विधानसभा चुनाव राउंड-अप: गोरखा जन मुक्ति मोर्चा के एक धड़े के प्रमुख बिमल गुरूंग ने कहा है कि कूच बिहार हिंसा के चलते शेष बचे बंगाल चुनाव में भाजपा को लोगों के ग़ुस्से का सामना करना होगा. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इस घटना को मतदाताओं को डराने के लिए भाजपा द्वारा रचे गए षड्यंत्र का परिणाम बताया. तमिलनाडु चुनाव मैदान में उतरे कांग्रेस प्रत्याशी माधव राव का कोविड-19 से निधन.
सशस्त्र पुलिस बलों पर मेरी टिप्पणी से आचार संहिता, आईपीसी का उल्लंघन नहीं: ममता
नई दिल्ली: केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (सीएपीएफ) को लेकर अपनी टिप्पणियों का बचाव करते हुए पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने निर्वाचन आयोग को शनिवार को बताया कि वह सीएपीएफ का काफी सम्मान करती हैं, लेकिन उन पर मतदाताओं को डराने और एक खास दल के पक्ष में मतदान के लिए मतदाताओं को प्रभावित करने के गंभीर आरोप हैं.
आयोग द्वारा बृहस्पतिवार को जारी नोटिस का जवाब देते हुए तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) प्रमुख ने आरोपों का खंडन किया. आयोग ने ममता से राज्य में चुनावी ड्यूटी पर तैनात सीएपीएफ के खिलाफ उनके द्वारा दिए गए ‘प्रथम दृष्टया पूरी तरह गलत, भड़काऊ और असंयमित बयानों’ पर स्पष्टीकरण मांगा था.
बनर्जी ने चुनावी निगरानीकर्ता से अपना नोटिस रद्द करने का अनुरोध करते हुए दावा किया कि उन्होंने आदर्श आचार संहिता या भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की विभिन्न धाराओं का उल्लंघन नहीं किया है.
उन्होंने दावा किया कि एक लड़की के साथ कथित तौर पर केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के एक अज्ञात कर्मी द्वारा ताराकेश्वर पुलिस थाना क्षेत्र के रामनगर में छह अप्रैल को छेड़छाड़ की गई थी और पुलिस से मामले की शिकायत की गई जिस पर प्राथमिकी दर्ज हुई थी.
उन्होंने दावा किया कि तृणमूल कांग्रेस ने इस बारे में राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी से शिकायत की थी. उन्होंने कहा कि अब तक कोई मूर्त कार्रवाई नहीं हुई, न ही निर्वाचन आयोग द्वारा केंद्रीय बलों को इस संदर्भ में कोई परामर्श या निर्देश जारी किया गया.
उन्होंने अपने जवाब में कहा, ‘केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों के लिए मेरे मन में बहुत सम्मान है और देश की रक्षा व सुरक्षा में उनके योगदान की सराहना व प्रशंसा करती हूं.’
माना जा रहा है कि बनर्जी ने अपने जवाब में आरोप लगाया है कि पश्चिम बंगाल में शुरुआती तीन चरणों के चुनाव के दौरान सीएपीएफ द्वारा बल का इस्तेमाल कर मतदाताओं को डराए जाने व एक दल विशेष के पक्ष में मतदान के लिए मतदाताओं को प्रभावित करने के संदर्भ में गंभीर आरोप सामने आए हैं.
उन्होंने दावा किया कि उनकी पार्टी ने भी कई शिकायतें दर्ज कराई हैं लेकिन महज कुछ का ही निस्तारण हुआ.
लोगों को केंद्रीय बलों के खिलाफ हिंसा के लिए नहीं उकसाने के अपने दावे की पुष्टि के लिए बनर्जी ने निर्वाचन आयोग को जवाब में अपने भाषण के कुछ अंश भी पेश किए.
बनर्जी ने कहा कि भाषण में उन्होंने मतदाताओं और खास तौर पर महिला मतदाताओं का आह्वान किया था कि अगर कोई (सीएपीएफ समेत) उनके मताधिकार की राह में कोई अड़चन पैदा करता है तो वे घेराव कर लोकतांत्रिक तरीके से प्रदर्शन करें.
असम चुनाव: आंचलिक गण मोर्चा ने मतगणना की वीडियोग्राफी कराने का अनुरोध किया
गुवाहाटी: असम में कांग्रेस नीत विपक्षी ‘महाजोत’ के घटक दल आंचलिक गण मोर्चा (एजीएम) ने रविवार को निर्वाचन आयोग से राज्य में दो मई को होने वाली मतगणना की वीडियोग्राफी कराने का अनुरोध किया है.
