लोकतंत्र की सबसे बड़ी ताकत संवाद, सहमति-असहमति के बीच संवाद का सिलसिला चलता रहना चाहिए: मुख्यमंत्री

 शासन की उपलब्धियां और भावी योजनाएं अभिभाषण के माध्यम से रखी जाती हैं



उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने आज विधान सभा में राज्यपाल जी द्वारा समवेत सदनों में दिए गए अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव के समर्थन में बोलते हुए कहा कि लोकतंत्र की सबसे बड़ी ताकत संवाद है। सहमति-असहमति के बीच संवाद का सिलसिला चलता रहना चाहिए। सदन के सदस्यों ने धन्यवाद प्रस्ताव पर अपने विचारों को व्यक्त करते हुए लोकतंत्र के इस मन्दिर को एक महत्वपूर्ण मंच बनाया है। उन्होंने राज्यपाल जी के अभिभाषण के धन्यवाद प्रस्ताव पर विचार व्यक्त करने के लिए सदस्यों के प्रति आभार व्यक्त किया।

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि राज्यपाल का अभिभाषण विधान मण्डल के लिए एक दस्तावेज होता है। शासन की उपलब्धियां और भावी योजनाएं अभिभाषण के माध्यम से रखी जाती हैं। सदन में अभिभाषण पर चर्चा से न केवल सरकार, बल्कि प्रदेश को एक दिशा, एक दृष्टि प्राप्त होती है। उन्होंने कहा कि राज्यपाल प्रदेश का संवैधानिक प्रमुख है। संवैधानिक प्रतीकों, संवैधानिक प्रमुखों का सम्मान, चुने गये जनप्रतिनिधियों का दायित्व होना चाहिए।

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश में कोरोना प्रबन्धन में पूरी प्रतिबद्धता और टीमवर्क के साथ कार्य किया गया। कोरोना प्रबन्धन में जनता द्वारा दिये गये धन का उपयोग हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर को सुदृढ़ करने में किया गया। कोविड प्रबन्धन में प्रधानमंत्री जी के मार्गदर्शन के लिए उनके प्रति आभार जताते हुए मुख्यमंत्री जी ने कहा कि कोेरोना से निपटने में केन्द्र सरकार ने हर प्रकार से सहयोग किया। सदन के सदस्यों सहित प्रदेश की जनता के सामूहिक प्रयास से कोरोना के प्रति संघर्ष में सफलता मिली।

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा कोरोना प्रबन्धन में किसी प्रकार की कमी नहीं होने दी गयी। राज्य में मार्च, 2020 के प्रथम सप्ताह में कोरोना संक्रमण का पहला मामला आने पर यहां टेस्ट की व्यवस्था भी नहीं थी। राज्य मंे के0जी0एम0यू0, लखनऊ में कोरोना टेस्ट की पहली लैब प्रारम्भ की गयी। इसमें मात्र 60 टेस्ट ही किये जा सके थे। कोरोना टेस्ट की संख्या को निरन्तर बढ़ाकर 02 लाख टेस्ट प्रतिदिन किया गया। अब तक प्रदेश में कोविड-19 के 03 करोड़ टेस्ट किये जा चुके हैं, जो देश में सर्वाधिक हैं। वर्तमान में भी प्रतिदिन लगभग डेढ़ लाख टेस्ट किये जा रहे हैं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि कोरोना की वैश्विक महामारी के प्रारम्भ में प्रदेश को लेकर काफी आशंका थी। राज्य सरकार ने कोरोना प्रबन्धन के लिए मंत्रियों की टीम बनायी। साथ ही, 11 वरिष्ठ अधिकारियों की टीम बनाकर निरन्तर समीक्षा करते हुए कार्य किया गया। इससे इस महामारी पर प्रभावी नियंत्रण किया जा सका। आज प्रदेश में कोविड-19 के 2,000 से कम एक्टिव मामले हैं। राज्य में कोविड प्रबन्धन की प्रशंसा डब्ल्यू0एच0ओ0 द्वारा भी की गयी। यह प्रदेश की 24 करोड़ जनता का सम्मान है।

