दिल्लीः 200 से अधिक कोरोना मरीज़ों को अस्पताल पहुंचा चुके एंबुलेंस ड्राइवर की संक्रमण से मौत


शहीद भगत सिंह सेवा दल से जुड़े एंबुलेंस ड्राइवर आरिफ़ ख़ान बीते मार्च महीने से कोरोना संक्रमित लोगों को अस्पताल पहुंचाने का काम कर रहे थे. काम ख़त्म कर वह घर नहीं जाते थे, बल्कि एबुंलेस के पार्किंग लॉट में ही सो जाया करते थे.


नई दिल्लीः कोरोना महामारी के दौरान लगभग छह महीने से घर से दूर रहकर संक्रमित मरीजों को अस्पताल पहुंचाने से लेकर शवों के अंतिम संस्कार तक में मदद कर रहे एंबुलेंस ड्राइवर की शनिवार को इस संक्रामक बीमारी से मौत हो गई.


 एंबुलेंस ड्राइवर आरिफ खान की शनिवार को दिल्ली के हिंदूराव अस्पताल में मौत हो गई.


वह बीते छह महीने से घर से दूर रहकर पार्किंग क्षेत्र में एंबुलेंस में ही सो रहे थे और 24 घंटे सेवाएं दे रहे थे. एंबुलेंस के पार्किंग लॉट से 28 किलोमीटर दूर उत्तर-पूर्व दिल्ली के सीलमपुर में उन्होंने किराये का मकान ले रखा था. उनके परिवार में पत्नी और चार बच्चे हैं.


48 वर्षीय आरिफ शहीद भगत सिंह सेवा दल के एंबुलेंस ड्राइवर थे. यह दल दिल्ली-एनसीआर में नि:शुल्क आपातकालीन सेवाएं उपलब्ध कराता है.


आरिफ के सहयोगियों का कहना है कि अगर किसी कोरोना मरीज की मौत होती थी और उसके परिवारवालों को अंतिम संस्‍कार के लिए रुपये की मदद होती थी तो आरिफ खान आर्थिक रूप से भी उनकी मदद करते थे.


उनके सहयोगी जितेंद्र कुमार ने बताया, ‘वह सुनिश्चित करते थे कि हर किसी को अंतिम विदाई दी जाए लेकिन उनका खुद का परिवार उन्हें आखिरी बार नहीं देख सका. उनके परिवार ने कुछ ही मिनटों के लिए दूर से उनके शव को देखा.’


उन्होंने बताया कि आरिफ ने मार्च के बाद से अब तक लगभग 200 कोरोना मरीजों को अस्पताल पहुंचाया है.


बता दें कि तीन अक्टूबर को आरिफ खान बीमार हो गए थे और उनका कोविड-19 टेस्ट किया गया था, जिसमें वह कोरोना संक्रमित पाए गए थे. अस्पताल में भर्ती होने के कुछ दिनों बाद ही उनकी मौत हो गई.


आरिफ के आरिफ के सबसे छोटे बेटे आदिल (22) ने कहा, ‘21 मार्च के बाद से ही वह कभी-कभी ही उन्हें देख पाते थे, वह भी जब वह अपने कपड़े या अन्य सामान लेने घर आते थे. हमें हमेशा उनकी चिंता होती थी लेकिन वह कभी कोरोना से घबराए नहीं. वह सिर्फ अपना काम करना चाहते थे.’


आदिल ने बताया कि जब वह आखिरी बार घर आए थे तो बहुत बीमार थे.


आरिफ के एक अन्य बेटे आसिफ ने बताया, ‘मैं उन्हें आखिरी बार अलविदा भी नहीं कह सका. हम उनके बगैर कैसे रहेंगे.’


बता दें कि आरिफ खान अपने परिवार में एकमात्र कमाने वाले शख्स थे. उनकी मासिक आय 16,000 रुपये थी. उनके घर का मासिक किराया 9,000 रुपये है.


आदिल ने कहा कि वह और उनके भाई ने एक बार काम किया था, लेकिन वह ज्यादा समय चल नहीं पाया.


आरिफ के अंतिम संस्कार में मौजूद उनके सहयोगी जितेंद्र कुमार कहते हैं, ‘परिवार पर दुख का पहाड़ टूट गया है.’


शहीद भगत सिंह सेवा दल के संस्थापक जिंतेद्र कुमार शंटी कहते हैं, ‘यह असाधारण समय है. आरिफ हालांकि ड्राइवर थे, लेकिन वह आमतौर पर शवों के अंतिम संस्कार में मदद करते थे. दाह संस्कार के समय उन्होंने जाति धर्म का कोई भेद नहीं किया. वह अपने काम को लेकर बहुत समर्पित थे.’


उन्होंने बताया कि आरिफ दिन में 12 से 14 घंटे काम करते थे और रात तीन बजे भी फोन करने पर जवाब दे देते थे.


उन्होंने कहा, ‘आरिफ को स्वास्थ्य संबंधी और कोई परेशानी नहीं थी, लेकिन बीते कुछ दिनों से उन्हें सांस लेने में दिक्कत हो रही थी.’


सेवा दल के एक और ड्राइवर आनंद कुमार (32) ने कहा, ‘जब एक साल पहले मैं सेवा दल से जुड़ा. आरिफ ने बहुत मदद की. वह मेरे साथ भाई की तरह व्यवहार करते थे. मुझे गाइड करते थे.’


बता दें कि 1995 में स्थापित सेवा दल दिल्ली-एनसीआर में जरूरतमंदों को नि:शुल्क आपातकालीन सेवाएं मुहैया कराता है, जिसमें एंबुलेंस से लेकर रक्तदान तक शामिल है.


आरिफ खान लगभग शुरुआत से ही सेवा दल से जुड़े हुए थे.


शंटी ने कहा कि आरिफ उनके 12 कर्मचारियों में से एक थे. पिछले महीने गुरु तेग बहादुर अस्पताल ने पत्र लिखकर अस्पताल से कोरोना मरीजों के लगभग 300 शवों को ले जाने और अंतिम संस्कार में मदद के लिए संगठन का आभार जताया था.


शंटी ने आरिफ खान के काम के प्रति समर्पण की प्रशंसा करते हुए कहा, ‘30 सितंबर को एक अस्पताल ने परिवार द्वारा बिल नहीं भरने पर मरीज के शव को सौंपने से इनकार कर दिया था तब आरिफ ने मदद की थी. वह सच में दूसरों की परवाह करने वाले शख्स थे.’







 






टिप्पणियाँ
Popular posts
परमपिता परमेश्वर उन्हें अपने चरणों में स्थान दें, उनकी आत्मा को शांति प्रदान करें व समस्त परिजनों व समाज को इस दुख की घड़ी में उनका वियोग सहने की शक्ति प्रदान करें-व्यापारी सुरक्षा फोरम
चित्र
World Food Day 2024: कब भूखमरी एवं भूखें लोगों की दुनिया से निजात मिलेगी?
चित्र
योगी सरकार का बड़ा कदम, एआई सीसीटीवी से अभेद्य होगी महाकुंभ की सुरक्षा व्यवस्था
चित्र
प्रथम पहल फाउंडेशन शीघ्र ही मल्टी स्पेशलिस्ट हॉस्पिटल बनाएगा
चित्र
दिवाली पर बिल्ली का दिखना होता है शुभ, जानिए ये जानवर दिखने पर होता है क्या