एजीएम के अध्यक्ष तथा राज्यसभा सदस्य अजित कुमार भुइयां ने आयोग को लिखे पत्र में कहा कि आयोग को विधानसभा चुनाव की पूरी प्रक्रिया के दौरान राज्य की नौकरशाही पर निर्भर होना पड़ा है.
उन्होंने दावा किया कि इस बात की चिंता है कि कर्मचारियों के कुछ वर्ग सत्तारूढ़ भाजपा के पक्ष में काम करते हुए मतगणना में हेरफेर कर सकते हैं.
उन्होंने कहा, ‘मतगणना को निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से कराने के लिए मैं चुनाव आयोग से ‘निर्वाचनों का संचालन नियम, 1961’ के अनुसार ऐसे सभी संभव कदम उठाने और समय-समय पर आयोग द्वारा अधिसूचना जारी किए जाने का अनुरोध करता हूं. पारदर्शिता के लिए ऐसा ही एक कदम पूरी मतगणना प्रक्रिया की वीडियोग्राफी कराना है.’
तमिलनाडु चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी माधव राव का कोविड-19 से निधन
चेन्नई: तमिलनाडु में छह अप्रैल को हुए विधानसभा चुनाव में श्रीविल्लिपुत्तूर सीट से कांग्रेस उम्मीदवार पीएसडब्ल्यू माधव राव का कोविड-19 से संबंधित जटिलताओं के कारण रविवार को निधन हो गया.
राव के दामाद के. राजीव ने कहा कि राव 63 वर्ष के थे और उनके परिवार में सिर्फ उनकी बेटी हैं.
उन्होंने बताया कि राव का मदुरै के एक निजी अस्पताल में रविवार सुबह निधन हो गया, जहां उन्हें 20 मार्च को भर्ती कराया गया था.
कांग्रेस के सचिव और तमिलनाडु प्रभारी संजय दत्त ने ट्वीट करके कहा कि उन्हें कोविड-19 के कारण राव के निधन के बारे में सुनकर काफी दुख हुआ है.
दत्त ने कहा, ‘उनके परिवार को हमारी हार्दिक संवेदनाएं. हम उनके साथ दुख की इस घड़ी में खड़े हैं और राव की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करते हैं.’
एआईएडीएमके के शीर्ष नेता ओ. पनीरसेल्वम तथा द्रमुक के प्रमुख एमके स्टालिन ने राव के निधन पर दुख जताया है.
उप-मुख्यमंत्री पनीरसेल्वम ने राव के परिवार को तथा कांग्रेस को अपनी संवेदनाएं व्यक्त की हैं.
स्टालिन ने कहा कि राव का निधन श्रीविल्लिपुत्तूर के लोगों और कांग्रेस पार्टी के लिए बड़ा नुकसान है. द्रमुक प्रमुख ने सार्वजनिक जीवन में शामिल लोगों से एहतियात बरतने और टीका लगवाने का आग्रह किया.
तमिलनाडु में छह अप्रैल को चुनाव हुआ था और मतगणना दो मई को होनी है. अगर कांग्रेस के उम्मीदवार चुनाव में जीत हासिल करते हैं तो श्रीविल्लिपुत्तूर में बाद में उपचुनाव होगा.
तमिलनाडु में भाजपा प्रत्याशी अन्नामलाई कोविड-19 से संक्रमित
चेन्नई: तमिलनाडु में छह अप्रैल को हुए विधानसभा चुनाव में अरावक्कुरिची सीट से भाजपा उम्मीदवार के. अन्नामलाई कोविड-19 से संक्रमित पाए गए हैं.
अन्नामलाई ने ट्वीट कर बताया कि वह कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए हैं और अस्पताल में भर्ती हैं.
उन्होंने हाल में संपर्क में आए लोगों से आग्रह किया कि वे अपने लक्षणों पर नजर रखें और जांच कराएं.
कर्नाटक कैडर के पूर्व आईपीएस अधिकारी अन्नामलाई ने 2009 में स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ले ली थी और पिछले साल भाजपा में शामिल हो गए थे.
