सरकारी अधिकारी कोविड-19 के हालात से बेख़बर, भगवान इस देश को बचाए: दिल्ली हाईकोर्ट

दिल्ली हाईकोर्ट ने देश में रूसी वैक्सीन स्पुतनिक वी के उत्पादन संबंधी याचिका को सुनते हुए कहा कि जब केंद्र के पास लाखों टीकों की खुराक प्राप्त करने का अवसर है तब भी कोई दिमाग नहीं लगा रहा है, जबकि सरकार को इसे एक अवसर के तौर पर अपनाना चाहिए.

8 अप्रैल को मुंबई के एक टीकाकरण केंद्र पर वैक्सीन ख़त्म होने के बाद खड़े लोग. (फोटो: पीटीआई)

8 अप्रैल को मुंबई के एक टीकाकरण केंद्र पर वैक्सीन ख़त्म होने के बाद खड़े लोग. (फोटो: पीटीआई)

नई दिल्ली: दिल्ली उच्च न्यायालय ने मंगलवार को कहा कि कोविड-19 ने एक भी परिवार को नहीं बख्शा है और तब भी केंद्र सरकार के अधिकारी जमीनी हकीकत से बेखबर अपनी ‘आरामगाहों’ में रह रहे हैं.

कोर्ट भारत में स्पुतनिक वी टीके के उत्पादन से संबंधित याचिका सुन रहा था. अदालत ने कहा कि भारत में इस टीके के उत्पादन से देश को टीकों की कमी को दूर करने का एक अवसर मिल रहा है.

रूस की इस वैक्सीन के निर्माताओं के साथ सहयोग करने वाली एक भारतीय फर्म को केंद्र की ओर से धन की कमी होने की बात कही गई थी, जिसको लेकर जस्टिस मनमोहन और जस्टिस नवीन चावला ने केंद्र से नाराजगी जताते हुए कहा, ‘भगवान इस देश को बचाए.’

पीठ ने कहा कि स्पुतनिक वी टीके के उत्पादन के लिए पैनासिया बायोटेक की रशियन डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट फंड (आरडीआईएफ) के साथ साझेदारी को इस अवसर के रूप में देखा जाना चाहिए कि यहां इसका उपयोग हो और ऐसे मामलों में उच्च अधिकारियों से 30 मिनट के भीतर निर्देश प्राप्त किए जाएं.

उसने कहा कि जब सरकार के पास लाखों टीकों की खुराक प्राप्त करने का अवसर है तब भी ‘कोई दिमाग नहीं लगा रहा’ जबकि सरकार को इसे एक अवसर के तौर पर अपनाना चाहिए.

पीठ ने कहा, ‘अन्यथा मौत होती रहेंगी. हर दिन सभी अदालतें आपसे नाराजगी जता रही हैं और तब भी आप नहीं जाग रहे. कौन-सा नौकरशाह आपको निर्देश दे रहा है. क्या उसे हालात की जानकारी नहीं है? भगवान देश को बचाए.’

पीठ ने कहा, ‘क्या आपका अफसर देश में इतनी बड़ी संख्या में हो रही मौतों को नहीं देख पा रहा. टीकों की भी कमी है. आपके मुवक्किल को हालात की जानकारी नहीं है.’

इस मुद्दे पर केंद्र के रुख की आलोचना करते हुए पीठ ने कहा, ‘आपके पास टीकों की इतनी कमी है और आप इस पर ध्यान नहीं दे रहे. यह आपके लिए अवसर हो सकता है. इतने नकारात्मक मत होइए. यह आग भड़काने जैसा है और किसी को कोई फिक्र नहीं है.’

समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक अदालत ने दिल्ली की पैनासिया बायोटेक की याचिका पर सुनवाई करते हुए ये टिप्पणियां कीं. जिसमें जुलाई 2020 के एक आदेश को संशोधित करने की मांग की गई थी.

