सुप्रीम कोर्ट को नमन्: नियमों के बंधन से मुक्त हो उन्नाव पीडि़ता को न्याय!


 नई दिल्ली। उन्नाव रेप पीडि़ता के एक्सीडेंट प्रकरण पर अपने देश के सुप्रीम कोर्ट ने संजीदगी दिखाते हुए जो सख्त फैसले लिए उससे कानून को मजाक समझने वाले दबंगों में अवश्य भय गहराया होगा। सुप्रीम कोर्ट ने ताजा प्रकरण से उत्पन्न हुई विस्फोटक हालात पर वाकई ठोस कदम उठाये हैं। सुप्रीम कोर्ट के ताजा आदेशों को इसलिए भी नमन कि एक रेप पीडि़ता को न्याय देने के लिए लॉ को नियमों का बंधक नहीं बनने दिया?


उन्नाव मामले की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि देश में जो हो रहा है वह परेशान करने वाला है। इस मामले में न्यायमित्र वरिष्ठ वकील वी. गिरी ने कोर्ट को बताया कि पीड़िता को ऐसा मुआवजा देना चाहिए, जो उदाहरण बने। पीड़िता भयंकर सदमे में हैं। पिता की हिरासत में मौत हो गई है। उसकी देखभाल करने वाला कोई नहीं है।


इसी दौरान कोर्ट में मौजूद में सुप्रीम कोर्ट के अधिकारी ने कहा कि नियमों के तहत मुआवजा दिया जा सकता है। इस बात पर नाराजगी जताते हुए चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने कहा, आपको पता है देश में क्या हो रहा है? यह परेशान करने वाला है। आप नियम की बात कर रहे हैं।


अगर मुआवजा नहीं दिया तो इसका मतलब है कि हम अपना कर्तव्य नहीं निभा रहे। यह कहते हुए पीठ ने पीड़िता को अंतरिम तौर पर शुक्त्रस्वार तक 25 लाख मुआवजा देने का आदेश दिया। 
पीड़िता का पत्र देरी से मिलने पर जांच का आदेश


प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली बेंच ने उन्नाव दुष्कर्म पीड़िता की ओर से लिखा पत्र देरी से मिलने की वजह पता लगाने के लिए जांच का आदेश दिया है। बेंच ने सुप्रीम कोर्ट के सेक्रेटरी जनरल को आदेश दिया कि वह जांच कर पता लगाएं कि क्या पत्र मिलने में देरी हुई है? साथ ही रजिस्ट्री की प्रक्रिया और उससे संबंधित चीजों की भी सात दिन में जांच करने को कहा है।


जांच सुप्रीम कोर्ट के मौजूदा जज की निगरानी में होगी। दरअसल, पीड़िता और उसके परिजनों द्वारा 12 जुलाई को लिखा गया पत्र सुप्रीम कोर्ट को 18 जुलाई को मिला था। जानकारी मिलने पर सीजेआई ने 31 जुलाई को इस पत्र पर संज्ञान लेते हुए बृहस्पतिवार को सुनवाई का आदेश दिया था।
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special dates..
- 4 जून, 2017 : भाजपा विधायक कुलदीप सेंगर पर नाबालिग से दुष्कर्म करने का आरोप।
- 3 अप्रैल, 2018 : पीड़िता के पिता को सेंगर से जुड़े लोगों ने पीटा। बाद में पिता आर्म्स एक्ट के तहत गिरफ्तार।
- 8 अप्रैल, 2018 : पीड़िता ने सीएम योगी आदित्यनाथ के आवास के बाहर आत्मदाह की कोशिश की।
- 9 अप्रैल, 2018 : पीड़िता के पिता की पुलिस हिरासत में मौत। पुलिस पर बेरहमी से पीटने का आरोप।
- 13 अप्रैल, 2018 : विधायक सेंगर गिरफ्तार।
- दिसंबर, 2018 : पीड़िता और उसके परिवार के खिलाफ उम्र कम दिखाने का फर्जी प्रमाण पत्र पेश करने के आरोप में केस दर्ज।
- 4 जुलाई, 2019 : विधायक सेंगर के भाई द्वारा 19 वर्ष पूर्व दर्ज कराए केस में पीड़िता के चाचा को कोर्ट ने 10 वर्ष की सजा सुनाई।
- 28 जुलाई, 2019 : पीड़िता के वाहन को रायबरेली में ट्रक ने टक्कर मारी। चाची, मौसी की मौत। पीड़िता और वकील गंभीर रूप से घायल।
- 31 जुलाई, 2018 : सुप्रीम कोर्ट ने पीड़िता के पत्र पर संज्ञान लिया।





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