क्या Kejriwal को सताने लगा हार का डर! द‍िल्‍ली में AAP के कितने व‍िधायकों का कटेगा टिकट?

 


केजरीवाल जिला और बूथ स्तर के पार्टी कार्यकर्ताओं से मुलाकात कर रहे हैं। वे कड़ा संदेश देने की कोशिश भी कर रहे है कि उनकी वफादारी किसी एक विधायक या पार्षद के साथ नहीं, बल्कि सीधे उनसे जुड़ी होनी चाहिए।

दिल्ली में अगले साल की शुरुआत में विधानसभा के चुनाव होने हैं। दिल्ली में चुनावी तैयारी भाजपा और आम आदमी पार्टी दोनों की ओर से शुरू हो चुकी है। कहीं ना कहीं आम आदमी पार्टी लगातार 10 सालों तक सत्ता में रहने के बाद इस बार हैट्रिक बनाने की कोशिश करेगी। यही कारण है कि आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भी लगातार लोगों के बीच जाने की कोशिश कर रहे हैं। इन सब के बीच ऐसा लग रहा है कि कहीं ना कहीं अरविंद केजरीवाल इस विधानसभा चुनाव में नए चेहरों को प्राथमिकता दे सकते हैं।केजरीवाल जिला और बूथ स्तर के पार्टी कार्यकर्ताओं से मुलाकात कर रहे हैं। वे कड़ा संदेश देने की कोशिश भी कर रहे है कि उनकी वफादारी किसी एक विधायक या पार्षद के साथ नहीं, बल्कि सीधे उनसे जुड़ी होनी चाहिए। केजरीवाल ने इस बात पर भी जोर दिया कि पार्टी अपने उम्मीदवारों का फैसला पूरी तरह प्रदर्शन और काम के आधार पर करेगी, न कि राजनीतिक पक्षपात के आधार पर। कार्यकर्ताओं से केजरीवाल ने कहा कि आपको ऐसे काम करना चाहिए जैसे कि मैं दिल्ली में सभी 70 सीटों पर चुनाव लड़ रहा हूं। उन्होंने कहा कि मैंने कभी कोई भाई-भतीजावाद नहीं किया। मेरे परिवार से कोई राजनीति के अंदर नहीं है। मेरा कोई दोस्त नहीं है, मेरा कोई रिश्तेदार नहीं है। जिन-जिन को जो भी टिकट देंगे, सोच समझकर देंगे। किसने क्या काम किया, कैसे किया।  

आप नेता ने बता दिया कि हम प्रदर्शन और कड़े सर्वेक्षण के आधार पर टिकट वितरित करेंगे। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि कोई विधायक या पार्षद नहीं चुना गया; आपकी निष्ठा मेरे साथ होनी चाहिए क्योंकि मैं सभी सीटों पर आपके सामने हूं। आम आदमी पार्टी सुप्रीमो ने पार्टी कार्यकर्ताओं से आग्रह किया कि वे मतदाताओं के पास जाएं, भले ही वे आप विधायकों या खुद केजरीवाल से नाराज हों, और उन्हें याद दिलाएं कि अगर पार्टी सत्ता बरकरार नहीं रखती है, तो दिल्ली फिर से अन्य राज्यों की तरह बन जाएगी। उन्होंने दावा किया कि दिल्ली के लोग कुछ विधायकों या यहां तक ​​कि मुझसे भी नाराज हो सकते हैं, लेकिन याद रखें कि अगर भाजपा सत्ता में आई तो दिल्ली का हाल उत्तर प्रदेश, बिहार, हरियाणा या राजस्थान जैसा हो सकता है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर निशाना साधते हुए केजरीवाल ने उस पर राष्ट्रीय राजधानी में आप की पहल को कमजोर करने का प्रयास करने का आरोप लगाया। उन्होंने मुफ्त बिजली मुहैया कराने के भाजपा के हालिया वादे पर भी प्रकाश डाला और इसे आप की लोकप्रिय कल्याणकारी योजनाओं की नकल करने का हताश प्रयास बताया।

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