मुख्यमंत्री जी ने कोरोना प्रबन्धन के लिए मिले जनसहयोग के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि एक वृद्ध महिला ने उनसे सम्पर्क कर कोरोना प्रबन्धन हेतु अपनी पूरी पंूजी दान कर दी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने कोविड-19 पर नियंत्रण व उपचार के लिए तेजी से कार्य किया। प्रत्येक जनपद में कोविड अस्पतालों की स्थापना कर 1.5 लाख बेड की व्यवस्था की गयी। उस समय 36 जनपदों में वेंटिलेटर उपलब्ध नहीं थे। प्रदेश सरकार द्वारा सभी जनपदों में वेंटिलेटर तथा एच0एफ0एन0सी0 उपलब्ध करायी गयीं।

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि कोरोना के प्रारम्भ में पी0पी0ई0 किट की पर्याप्त उपलब्धता नहीं थी। उनका मूल्य भी 5,000 से 15,000 रुपये के बीच था। प्रदेश में पी0पी0ई0 किट का उत्पादन प्रारम्भ होने के पश्चात इनकी कीमत में कमी आयी। प्रारम्भ में पी0पी0ई0 किट की सप्लाई भारत सरकार की संस्था एच0एल0एल0 द्वारा की गयी। बाद में मेडिकल कॉरपोरेशन के माध्यम से ई-टेण्डर के द्वारा इसकी खरीद की जाती थी। पी0पी0ई0 किट का इस्तेमाल करने वाले कोरोना वॉरियर्स, कोरोना कैरियर न बन जाएं, इसलिए इन किट्स की विशेषज्ञों द्वारा जांच की जाती थी। कोरोना के प्रारम्भ में सैनिटाइजर का अभाव था। इसके दाम काफी ज्यादा थे। प्रदेश सरकार द्वारा चीनी मिलों को सैनिटाइजर बनाने के लिए प्रेरित किया गया। प्रदेश में बड़े पैमाने पर सैनिटाइजर का उत्पादन हुआ। राज्य ने 27 प्रदेशों को सैनिटाइजर उपलब्ध कराया।

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि उत्तर प्रदेश पहला राज्य है, जिसने श्रमिकों, स्ट्रीट वेण्डर्स, रिक्शा चालकों, कुलियों, पल्लेदारों आदि को भरण-पोषण भत्ता ऑनलाइन उपलब्ध कराया। भरण-पोषण के रूप में उपलब्ध करायी गयी धनराशि ने उनका जीवन बचाने का कार्य किया। संगठित क्षेत्र के श्रमिकों को दो बार तथा असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों को एक बार भरण-पोषण भत्ता दिया गया। इसके साथ ही, 15 दिन के राशन की किट भी दी गयी। राशन कार्ड बाध्यता समाप्त कर माह में दो बार, एक बार प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना तथा दूसरी बार सार्वजनिक वितरण प्रणाली के माध्यम से राशन उपलब्ध कराया गया। बड़े पैमाने पर कम्युनिटी किचन की व्यवस्था की गयी। तकनीक के माध्यम से इन किचन्स का निरन्तर अनुश्रवण किया गया। करोड़ों की संख्या में फूड पैकेट वितरित किये गये। स्वच्छता कर्मियों, पुलिस कर्मियों सहित सभी कर्मियों के योगदान और जनसहयोग से कोरोना प्रबन्धन मेें उत्तर प्रदेश अग्रणी रहा।

