साल 1995 में भाजपा के नेतृत्व में गुजरात में पहली बार सरकार बनी थी, जिसके मुख्यमंत्री केशुभाई पटेल थे. 2012 में भाजपा से इस्तीफ़ा देने के बाद उन्होंने एक नए दल गुजरात परिवर्तन पार्टी का गठन किया था. बीते सितंबर महीने में वह कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए थे. कोरोना टेस्ट रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद उन्हें अस्पताल से छुट्टी मिल गई थी
अहमदाबाद: गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री केशुभाई पटेल का बृहस्पतिवार को अहमदाबाद के एक अस्पताल में निधन हो गया. वह 92 साल के थे.
स्टरलिंग अस्पताल के डॉ. अक्षय किलेदार ने बताया, ‘बेहाशी की हालत में अस्पताल लाए जाने के बाद हमने उन्हें बचाने की पूरी कोशिश, लेकिन कार्डियक अरेस्ट (हृदय गति का रुक जाना) के बाद उन्हें बचाया नहीं जा सका. उन्हें 11:55 पर मृत घोषित कर दिया गया. कोरोना की वजह से उनकी मौत नहीं हुई.’
केशुभाई पटेल बीते 18 सितंबर को कोरोना संक्रमित पाए गए थे. 10 दिन बाद कोरोना टेस्ट निगेटिव आने के बाद उन्हें अस्पताल से छुट्टी मिल गई थी. स्वास्थ्य संबंधी कुछ दिक्कतों को उन्हें फिर से अस्पताल में भर्ती कराया गया था और 27 अक्टूबर को उन्हें छुट्टी मिल गई थी.
साल 1995 में भाजपा के नेतृत्व में गुजरात में पहली बार सरकार बनी थी, जिसके मुख्यमंत्री केशुभाई पटेल थे. वह मार्च 1995 से अक्टूबर 1995 और मार्च 1998 से अक्टूबर 2001 तक गुजरात के मुख्यमंत्री रहे. 2012 में भाजपा से इस्तीफा देने के बाद उन्होंने एक नए दल गुजरात परिवर्तन पार्टी का गठन किया था.
2012 में उन्होंने गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था.
उनके निधन पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत विभिन्न राजनेताओं ने अपनी शोक संवेदनाएं प्रकट की हैं.
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने उनके निधन पर कहा, ‘समाजसेवा और भारतीय लोकाचार के प्रति केशुभाई जी की प्रतिबद्धता और दृढ़ संकल्प सभी के लिए अनुकरणीय रहेगा. उसके परिवार और दोस्तों को मेरी संवेदनाएं.’
उन्होंने एक अन्य ट्वीट में कहा, ‘गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री केशुभाई पटेल के निधन के साथ राष्ट्र ने एक निष्ठावान नेता को खो दिया है. उनका लंबा सार्वजनिक जीवन लाखों लोगों खासकर ग्रामीणों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए समर्पित था. किसानों के हित के चैंपियन के रूप में उन्होंने जनता के साथ असाधारण तालमेल का आनंद लिया.’
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर कहा, ‘हमारे प्यारे और सम्मानित केशुभाई का निधन हो गया है. मैं बहुत दुखी हूं. वह एक उत्कृष्ट नेता थे, जिन्होंने समाज के हर वर्ग की देखभाल की. उनका जीवन गुजरात की प्रगति और हर गुजराती के सशक्तीकरण के लिए समर्पित था.’
एक अन्य ट्वीट में उन्होंने कहा, ‘जनसंघ और भाजपा को मजबूत करने के लिए केशुभाई ने गुजरात के कोने कोने की यात्रा की. आपातकाल का उन्होंने पुरजोर विरोध किया था. किसान कल्याण के मुद्दे उनके दिल के सबसे करीब थे. विधायक, सांसद, मंत्री या मुख्यमंत्री के रूप में उन्होंने किसान हितैषी कई उपाय पारित कराए थे.’
उन्होंने आगे कहा, ‘केशुभाई ने मेरे सहित कई युवा कार्यकर्ताओं का प्रशिक्षित कर उन्हें तैयार किया. सभी को उसका मिलनसार स्वभाव पसंद था. उनका निधन एक अपूरणीय क्षति है. हम सभी आज शोक मना रहे हैं. मेरे विचार उनके परिवार और शुभचिंतकों के साथ हैं. उनके बेटे भरत से बात कर शोक संवेदना व्यक्त की. ओम शांति.’
गृह मंत्री अमित शाह ने ट्वीट कर कहा, ‘गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री केशुभाई पटेल जी के निधन का दुखद समाचार प्राप्त हुआ. उनका लंबा सार्वजनिक जीवन गुजरात की जनता की सेवा में समर्पित रहा. केशुभाई के निधन से गुजरात की राजनीति में ऐसी रिक्तता आई है, जिसका भरना आसान नहीं है। उनके परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त करता हूं.’
उन्होंने आगे कहा, ‘भाजपा में रहते हुए गुजरात में संगठन को सशक्त करने में केशुभाई ने अहम भूमिका निभाई. सोमनाथ मंदिर के ट्रस्टी के रूप में उन्होंने मंदिर के विकास में हमेशा बढ़ चढ़कर सहयोग किया. अपने कार्यों व व्यवहार से केशुभाई सदैव हमारी स्मृति में रहेंगे. ईश्वर उन्हें अपने श्रीचरणों में स्थान दें.’