्टियों के लिए सुप्रीम कोर्ट कानून के साथ मनमानी नहीं करने देगा। देश का सबसे बड़ा सरकारी बैंक भी अब बीजेपी सरकार की आर्थिक अनियमितता और कालेधन के स्रोत को छिपाने का जरिया बन रहा है। जनता को इस पूरे मामले में जो समझना था, वो समझ चुकी है। अब चेहरे से पर्दा उठने का समय आ गया है। अब बैंक और बीजेपी चाहे कितने भी षड्यंत्र रच लें, चंदे के इस पूरे खेल का सच कल सबके सामने दिख जायेगा।