बजट पेश होने में मात्र एक दिन बचा है और आज यानी गुरुवार को संसद में आर्थिक सर्वेक्षण पेश कर दिया गया है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आर्थिक सर्वे को ऊपरी सदन राज्यसभा में पेश किया। इस सर्वेक्षण को देश के मुख्य आर्थिक सलाहकार कृष्णमूर्ति सुब्रमण्यन ने तैयार किया है। इस आर्थिक सर्वे में अर्थव्यवस्था के आठ फीसदी विकास दर पाने के लिए सुझाव दिए गए हैं जिससे 2025 में यह पांच ट्रिलियन डॉलर को पार कर सकती है।2018-19 में विकास दर 6.8 फीसदी रही थी। यह पांच साल में सबसे कम है। आर्थिक सर्वे के मुताबिक बीते 5 साल में विकास दर औसत 7.5 फीसदी रही। बीते वित्त वर्ष (2018-19) में वित्तीय घाटा जीडीपी का 3.4 फीसदी रहने का अनुमान बरकरार रखा है।
तेल की कीमतों में कमी का अनुमान
सर्वे में बताया गया है कि जनवरी-मार्च के दौरान अर्थव्यवस्था में सुस्ती की वजह तेल की कीमत में अस्थिरता रही है। साथ ही एनबीएफसी के हालात भी वित्त 2019 के सुस्ती के लिए जिम्मेदार हैं। सुब्रमण्यन ने उम्मीद जताई कि वित्त वर्ष 2020 में तेल की कीमतों में कमी आएगी।
पर्याप्त विदेशी मुद्रा भंडार
आर्थिक सर्वे में बताया गया है कि देश में पर्याप्त रूप से विदेशी मुद्रा भंडार है। सरकार का मानना है कि आगे भी विदेश मुद्रा भंडार में कमी नहीं आएगी। 14 जून तक के आंकड़े के मुताबिक, देश में कुल 42220 करोड़ डॉलर का विदेशी मुद्रा भंडार है।
किसानों की आय में बढ़ोत्तरी का अनुमान
आर्थिक सर्वेक्षण के मुताबिक सरकार वित्त वर्ष 2019 में आर्थिक समेकन के रास्ते पर खड़ी है। उन्होंने कहा कि एनपीए में गिरावट कैपेक्स चक्र को मदद करेगी। सुब्रमण्यन के मुताबिक मॉनीटरी पॉलिसी कमेटी को ब्याज दर में कटौती करने को लेकर मदद करनी चाहिए।