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि कोरोना के कारण लगे लॉकडाउन के दौरान राजस्थान के कोटा मंे फंसे प्रदेश के प्रतियोगी छात्रों तथा प्रयागराज से 14,000 प्रतियोगी छात्रों को उनके घर पहंुचाया गया। राज्य सरकार ने अन्य राज्यों के छात्रों को भी उनके गृह जनपद पहुंचाने का कार्य किया। राज्य सरकार द्वारा प्रदेश के प्रतियोगी छात्रों को निःशुल्क कोचिंग सुविधा सुलभ कराने के लिए ‘मुख्यमंत्री अभ्युदय योजना’ संचालित की जा रही है। कोरोना काल में अन्य प्रदेशों से लगभग 40 लाख श्रमिक और कामगार प्रदेश में वापस आये। साथ ही, बिहार, झारखण्ड, पश्चिम बंगाल, उड़ीसा, छत्तीसगढ़ आदि राज्यों के श्रमिक यहां से गुजरे। राज्य सरकार सहित अन्य संगठनों द्वारा इन्हें भोजन, पानी आदि उपलब्ध कराया गया। राशन कार्ड की पोर्टेबिलिटी के लिए प्रधानमंत्री जी के प्रति आभार जताते हुए उन्हांेने कहा कि इससे श्रमिकों और कामगारों को काफी सुविधा हुई है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने प्रदेश के पंजीकृत श्रमिकों को सामाजिक सुरक्षा और चिकित्सा बीमा की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए बजट धनराशि की व्यवस्था प्रस्तावित की है।

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि कोरोना के नियंत्रण और उपचार के लिए प्रदेश में व्यापक रूप से सर्विलांस, कॉन्टैक्ट टेªसिंग की व्यवस्था लागू की गई। संक्रमित लोगों के उपचार के लिए सी0एम0 हेल्पलाइन का व्यापक रूप से और प्रभावी उपयोग किया गया। देश में 02 स्वदेशी कोरोना वैक्सीन के निर्माण के लिए प्रधानमंत्री जी के प्रति आभार जताते हुए उन्होंने कहा कि अभी 02 और कोरोना वैक्सीन सामने आने वाली हैं। उन्होंने कहा कि राज्य में चरणबद्ध ढंग से कोरोना वैक्सीनेशन का कार्य चल रहा है। अब तक लगभग 15 लाख लोगों का वैैक्सीनेशन किया गया है। भारत सरकार द्वारा निःशुल्क कोरोना वैक्सीन उपलब्ध करायी जा रही है। मित्र देशों को भी वैक्सीन प्रदान की जा रही है। उन्होंने कहा कि यह प्रधानमंत्री जी के संकल्पों का नया भारत है।

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि अयोध्या में प्रधानमंत्री जी द्वारा 05 अगस्त, 2020 को श्रीराम जन्मभूमि पर भव्य मन्दिर का शिलान्यास किया गया। अयोध्या हमारे लिए राष्ट्रीय गौरव का विषय है। दुनिया के पहले शासक महाराज मनु अयोध्या के शासक थे। उन्होंने कहा कि श्रीराम जन्मभूमि मन्दिर का शिलान्यास भारत की लोकतांत्रिक प्रणाली एवं न्याय पालिका की शक्ति की विजय है। राज्य सरकार ने कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करते हुए अयोध्या में भव्य ‘दीपोत्सव’ एवं वाराणसी में ‘देव दीपावली’ कार्यक्रम का सफलतापूर्वक आयोजन किया। प्रयागराज में चल रहे माघ मेले के लिए हर प्रकार की व्यवस्था की गई है। हरिद्वार कुम्भ से पहले वृन्दावन में वैष्णव बैठक सम्पन्न हुई। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश की धार्मिक, आध्यात्मिक विरासत के साथ आगे बढ़ रही है। यह हमारे पूर्वजों की समृद्ध परम्परा है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश को आज भारत सरकार द्वारा प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि में सर्वोत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए प्रमाण पत्र प्रदान किया गया है। 02 वर्ष पूर्व, प्रधानमंत्री जी द्वारा गोरखपुर में यह योजना प्रारम्भ की गई थी। योजना के अन्तर्गत राज्य में 2.37 करोड़ कृषकों को सम्मान निधि उपलब्ध करायी जा रही है। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने किसानों में क्षेत्र, भाषा आदि का कोई भेदभाव नहीं किया। प्रधानमंत्री जी द्वारा प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के साथ ही प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना आदि योजनाएं लागू की गई हैं। इससे किसानों के जीवन में व्यापक परिवर्तन हुआ है।

