पेट्रोल-डीज़ल के दामों में बढ़ोतरी की बीच रसोई गैस के दाम इस महीने तीसरी बार बढ़ाए गए

रसोई गैस के दाम में बृहस्पतिवार को 25 रुपये की वृद्धि कर दी गई. इससे पहले चार फरवरी को 25 रुपये और 15 फरवरी को दाम में 50 रुपये की बढ़ोतरी की गई थी. कांग्रेस ने इस कदम की आलोचना करते हुए कहा कि सरकार आम आदमी को पेट्रोल, डीज़ल या गैस के बोझ तले दबाना चाहती है.

Kolkata: A worker waits to deliver LPG cylinders, during Unlock 2.0, in Kolkata, Saturday, July 18, 2020. (PTI Photo/Swapan Mahapatra)

(फोटो: पीटीआई)

नई दिल्ली: पेट्रोल और डीजल के दामों में लगातार बढ़ोतरी के बीच सभी श्रेणियों के रसोई गैस (एलपीजी सिलेंडर) के दामों में बृहस्पतिवार को 25 रुपये की बढ़ोतरी कर दी गई है. इसमें सब्सिडी वाली रसोई गैस के अलावा उज्ज्वला योजना के लाभार्थियों को मिलने वाला गैस सिलेंडर भी शामिल है.

इस महीने में यह तीसरी बार है, जब रसोई गैस के दामों में बढ़ोतरी की गई. इससे पहले रसोई गैस के दाम में चार फरवरी को 25 रुपये की बढ़ोतरी की गई थी और 15 फरवरी को दाम में 50 रुपये की वृद्धि कर दी गई थी.

रसोई गैस के दामों में बीते साल दिसंबर से बढ़ोतरी की जा रही है और अब तक इसमें तकरीबन 150 रुपये की वृद्धि हो चुकी है.

बहरहाल इस बढ़ोतरी के साथ दिल्ली में 14.2 किलोग्राम के गैस सिलेंडर की कीमत 769 रुपये से बढ़कर 794 रुपये हो गया है.

यह मूल्य वृद्धि सब्सिडी और गैर-सब्सिडी दोनों तरह के रसोई गैस पर लागू की गई है. देश भर में एलपीजी केवल एक दर और बाजार मूल्य पर उपलब्ध है. हालांकि सरकार कुछ चुनिंदा ग्राहकों को इस पर सब्सिडी देती है.

इस सब्सिडी में पिछले कुछ वर्षों से बड़े शहरों में रहने वाले उपभोक्ताओं को शामिल नहीं किया जा रहा है. इसलिए दिल्ली जैसे शहर में उपभोक्ताओं को किसी तरह की सब्सिडी नहीं दी जाती है और सभी को रसोई गैस के लिए 794 रुपये चुकाने होंगे.

दूसरी ओर छोटे और सुदूर इलाकों के उपभोक्ताओं को रसोई गैस पर थोडी सब्सिडी दी जाती है.

इसके इतर यह लगातार दूसरा दिन है जब पेट्रोल और डीजल के दामों में कोई बढ़ोतरी नहीं की गई है. दिल्ली में पेट्रोल के दाम 90.93 रुपये प्रति लीटर और डीजल के दाम 81.32 रुपये प्रति लीटर हैं.

तेल कंपनियां हर महीने एलपीजी सिलेंडर के दामों की समीक्षा करती हैं. चूंकि हर प्रदेश द्वारा इन पर अलग-अलग कर लगाया जाता है, इसलिए अलग-अलग राज्यों में इनके दामों में अंतर होता है.

एलपीजी मूल्य वृद्धि पर कांग्रेस ने सरकार की आलोचना की

एलपीजी मूल्य वृद्धि के खिलाफ विरोध जताते हुए कांग्रेस की एक प्रवक्ता ने बृहस्पतिवार को एक खाली सिलेंडर पर बैठकर संवाददाता सम्मेलन किया और पार्टी ने मोदी सरकार पर ‘जनविरोधी’ होने के आरोप लगाए.

हर श्रेणी के रसोई गैस के मूल्य में 25 रुपये प्रति सिलेंडर की बढ़ोतरी करने पर कांग्रेस ने सरकार पर प्रहार किया है. सब्सिडी वाले गैस तथा उज्ज्वला योजना के लाभार्थियों के गैस मूल्यों में भी बढ़ोतरी की गई है.

सरकार पर हमला बोलते हुए कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा कि घरेलू गैस की कीमतों में पिछले तीन महीने में 200 रुपये की बढ़ोतरी हुई है और पेट्रोल तथा डीजल के मूल्य आसमान छू रहे हैं.

प्रियंका गांधी ने एक ट्वीट में कहा, ‘मोदी सरकार की पिच आम आदमी के लिए उच्च मूल्यों से भरा हुआ है, जबकि सरकार दोनों छोर से अपने अरबपति दोस्तों के लिए बैटिंग कर रही है.’

बाद में एलपीजी मूल्य वृद्धि पर पार्टी के संवाददाता सम्मेलन में कांग्रेस की प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत और पार्टी के सचिव (संचार) विनीत पुनिया सरकार के कदम के खिलाफ खाली सिलेंडर पर बैठे हुए नजर आए.

श्रीनेत ने कहा कि सिलेंडर का अब यही इस्तेमाल है, क्योंकि इन्हें भराना अब बहुत महंगा हो गया है.

सरकार की आलोचना करते हुए उन्होंने कहा, ‘मोदी स्टेडियम का नाम अपने नाम पर कराना पसंद करते हैं, लेकिन केवल पेट्रोल के मूल्यों में शतक बना पाए हैं, जिसकी कीमत प्रति लीटर 100 रुपये से ज्यादा हो गई है.’

श्रीनेत ने कहा, ‘आप (सरकार) जनविरोधी क्यों हो गए. आप कीमतें क्यों बढ़ा रहे हैं. आप बढ़े हुए उत्पाद शुल्क क्यों नहीं कम कर रहे हैं.’

उन्होंने आरोप लगाया, ‘यह सरकार न केवल मूल्यों में बढ़ोतरी करती है बल्कि सरासर झूठ भी बोलती है.’

उन्होंने कहा ‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मूल्यों में बढ़ोतरी के लिए कांग्रेस नीत संप्रग सरकार पर कच्चे तेल के आयात को लेकर आरोप लगाते हैं, लेकिन सच्चाई यह है कि हमारे समय में कच्चे तेल का आयात 83 फीसदी से बढ़कर उनके कार्यकाल में 88 फीसदी हो गया है.’

श्रीनेत ने कहा, ‘सरकार एलपीजी सिलेंडर पर सब्सिडी को लेकर भी झूठ बोलती है. सच्चाई यह है कि इस सरकार ने बाजार भाव और नियंत्रित भाव एक जैसा कर दिया है. बाजार भाव और नियंत्रित भाव का अंतर ही सब्सिडी होता है. इस तरह से अगर आप 794 रुपये बाजार भाव पर भुगतान कर रहे हैं और नियंत्रित भाव 500 रुपये है तो आपको 294 रुपये की सब्सिडी मिलती है.’

उन्होंने कहा, ‘लेकिन इस सरकार में बाजार मूल्य और नियंत्रित मूल्य एक जैसे हो गए हैं और सब्सिडी खत्म हो गई है, क्योंकि मूल्यों में लगातार बढ़ोतरी की गई. दिसंबर से अभी तक मूल्यों में 200 रुपये की बढ़ोतरी हुई है.’

उन्होंने कहा कि सरकार आम आदमी को पेट्रोल, डीजल या गैस के बोझ तले दबाना चाहती है.

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