सी ए, संजय शर्मा
हिं.दै.आज का मतदाता नोएडा सी ए ,संजय शर्मा ने एक संक्षिप्त वार्ता के अंतर्गत कहा कि देश में आर्थिक मंदी मानवी उपभोक्ता का बाजार की मुख्यधारा से दूर रहना तथा निवेश का तमाम ग्लोबल संभावनाओं के तहत अनेक पहलुओं पर आर्थिक रणनीति में भविष्य का संदिग्ध रहना एक बड़ा प्रश्न है। आपने कहा कि आम नागरिकों को अपनी दूरदर्शिता के अनुरूप और एक सार्थक सोच के साथ विषम परिस्थिति का मुकाबला करना होगा। सीए संजय शर्मा ने देश की केंद्रीय नेतृत्व से आर्थिक चक्र को गति देने के लिए केंद्र सरकार से अपील किया है कि यदि सरकार ई-कॉमर्स जैसे व्यवसायिक कंपनी पर थोड़ा टैक्स का बोझ इसलिए बढ़ाएं की परंपरागत देश के करोड़ों कारोबारियों को मूल्य के दृष्टिकोण से प्रतिस्पर्धा में अधिक फायदा मिलेगा तो बेहतर होगा आपने अपनी बात को और मजबूत करने के लिए कहा कि अन्य व्यापारियों के मुकाबले ई-कॉमर्स कंपनी में शोरूम दुकान से लेकर कर्मचारियों की प्रत्यक्ष खर्च कम होते हैं इसलिए यह व्यवस्था लागू होना उचित है आपने कहा कि देश की आर्थिक गति बढ़ाने की परिकल्पना नितांत आवश्यक है और इस गति में सबसे बड़ी भूमिका एफडीआई निवेश को लेकर होती है आज बहुत आवश्यक हो गया है कि एफडीआई की नीति ऐसी हो जिससे पूरा विश्व का उद्योग जगत भारत में ही निवेश को प्राथमिकता दे और ऐसे निवेश से भारतीय एमएसएमई कंपनियों को भी ज्यादा से ज्यादा लाभ हो तभी निवेश का असली उद्देश्य पूरा हो पाएगा। करोना काल में केंद्र सरकार की वित्त मंत्रालय द्वारा घोषित मोरटोरियम ब्याज से संबंधित एक सवाल के जवाब में आपने कहा कि बैंकिंग सेक्टर और आम जनता दोनों का ही हित आवश्यक है क्योंकि दोनों ही देश की अर्थव्यवस्था के लिए महत्वपूर्ण है इसलिए सरकार यदि ब्याज माफी के बजाय बैंकिंग व्यवस्था के तहत ऑटो मोड में सभी लोन को रिस्ट्रक्चरिंग के लिए आदेश जारी कर देती है तो बैंकिंग व्यवस्था भी सुरक्षित रहेगी तथा जनमानस पर ब्याज का लोड भी नहीं पड़ेगा तथा बहुत आवश्यक है की यह व्यवस्था इस तरह लागू हो कि सारे के सारे लोन इस श्रेणी में अपने आप ही आ जाएं जिससे आमजन को बैंक का चक्कर न लगाना पड़े और इस व्यवस्था को अमली जामा पहनाने के लिए भ्रष्टाचार अपने पैर न फैला सके । संजय शर्मा ने देश की आर्थिक चक्र को मजबूती से गति देने के लिए मोदी की आत्म निर्भर भारत नीति की सफलता की कामना के साथ यह भी कहा है कि स्वदेशी प्रोडक्ट को खरीदने की नीति को सरकार के साथ साथ समाज भी अगर प्रोत्साहित करती है तो मुझे पूरा विश्वास है कि जो हमारा देश आज चाइना के सामान का डंपिंग हब बना हुआ है वह समाप्त होकर नए भारत निर्माण में घर-घर में उद्योग की संरचना को जन्म देगा और हमारी व्यापारिक गतिविधियां अन्य देशों के लिए एक प्रेरणा साबित होगी