किसान आंदोलन: तीन और प्रदर्शनकारी किसानों की मौत

दो किसानों की मौत टिकरी बॉर्डर, जबकि एक किसान की मौत सिंघू बॉर्डर पर हुई है. केंद्र के नए कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ दिल्ली की सीमाओं पर बीते एक महीने से अधिक समय से किसान प्रदर्शन कर रहे हैं.

दिल्ली के सिंघू बॉर्डर में प्रदर्शन कर रहे किसान. (फोटो: पीटीआई)

दिल्ली के सिंघू बॉर्डर में प्रदर्शन कर रहे किसान. (फोटो: पीटीआई)

चंडीगढ़: केंद्र के नए कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे तीन और किसानों की मौत हो गई. यह जानकारी रविवार को पुलिस ने दी.

उन्होंने बताया कि एक किसान की मौत दिल का दौरा पड़ने से हुई, एक अन्य किसान बुखार से पीड़ित थे जबकि तीसरे किसान की मौत का कारण पता नहीं चला है.

पुलिस ने बताया कि मृतक की पहचान पंजाब के संगरूर जिले के लिधरा गांव के रहने वाले शमशेर सिंह (करीब 45 वर्ष), पंजाब के बठिंडा जिले के चाउके गांव के रहने वाले जशनदीप सिंह (18) और हरियाणा के जींद के रहने वाले जगबीर सिंह (60) के तौर पर हुई है.

शमशेर सिंह सिंघू बॉर्डर पर चल रहे प्रदर्शन में शामिल थे, जबकि जगबीर सिंह टिकरी बॉर्डर पर प्रदर्शन में हिस्सा ले रहे थे.

पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि शमशेर ने रविवार की सुबह सीने में दर्द होने की शिकायत की थी. उन्होंने कहा कि पोस्टमार्टम के बाद मौत के कारणों का पता चलेगा.

बहादुरगढ़ थाने के एक अधिकारी ने बताया कि जगबीर की टिकरी बॉर्डर पर मौत हो गई.

पुलिस अधिकारी ने कहा कि दिल का दौरा पड़ने से उनकी मौत हुई. उन्होंने कहा कि पोस्टमार्टम के बाद शव उनके परिवार के सदस्यों को सौंप दिया गया.

पुलिस ने कहा कि जशनदीप की मौत शनिवार की शाम को हुई. वह टिकरी बॉर्डर पर आंदोलनकारी किसानों का समर्थन करने गए थे.

जशनदीप बुखार से पीड़ित थे और उन्हें रोहतक के पीजीआईएमएस ले जाया गया जहां उन्होंने अंतिम सांस ली.

केंद्र के तीन कृषि कानूनों के विरोध में पंजाब और हरियाणा सहित देश के विभिन्न राज्यों के किसान दिल्ली की सीमाओं पर एक महीने से अधिक समय से धरना दे रहे हैं.

इस बीच कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने केंद्र से किसानों की मांग मान लेने की अपील की.

सोनीपत में संवाददाताओं से उन्होंने कहा कि स्थिति चिंताजनक है, क्योंकि पिछले 24 घंटे में कुछ प्रदर्शनकारी किसानों की मौत हो चुकी है.

वहीं, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा कि आंदोलन को लेकर सरकार की बेरुखी के चलते अब तक 50 से अधिक किसान जान गंवा चुके हैं. कुछ ने तो आत्महत्या जैसा कदम भी उठा लिया.

सोनिया गांधी ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, ‘आजादी के बाद देश के इतिहास की यह पहली ऐसी अहंकारी सरकार सत्ता में आई है जिसे आम जनता तो दूर, देश का पेट भरने वाले अन्नदाताओं की पीड़ा और संघर्ष भी दिखाई नहीं दे रहा. लगता है कि मुट्ठी भर उद्योगपति और उनका मुनाफा सुनिश्चित करना ही इस सरकार का मुख्य एजेंडा बनकर रह गया है.’

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