अभिनेत्री और भाजपा नेता खुशबू सुंदर ने कहा कि है उनके फिल्मकार पति सुंदर सी. कोविड-19 से संक्रमित पाए गए हैं. उन्होंने ट्वीट किया, ‘वह ठीक हैं, लेकिन एहतियाती उपाय के तहत उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है.’
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह (फोटोः पीटीआई)
शांतिपुर (पश्चिम बंगाल): केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने रविवार को आरोप लगाया कि केंद्रीय बलों का घेराव करने की पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की सलाह ने लोगों को कूच बिहार के सीतलकूची में सीआईएसएफ पर हमले के लिए उकसाया, जिसके चलते सुरक्षाकर्मियों की गोलीबारी में चार लोगों की मौत हो गई.
उन्होंने तृणमूल कांग्रेस प्रमुख पर मौत के मामले में भी तुष्टिकरण की राजनीति करने का आरोप लगाया.
शाह ने नदिया जिले के शांतिपुर में रोड-शो के बाद संवाददाताओं से कहा, ‘ममता बनर्जी ने लोगों को केंद्रीय बलों का घेराव करने की सलाह दी थी. क्या यह सीतलकूची में हुई मौतों के लिए जिम्मेदार नहीं था? उनकी सलाह ने लोगों को सीआईएसएफ पर हमले के लिए उकसाया.’
राज्य विधानसभा चुनावों के चौथे चरण के मतदान के दौरान शनिवार को हुई इन चार मौतों के अलावा सीतलकूची विधानसभा क्षेत्र में ही कथित तौर पर भाजपा के एक कार्यकर्ता की भी गोली मार कर हत्या कर दी गई.
हालांकि, सीआईएसएफ ने चार मौतों को आत्मरक्षा में की गई कार्रवाई बताया है.
शाह ने आरोप लगाया कि ममता ने सीआईएसएफ की गोलीबारी में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि अर्पित कर तुष्टिकरण की राजनीति की, लेकिन भाजपा कार्यकर्ता की मौत पर शोक प्रकट नहीं किया, क्योंकि वह राजबंगशी समुदाय से था, जो उनका वोट बैंक नहीं है. भाजपा कार्यकर्ता की पहचान आनंद बर्मन के रूप में की गई है.
केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा, ‘सीतलकूची हत्याओं को राजनीतिक रंग देने की कोशिश की जा रही है.’
इससे पहले मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने घटना के मद्देनजर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से इस्तीफा मांगा था. बनर्जी ने कहा था, ‘शाह को इस नीच, नृशंस एवं अप्रत्याशित घटना की जिम्मेदारी लेते हुए इस्तीफा दे देना चाहिए.’
शाह ने इस बात का जिक्र किया कि शुरू के तीन चरणों में चुनाव काफी हद तक शांतिपूर्ण हुआ. उन्होंने सभी राजनीतिक दलों से अगले चार चरणों के चुनाव में निर्वाचन आयोग के नियमों का पालन करने की अपील की.
गौरतलब है कि ममता ने कूच बिहार जिले के बनेश्वर में एक रैली को संबोधित करते हुए सात अप्रैल को आरोप लगाया था कि सीआरपीएफ कर्मचारी शाह के इशारे पर लोगों को प्रताड़ित कर रहे हैं और उनकी हत्या कर रहे हैं.
उन्होंने लोगों को केंद्रीय बलों का घेराव करने के लिए समूह बनाने और उनसे बातचीत करते हुए उन्हें व्यस्त रखने, जबकि अन्य लोगों को शीघ्रता से मतदान केंद्र जाने और वोट डालने की सलाह दी थी.
चौथे चरण के मतदान के दौरान कूच बिहार जिले के सीतलकूची क्षेत्र के जोरपाटकी गांव में कथित तौर पर स्थानीय लोगों की तरफ से केंद्रीय बलों पर कथित हमले और उसके बाद जवानों द्वारा की गई फायरिंग में चार लोगों की मौत हो गई थी.
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, सुरक्षा बलों ने तब फायरिंग की जब गांववालों ने एक 12 साल के बच्चे पर सीआईएसएफ जवानों द्वारा हमले की अफवाह के बाद उन्हें घेर लिया था.
फायरिंग में जिन लोगों की मौत हुई, उनकी पहचान हमीदुल मियां (31 वर्ष), मोनीरुज्जमां मियां (28 वर्ष), समीउल हक (18 वर्ष) और नूर आलम मियां (20 वर्ष) के रूप में हुई.
