स्वस्थ लोकतंत्र के लिए सोशल मीडिया की आज़ादी पर अंकुश नहीं लगना चाहिए: अटॉर्नी जनरल

आत्महत्या के लिए उकसाने के एक मामले में रिपब्लिक टीवी के प्रधान संपादक अर्णब गोस्वामी को ज़मानत मिलने के संबंध में कथित आपत्तिजनक ट्वीट के लिए स्टैंडअप कॉमेडियन कुणाल कामरा और कार्टूनिस्ट रचिता तनेजा के ख़िलाफ़ हाल ही में अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने अवमानना की कार्यवाही शुरू करने की मंज़ूरी दी है.

अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल. (फोटो: पीटीआई)

अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल. (फोटो: पीटीआई)

नई दिल्लीः देश के अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल का कहना है कि सोशल मीडिया पर बहस या अभिव्यक्ति की आजादी पर अंकुश नहीं लगाया जा सकता.

एनडीटीवी की रिपोर्ट के मुताबिक, वेणुगोपाल ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट केवल दुर्लभ मामलों में ही अवमानना की कार्यवाही शुरू कर सकती है. सुप्रीम कोर्ट के फैसलों की ट्विटर पर आलोचना या उन पर सवाल उठाए जाने के बीच वेणुगोपाल ने कहा, ‘स्वस्थ लोकतंत्र के लिए सोशल मीडिया पर खुली बहस पर अंकुश नहीं लगाया जाना चाहिए. सुप्रीम कोर्ट तब तक अवमानना की कार्यवाही शुरू नहीं करता, जब तक रेखा पार नहीं हो जाती.’उन्होंने कहा, ‘इस पर लगाम लगाने के लिए सरकार को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर अंकुश नहीं लगाना चाहिए. हमें खुले लोकतंत्र और खुले तौर पर चर्चा करने की जरूरत है.’उन्होंने कहा, ‘सुप्रीम कोर्ट केवल दुर्लभ मामलों में ही अवमानना की कार्रवाई शुरू करता है.’अटॉर्नी जनरल ने कहा, ‘मेरे पास बहुत सारे आग्रह आ रहे हैं कि मैं अदालत की अवमानना को लेकर कार्यवाही शुरू करने पर अपनी मजूरी दूं. मुझे नहीं पता कि आखिर क्यों मैं मंजूरी देने में बहुत अधिक संयमित हूं. उम्मीद है कि इस तरह के आग्रह जल्द ही खत्म हो जाएंगे.’

वेणुगोपाल को सुप्रीम कोर्ट को निशाना बनाने वाले कई ट्वीट को लेकर अवमानना की कार्यवाही शुरू करने को लेकर हाल ही में कई आग्रह मिले थे.उन्होंने स्टैंडअप कॉमेडियन कुणाल कामरा के खिलाफ कार्यवाही करने के लिए लगभग 11 लोगों को मंजूरी दी थी. कुणाल कामरा ने आत्महत्या मामले में रिपब्लिक टीवी के एडिटर अर्णब गोस्वामी को सुप्रीम कोर्ट द्वारा जमानत दिए जाने पर सवाल उठाते हुए कई ट्वीट किए थे.बीते सप्ताहांत अटॉर्नी जनरल से मंजूरी मिलने के बाद कानून के एक छात्र ने कार्टूनिस्ट रचिता तनेजा के खिलाफ अवमानना की कार्यवाही शुरू की थी. तनेजा ने भी अर्णब गोस्वामी को आत्महत्या के लिए उकसाने से जुड़े मामले में जमानत मिलने पर सुप्रीम कोर्ट के खिलाफ कथित तौर पर आपत्तिजनक ट्वीट किए थे.हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने वरिष्ठ अधिवक्ता एवं कार्यकर्ता प्रशांत भूषण को अदालत की अवमानना मामले में दोषी ठहराते हुए उन पर एक रुपये का जुर्माना लगाया था.

बता दें कि किसी भी शख्स के खिलाफ अदालत की अवमानना की कार्यवाही शुरू करने के लिए या तो अटॉर्नी जनरल या सॉलिसीटर जनरल की मंजूरी लेना आवश्यक है.वेणुगोपाल ने 2017 में देश के अटॉर्नी जनरल के रूप में शपथ ली थी. उन्हें एक साल का कार्य-विस्तार दिया गया और उनका कार्यकाल अब 30 जून 2021 को समाप्त होगा.उन्होंने कहा, ‘मैं अब 89 का हूं. जब तक मैं 90 का होऊंगा तो दुनिया में कहीं भी 90 की उम्र में कोई अटॉर्नी जनरल काम नहीं कर रहा होगा. यह बहुत मुश्किल काम है. हफ्ते में सातों दिन काम. 90 की उम्र के बाद मुझे नहीं लगता कि मुझे काम करना चाहिए.’

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