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा किसानों के हित और कल्याण के लिए निरन्तर कार्य किया गया है। उन्होंने कहा कि पूर्ववर्ती सरकार में वर्ष 2014-15 में 1400 रुपए प्रति कुन्तल के समर्थन मूल्य के कुल 6.28 लाख मी0टन गेहूं की खरीद हुई। वर्ष 2016-17 में 7.97 लाख मी0टन गेहंू की खरीद हुई, जिससे 1.66 लाख किसान लाभान्वित हुए। जबकि वर्तमान सरकार ने वर्ष 2017-18 में 1,625 रुपए के समर्थन मूल्य पर 07 लाख 67 हजार 380 किसानों से 36.99 लाख मी0टन गेहूं क्रय किया। वर्ष 2018-19 में 1,735 रुपए के समर्थन मूल्य पर 52.92 लाख मी0टन गेहूं की खरीद कर 11 लाख 27 हजार 195 किसानों को लाभान्वित किया गया। वर्ष 2019-20 में 1,840 रुपए समर्थन मूल्य पर 37 लाख मी0टन गेहूं की खरीद से 07 लाख 53 हजार 411 किसान लाभान्वित हुए। वर्ष 2020-21 में 1,925 रुपए के समर्थन मूल्य पर 35.67 लाख मी0टन गेहूं खरीद की गई है। इससे 06 लाख 63 हजार 810 किसान लाभान्वित हुए। वर्ष 2014 की तुलना में वर्ष 2020-21 में गेहूं के समर्थन मूल्य में 525 रुपए की वृद्धि हुई है।

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि वर्ष 2014-15 में समर्थन मूल्य पर 18.1 लाख मी0टन धान की खरीद की गई थी। वर्ष 2020-21 में 66 लाख मी0टन धान की खरीद की जा चुकी है। इससे 12 लाख 78 हजार 900 कृषक लाभान्वित हुए हैं। उन्होंने कहा कि वर्तमान प्रदेश सरकार द्वारा वर्ष 2018-19 में मक्के की खरीद प्रारम्भ कर 5,116 मी0टन मक्के की खरीद की गई। वर्ष 2020-21 में 01 लाख 06 हजार 412 मी0टन मक्के की खरीद की जा चुकी है। इसी प्रकार समर्थन मूल्य पर दलहन और तिलहन की खरीद में भी निरन्तर वृद्धि हुई है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2014-15 में 1389.02 लाख मी0टन गन्ने का उत्पादन हुआ। इस वर्ष 2203.00 लाख मी0टन गन्ने का उत्पादन हुआ है। वर्ष 2012 से वर्ष 2014 के बीच गन्ना किसानों को 44,193 करोड़ रुपए का गन्ना मूल्य भुगतान कराया गया। जबकि वर्तमान सरकार ने वर्ष 2017 से वर्ष 2021 तक कुल 01 लाख 23 हजार 995 करोड़ रुपए गन्ना मूल्य का भुगतान कराया।

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि किसानों के सम्बन्ध में सरकार की नीति स्पष्ट है। प्रधानमंत्री जी ने किसानों को ध्यान में रखकर नीतियां बनायी हैं। किसानों की आमदनी दोगुनी करने के लिए सामूहिक प्रयास की जरूरत है। सरकार किसानों के हित के लिए प्रतिबद्ध और तत्पर है तथा इसकेे लिए पूरी ईमानदारी से कार्य कर रही है। कॉन्ट्रैक्ट खेती में फसल के सम्बन्ध में कॉन्ट्रैक्ट किया जाता है, खेत के सम्बन्ध में नहीं। प्रधानमंत्री जी ने कहा है कि कॉन्ट्रैक्ट खेती विकल्प है, बाध्यता नहीं। मुख्यमंत्री जी ने कहा कि आज वन नेशन, वन मण्डी के अन्तर्गत प्रदेश का किसान देश में कहीं भी अपना उत्पाद बेच सकता है। जून, 2020 से कृषि कानून लागू हुए हैं। आज तक एक भी मण्डी बन्द नहीं हुई है। कानून ने सुविधा दी है कि किसान अपना उत्पाद, खेत, खलिहान या कहीं भी बेच सकता है। स्वस्थ प्रतिस्पर्धा होने पर किसान को लाभ होगा। खुली प्रतिस्पर्धा से किसान के जीवन मंे आमूल-चूल परिवर्तन आएगा। एम0एस0पी0 एक तरह की एम0आर0पी0 है। खाद्य सुरक्षा के तहत अन्त्योदय और पात्र गृहस्थी कार्डधारकों को राशन उपलब्ध कराने के लिए सरकार को एम0एस0पी0 पर खरीद करनी होती है। किसान इससे अधिक मूल्य पर भी अपना उत्पाद बेच सकता है।

