महाराष्ट्र में सियासी खींचतान जारी है। भाजपा और शिवसेना के नियत समय के अंदर सरकार न बनाने के बाद राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने सबसे बड़ा दल होने की वजह से भाजपा को सरकार बनाने का न्योता दिया। हालांकि भाजपा ने रविवार को राज्यपाल से मुलाकात करके सरकार बनाने से मना कर दिया। जिसके बाद राज्यपाल ने दूसरा सबसे बड़ा दल होने के नाते शिवसेना को सरकार बनाने का न्योता दिया है।
एक तरफ जहां राज्य में भाजपा और शिवसेना के बीच सरकार बनाने को लेकर एक राय नहीं बन पा रही है। इसी बीच राज्य में तेजी से बदलते सियासी घटनाक्रम के अनुसार शिवसेना एनसीपी के साथ मिलकर सरकार बना सकती है और कांग्रेस उसे बाहर से समर्थन देगी। यदि ऐसा होता है तो अजित पवार को उप-मुख्यमंत्री की जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है।
वहीं सोमवार को शिवसेना के कोटे से केंद्र सरकार में भारी उद्योग और सार्वजनिक उद्यम मंत्री का पदभार संभालने वाले अरविंद सावंत ने पद से इस्तीफा देने का एलान कर दिया है। उन्होंने कहा कि मैं अपने मंत्री पद से इस्तीफा दे रहा हूं।
सावंत ने अपने ट्विटर पर लिखा, 'लोकसभा चुनाव से पहले सरकार गठन को लेकर एक फॉर्मूला तय हुआ था। लेकिन अब इस फॉर्मूले को मना किया जा रहा है। भाजपा ने झूठ की जरिए महाराष्ट्र में काफी प्रगति की। शिवसेना हमेशा सच के साथ खड़ी होती है। इतने झूठे माहौल में दिल्ली सरकार में क्यों रहना? इसीलिए मैं केंद्रीय मंत्री के पद से इस्तीफा दे रहा हूं। मैं दिल्ली में आज सुबह 8.30 बजे एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करूंगा।'
वहीं ऐसी अटकलों ने जोर पकड़ना शुरू कर दिया है कि शिवसेना कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के साथ मिलकर राज्य में सरकार बना सकती है। इसी को लेकर आज कांग्रेस नेताओं की बैठक होनी है। जिसे लेकर कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, 'आज सुबह 10 बजे एक बैठक है। हम हाई कमान से मिले निर्देश के अनुसार आगे बढ़ेंगे। लेकिन हमारा वास्तविक फैसला और जनता का निर्णय यही है कि हम विपक्ष में बैठे। यह वर्तमान स्थिति है।' इसके लिए जयपुर में मौजूद कांग्रेस विधायकों को मुंबई बुलाया गया है।