कंपनी ने अपने नए आवेदन में मध्यस्थ अवॉर्ड जारी करने की मांग करते हुए कहा कि उसे मानवता के व्यापक हित में जल्द से जल्द धन की जरूरत है. क्योंकि उसने पहले ही आरडीआईएफ के सहयोग से कोविड वैक्सीन स्पुतनिक वी के ट्रायल बैचों का निर्माण किया है और निर्माण प्रक्रिया जारी है.

पीठ ने कहा, ‘इस अदालत का विचार है कि आज के समय में भारत में टीकों की भारी कमी है और आरडीआईएफ के साथ आवेदक (पैनेसिया बायोटेक) के सहयोग से भारत को यह सुनिश्चित करने का मौका मिलता है कि आवेदक द्वारा निर्मित वैक्सीन का देश में बिक्री के लिए इस्तेमाल किया जाए.’

अदालत ने केंद्र को नोटिस जारी कर याचिका की जांच कर एक सप्ताह के भीतर जवाब दाखिल करने को कहा है और मामले की अगली सुनवाई को 31 मई के लिए सूचीबद्ध किया.

कंपनी की और से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता संदीप सेठी ने कहा यदि अवॉर्ड राशि जारी नहीं की जाती है तो सबसे तेज गति से वैक्सीन के निर्माण की पूरी प्रक्रिया पटरी से उतर सकती है और देरी हो सकती है जो मानवता के व्यापक हित में नहीं होगी.

वहीं, केंद्र की और से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल बलबीर सिंह ने कहा कि स्पुतनिक वी के निर्माण से देश को कोई लाभ नहीं होगा क्योंकि यह आरडीआईएफ द्वारा वैश्विक आपूर्ति के लिए होगा.

केंद्र का प्रतिनिधित्व करने वाले अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल बलबीर सिंह ने प्रस्तुत किया कि स्पुतनिक वी के निर्माण से देश को कोई लाभ नहीं होगा क्योंकि यह आरडीआईएफ द्वारा वैश्विक आपूर्ति के लिए होगा.

उन्होंने दावा किया कि याचिका में कुछ भ्रामक बयान दिए गए थे और ऐसी कोई तत्काल जरूरत नहीं थी क्योंकि टीकों को भारत के बाहर बेचा जाना है.

केंद्र की ओर से अधिवक्ता राजेश रंजन और बीएस शुक्ला भी पेश हुए थे. हालांकि, सेठी ने जवाब दिया कि सरकार की सहमति के बिना किसी भी निर्मित टीके का निर्यात नहीं किया जा सकता है.

उन्होंने कहा कि ये टीके केवल भारतीय उपयोग के लिए हैं और इससे सरकार को फायदा होगा क्योंकि यह फर्म टीकों के सबसे बड़े निर्माताओं में से एक है जो घरेलू और अंतरराष्ट्रीय बाजारों की आपूर्ति करती है.

याचिका पर केंद्र की आपत्ति पर पीठ ने कहा कि सरकार के पास टीकों की कमी है और इस कंपनी का कहना है कि वे बिक्री के 20 प्रतिशत का निर्माण और अदालत में जमा करने को तैयार हैं, इसलिए इसे एक अवसर के रूप में लिया जाना चाहिए.

टिप्पणियाँ
Popular posts
परमपिता परमेश्वर उन्हें अपने चरणों में स्थान दें, उनकी आत्मा को शांति प्रदान करें व समस्त परिजनों व समाज को इस दुख की घड़ी में उनका वियोग सहने की शक्ति प्रदान करें-व्यापारी सुरक्षा फोरम
चित्र
World Food Day 2024: कब भूखमरी एवं भूखें लोगों की दुनिया से निजात मिलेगी?
चित्र
योगी सरकार का बड़ा कदम, एआई सीसीटीवी से अभेद्य होगी महाकुंभ की सुरक्षा व्यवस्था
चित्र
प्रथम पहल फाउंडेशन शीघ्र ही मल्टी स्पेशलिस्ट हॉस्पिटल बनाएगा
चित्र
दिवाली पर बिल्ली का दिखना होता है शुभ, जानिए ये जानवर दिखने पर होता है क्या