इस घटना से राजनीतिक तूफान आ गया है. केंद्रीय बल का दावा है कि गोली ‘आत्मरक्षा’ में चलाई गई है. वहीं टीएमसी ने इसे मतदाताओं को डराने के लिए सोच-समझकर की गई हत्या बताया है.
हिंसा के बाद चुनाव आयोग ने वहां नेताओं के जाने पर प्रतिबंध और प्रचार खत्म करने की समयसीमा बढ़ाने जैसे कुछ कड़े कदम उठाए हैं. आयोग ने पांचवें चरण के मतदान से पहले प्रचार खत्म करने की सीमा 48 घंटे से बढ़ाकर 72 घंटे कर दी है.
कूच बिहार गोलीबारी से भाजपा को तपिश का सामना करना पड़ सकता है: बिमल गुरूंग
दार्जिलिंग: गोरखा जन मुक्ति मोर्चा (जीजेएम) के एक धड़े के प्रमुख बिमल गुरूंग ने कहा है कि कूच बिहार में सीआईएसएफ द्वारा की गई गोलीबारी में चार लोगों की मौत की घटना बंगाल चुनाव में ‘अहम मोड़’ साबित होगी. साथ ही उन्होंने दावा किया कि राज्य के उत्तरी हिस्से में शेष चार चरणों के चुनाव में भाजपा को लोगों के गुस्से का सामना करना होगा.
बिमल गुरूंग. (फोटो: पीटीआई)
गुरूंग ने समाचार एजेंसी ‘पीटीआई/भाषा’ को दिए साक्षात्कार में फिर दोहराया कि पूर्ण राज्य की मांग पहाड़ों पर रहने वाले हर गोरखा का सपना है और तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) का स्थायी राजनीतिक समाधान के लिए पैरवी करना तथा दार्जिलिंग और आसपास के इलाके का समग्र विकास करने की बात कहना ‘बहुत उत्साहजनक’ है.
फर्जी वादों से 12 साल तक गोरखा जाति को धोखा देना का भाजपा पर आरोप लगाते हुए गुरूंग ने कहा कि वह ममता बनर्जी के साथ मिलकर भगवा खेमे को ऐसा सबक सिखाएंगे, जो वह जिंदगी भर याद रखेगा.
गुरूंग पिछले साल अक्टूबर में भाजपा के नेतृत्व वाला राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) छोड़ टीएमसी के साथ आ गए थे.
उन्होंने कहा, ‘बेगुनाह लोगों को चाहे पुलिस मारे या केंद्रीय बल, यह स्वीकार्य नहीं है. कूच बिहार में मतदान के दिन जो हुआ है वह नरसंहार से कम नहीं है. भाजपा उत्तर बंगाल में इसकी तपिश महसूस करेगी. पार्टी क्षेत्र से साफ हो जाएगी.’
गुरूंग ने कहा, ‘2017 के गोरखालैंड आंदोलन के दौरान कई लोगों की हत्या की गई थी. बाद में 2019 के आम चुनाव में टीएमसी को इसकी तपिश का सामना करना पड़ा था जब वह उत्तर बंगाल की सभी आठ लोकसभा सीटें हार गई थी. इस बार भाजपा के साथ भी यही होगा.’
उन्होंने कहा, ‘भाजपा उत्तर बंगाल में इसलिए अच्छा प्रदर्शन कर पाई थी, क्योंकि हमने 2019 में पार्टी का साथ दिया था. उसने दार्जिलिंग सीट 2009 से तीन बार जीती है. इन वर्षों में, गोरखाओं को एहसास हो गया है कि भगवा खेमा उन्हें फर्जी वादों से सिर्फ ठग रहा है. इस चुनाव में उसे जबर्दस्त सबक मिलेगा.’
उत्तर बंगाल के सात जिलों की 54 सीटें इन विधानसभा चुनावों में अहम साबित हो सकती हैं. भाजपा क्षेत्र का अपना किला बचाने की कोशिश कर रही है तो टीएमसी अपनी खोई जमीन फिर से पाने के लिए जुटी हुई है.
वर्ष 2016 के विधानसभा चुनाव में टीएमसी ने उत्तर बंगाल में 25 सीटें जीती थीं, लेकिन 2019 के लोकसभा चुनाव में सारे समीकरण बदल गए थे और भाजपा ने क्षेत्र की आठ में से सात लोकसभा सीटें जीत ली थीं और कम से कम 35 विधानसभा क्षेत्रों में आगे थी.