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना कल्याण योजना के अन्तर्गत किसान के परिवार तथा बटाईदार को भी 05 लाख रुपए का बीमा लाभ उपलब्ध कराया गया है। कृषि में विविधीकरण को बढ़ाने के लिए प्रदेश में एग्री क्लाईमेटिक जोन्स में सेण्टर ऑफ एक्सीलेंस बनाए जा रहे हैं। आत्मनिर्भर भारत के तहत 01 लाख करोड़ रुपए के कृषि इन्फ्रास्ट्रचर फण्ड की व्यवस्था विकास खण्डों में भण्डारण सुविधाओं की स्थापना के लिए की गई है।

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश के निराश्रित गोआश्रय स्थलों में 5.5 लाख गोवंश संरक्षित हैं। मुख्यमंत्री निराश्रित एवं बेसहारा गोवंश सहभागिता योजना में निराश्रित गोवंश रखने पर किसान को 900 रुपए प्रतिमाह का भुगतान किया जाता है। इसके तहत 04 गोवंश रखने की अनुमति है। कुपोषित बच्चों/माताओं को, स्थान उपलब्ध होने पर एक गाय देने की व्यवस्था की गई है। इसके अन्तर्गत भी 900 रुपए प्रतिमाह धनराशि उपलब्ध करायी जाती है। वाराणसी में गोकुल ग्राम की स्थापना की जा रही है। इन योजनाओं से किसानों को लाभ होगा। उन्होंने कहा कि किसानांे के जीवन में खुशहाली, प्रदेश की खुशहाली का आधार बनेगी।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि बुन्देलखण्ड क्षेत्र का तेजी से विकास हो रहा है। बुन्देलखण्ड एक्सप्रेस-वे का निर्माण, डिफेंस इण्डस्ट्रियल कॉरिडोर का निर्माण, बुन्देलखण्ड क्षेत्र के लिए लाभप्रद है। बुन्देलखण्ड के सभी 07 जनपदों में हर घर नल योजना प्रारम्भ की गई है। विन्ध्य क्षेत्र में भी यह योजना लागू की गई है। इसके लिए 10,000 करोड़ रुपए की धनराशि की व्यवस्था की गई है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के हर क्षेत्र के 30,000 गांवों में पेयजल की स्कीम लागू की जाएगी। आर्सेनिक, फ्लोराइड, खारे पानी के क्षेत्रों तथा जे0ई0/ए0ई0एस0 से प्रभावित इलाके इससे आच्छादित होंगे। वर्ष 2022 तक हर घर को छत के प्रधानमंत्री जी के संकल्प के तहत राज्य में 40 लाख आवास बनाए जा रहे हैं। 1.38 करोड़ आवासों को निःशुल्क विद्युत कनेक्शन उपलब्ध कराया गया है। 1.21 लाख गांवों का विद्युतीकरण कराया गया है।