गुरूंग का कम से कम 15 विधानसभा सीटों और 11 गोरखा समुदायों पर दबदबा है.
दार्जिलिंग में जून 2017 में हुए संघर्ष के बाद गुरूंग भूमिगत हो गए थे. उनके खिलाफ 120 से अधिक मुकदमे दर्ज किए गए थे, जिनमें से कुछ गैर कानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम के तहत भी थे. इस आंदोलन से जीजेएम भी बंट गई और संगठन के वरिष्ठ नेता बिनय तमांग एक धड़े के नेता के तौर पर उभरे.
सत्तारूढ़ पार्टी ने उत्तर बंगाल में ‘पहाड़ों के अपने दोस्तों’ के लिए तीन सीटें छोड़ी हैं. इन सीटों पर जीजेएम के दोनों धड़े निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं.
कूच बिहार की घटना मतदाताओं को डराने के लिए भाजपा के षड्यंत्र का परिणाम: ममता
राजगंज/नागराकोटा/चलसा: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने रविवार को दावा किया कि कूच बिहार में हुई घटना मतदाताओं के डराने के लिए भाजपा द्वारा रची गई साजिश का परिणाम है.
ममता बनर्जी. (फोटो: पीटीआई)
रविवार को जलपाईगुड़ी जिले में तीन रैलियों को संबोधित करने वाली बनर्जी ने कहा कि केंद्रीय बलों के बचाव में आए भाजपा नेताओं को बैठकर यह सोचना चाहिए कि अगर उनके परिवार के सदस्यों के साथ ऐसा हुआ होता तो भी क्या उनका यही रुख होता.
बनर्जी ने राजगंज में कहा, ‘एक वीडियो फुटेज में दिख रहा है कि भाजपा नेता गोलीबारी की घटना के बाद केंद्रीय बलों के पक्ष में बोल रहे हैं. आपको (भाजपा नेताओं को) किसी अन्य परिवार में लोगों के मरने का कोई दुख नहीं हुआ. अगर आपके घर में किसी के साथ ऐसा हुआ होता तो?’
आरोपी सीआईएसएफ कर्मचारियों पर निशाना साधते हुए बनर्जी ने कहा, ‘यदि आपको लगा कि कोई हंगामा कर रहा है तो आप उससे बात करते. आपके पास लाठियां भी तो होती हैं. आपने अचानक मतदाताओं पर बंदूक कैसे तान दी?’
बनर्जी ने घटना को ‘लोकतंत्र की हत्या’ करार देते हुए आरोप लगाया कि चुनाव आयोग ने ‘भाजपा के इशारे’ पर उनके और अन्य राजनीतिक नेताओं के 72 घंटे तक सीतलकूची जाने पर रोक लगा दी.
उन्होंने कहा, ‘आप मुझे सीतलकूची या किसी अन्य जगह जाने से रोक सकते हैं, लेकिन मैं शोकाकुल परिवार के पास जाने का कोई न कोई रास्ता ढूंढ लूंगी.’
बनर्जी ने कहा कि ‘हर गोली का जवाब, वोटों से दिया जाएगा.’
कूच बिहार की घटना के विरोधस्वरूप काला स्कार्फ पहने बनर्जी ने नागराकोटा में मंच के निकट बनाए गए अस्थायी स्मारक पर गोलीबारी में मारे गए लोगों को पुष्पांजलि अर्पित की.
चलसा में उन्होंने प्रत्येक परिवार को हर महीने राशन और 500 रुपये तथा पिछड़ी जाति के परिवारों को भत्ते के तौर पर प्रतिमाह 1-1 हजार रुपये देने का वादा किया.
बंगाल में प्रचार के दौरान कांग्रेस उम्मीदवार पर कथित रूप से हमला
मालदा: पश्चिम बंगाल में माणिकचक विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस के उम्मीदवार मोहम्मद मुत्ताकीन आलम पर प्रचार के दौरान बदमाशों ने कथित रूप से हमला कर दिया.
कांग्रेस ने रविवार को दावा किया कि आलम के साथ मौजूद पार्टी सांसद अबू हसीम खान चौधरी की गाड़ी को भी क्षतिग्रस्त किया गया है.
जिला कांग्रेस नेतृत्व ने आरोप लगाया कि तृणमूल कांग्रेस के समर्थक हमले के लिए जिम्मेदार हैं. सत्तारूढ़ पार्टी ने इस आरोप से इनकार किया है.