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि राज्य सरकार बिना भेदभाव के सभी को योजनाओं का लाभ सुलभ करा रही है। मुसहर, थारू, वनटांगिया गांवों को पहले चरण में विभिन्न योजनाओं से आच्छादित किया गया है। दूसरे चरण में कोल सहित अन्य जनजाति समुदायों, कुष्ठ रोगियों को प्रधानमंत्री आवास योजना, मुख्यमंत्री आवास योजना से आच्छादित किया जाएगा। जल जीवन मिशन के तहत हर गांव को शुद्ध पेयजल आपूर्ति से जोड़ा जाएगा। उन्होंने कहा कि पूर्वी उत्तर प्रदेश में जे0ई0/ए0ई0एस0 पर नियंत्रण करने में स्वच्छ भारत मिशन के तहत शौचालयों के निर्माण, हर घर में स्वच्छ पेयजल की आपूर्ति, दस्तक मिशन ने बड़ी भूमिका निभायी। स्वास्थ्य विभाग को नोडल विभाग बनाकर अन्तर्विभागीय समन्वय से सभी कार्य सम्पन्न कराए गए। इससे जे0ई0/ए0ई0एस0 की बीमारी में 75 प्रतिशत तथा बीमारी से मृत्यु में 95 प्रतिशत की कमी आयी। प्रधानमंत्री जी द्वारा भी इसकी प्रशंसा की गई।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा कोरोना काल में औद्योगिक विकास के लिए, एम0एस0एम0ई0 सेक्टर में उल्लेखनीय कार्य किया गया। पहले हर प्रकार का निवेश चीन जाता था। आज चीन से प्रदेश में निवेश वापस आ रहा है। देश के पहले डिस्प्ले यूनिट की प्रदेश में स्थापना पर युद्ध स्तर पर काम चल रहा है। इसमें 5,000 करोड़ रुपए के निवेश की सम्भावना है। राज्य में डाटा सेंटर की स्थापना पर भी कार्य हो रहा है। इसमें 6,000 करोड़ रुपए का निवेश होगा। नोएडा में आइकिया द्वारा निवेश के लिए 850 करोड़ रुपए की भूमि ली गई है। इसके लिए 56 करोड़ रुपए का स्टाम्प शुल्क दिया गया है। कानपुर में मेेट्रो का कार्य युद्ध स्तर पर चल रहा है।

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि बालिकाओं की सुरक्षा व महिलाओं का सशक्तीकरण प्रदेश सरकार की शीर्ष प्राथमिकता है। इसके लिए मिशन शक्ति अभियान संचालित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि महिलाओं की सुरक्षा, सम्मान और सशक्तीकरण के लिए सभी को जागरूक होने की आवश्यकता है। वर्तमान सरकार द्वारा विगत लगभग साढ़े तीन वर्षों में राज्य में 59 नए थाने, 29 नई चौकियां, आर्थिक अपराध शाखा के 04 थाने, विजिलेंस के 10 थाने, साइबर क्राइम के 16 थाने तथा 59 अग्निशमन केन्द्र स्थापित किए गए हैं। प्रदेश में एस0डी0आर0एफ0 का गठन किया गया है। साथ ही, उ0प्र0 पुलिस और फॉरेन्सिक साइंस इंस्टीट्यूट की स्थापना की जा रही है। पुलिस में पूरी निष्पक्षता और पारदर्शिता के साथ 01 लाख 37 हजार 640 पुलिस कर्मियों की भर्ती की गई है।

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि वर्तमान प्रदेश सरकार ने अपराधियों एवं माफियाओं के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की है। गैंगस्टर अधिनियम के अन्तर्गत 12,032 अभियोग पंजीकृत किए गए हैं तथा 37,511 अभियुक्तों को गिरफ्तार किया गया है। 1,000 करोड़ रुपए की सम्पत्ति की जब्ती अथवा ध्वस्तीकरण की कार्यवाही की गई है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2017 की तुलना में वर्ष 2020 में शस्त्र अधिनियम के अन्तर्गत पंजीकृत मामलों में 27.55 प्रतिशत, एन0डी0पी0एस0 में 52.94 प्रतिशत, गैंगस्टर एक्ट में 31.09 प्रतिशत तथा रासुका में 19.57 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2016 के सापेक्ष वर्ष 2020 में डकैती में मामलों में 65.72 प्रतिशत, लूट में 66.15 प्रतिशत, हत्या में 19.80 प्रतिशत, बलवा में 40.20 प्रतिशत तथा बलात्कार के मामलों में 45.43 प्रतिशत की कमी आयी है।
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