भारत में कोरोना वायरस संक्रमण के कुल मामलों का आंकड़ा 3,29,45,907 पहुंच गया है और इस महामारी से जान गंवाने वाले लोगों की संख्या 4,40,225 हो चुकी है. पूरी दुनिया में संक्रमण के कुल 21,98,22,508 मामले दर्ज किए गए हैं और अब तक 45,53,726 लोगों की मौत हुई है.
अमेरिका की जॉन्स हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार, इस बीच पूरी दुनिया में कोरोना वायरस संक्रमण के कुल मामले बढ़कर 21,98,22,508 हो गए हैं और अब तक 45,53,726 लोगों की जान जा चुकी है.मंत्रालय ने बताया कि 24 घंटे की अवधि में उपचाराधीन मरीजों की संख्या में 5,903 की वृद्धि हुई. उपचाराधीन मरीजों की कुल संख्या संक्रमण के कुल मामलों का 1.23 प्रतिशत है, जबकि कोविड-19 से स्वस्थ होने की राष्ट्रीय दर 97.43 प्रतिशत है.
आंकड़ों के मुताबिक, दैनिक संक्रमण दर 2.50 प्रतिशत और साप्ताहिक दर 2.63 प्रतिशत है. पिछले 71 दिनों से यह तीन प्रतिशत से कम रही है.
शुक्रवार को कोविड-19 का पता लगाने के लिए 17,04,970 नमूनों की जांच की गई और इसी के साथ ही देश में अब तक जांचे गए नमूनों की जांच की संख्या 52,82,40,038 हो गई है.
देशव्यापी टीकाकरण अभियान के तहत अभी तक टीकों की 67.72 करोड़ खुराक दी जा चुकी है.
मंत्रालय ने बताया कि बीते 24 घंटे में जिन 330 और मरीजों ने जान गंवाई है उनमें से 131 लोगों की मौत केरल में और 92 की मौत महाराष्ट्र में हुई.
इस महामारी से देश में अभी तक हुई कुल मौतों में से 1,37,643 लोगों की मौत महाराष्ट्र में, 37,380 की कर्नाटक, 34,980 की तमिलनाडु, 25,082 की दिल्ली, 22,854 की उत्तर प्रदेश, 21,280 की केरल और 18,483 लोगों की मौत पश्चिम बंगाल में हुई.
स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि अभी तक जिन लोगों की मौत हुई है, उनमें से 70 प्रतिशत से ज्यादा मरीजों को अन्य बीमारियां भी थीं.
आंकड़ों के मुताबिक, देश में 110 दिन में कोविड-19 के मामले एक लाख हुए थे और 59 दिनों में वह 10 लाख के पार चले गए थे.
भारत में कोविड-19 संक्रमण के कुल मामलों की संख्या 10 लाख से 20 लाख (7 अगस्त 2020 को) तक पहुंचने में 21 दिनों का समय लगा था, जबकि 20 से 30 लाख (23 अगस्त 2020) की संख्या होने में 16 और दिन लगे. हालांकि 30 लाख से 40 लाख (5 सितंबर 2020) तक पहुंचने में मात्र 13 दिनों का समय लगा है.
वहीं, 40 लाख के बाद 50 लाख (16 सितंबर 2020) की संख्या को पार करने में केवल 11 दिन लगे. मामलों की संख्या 50 लाख से 60 लाख (28 सितंबर 2020 को) होने में 12 दिन लगे थे. इसे 60 से 70 लाख (11 अक्टूबर 2020) होने में 13 दिन लगे. 70 से 80 लाख (29 अक्टूबर को 2020) होने में 19 दिन लगे और 80 से 90 लाख (20 नवंबर 2020 को) होने में 13 दिन लगे. 90 लाख से एक करोड़ (19 दिसंबर 2020 को) होने में 29 दिन लगे थे.
इसके 107 दिन बाद यानी पांच अप्रैल को मामले सवा करोड़ से अधिक हो गए, लेकिन संक्रमण के मामले डेढ़ करोड़ से अधिक होने में महज 15 दिन (19 अप्रैल को) का वक्त लगा और फिर सिर्फ 15 दिनों बाद चार मई को गंभीर स्थिति में पहुंचते हुए आंकड़ा 1.5 करोड़ से दो करोड़ के पार चला गया. चार मई के बाद करीब 50 दिनों में 23 जून को संक्रमण के मामले तीन करोड़ से पार चले गए थे.
मई रहा अब तक का सबसे घातक महीना
भारत में अकेले मई में कोविड-19 की दूसरी लहर के दौरान कोरोना वायरस के 92,87,158 से अधिक मामले सामने आए थे, जो एक महीने में दर्ज किए गए संक्रमण के सर्वाधिक मामले हैं. इस तरह यह महीना इस महामारी के दौरान सबसे खराब और घातक महीना रहा था.
मई में इस बीमारी के चलते 1,20,833 लोगों की जान भी गई थी.
सात मई को 24 घंटे में अब तक कोविड-19 के सर्वाधिक 4,14,188 मामले सामने आए थे और 19 मई को सबसे अधिक 4,529 मरीजों ने अपनी जान गंवाई थी.
रोजाना नए मामले 17 मई से 24 मई तक तीन लाख से नीचे रहे और फिर 25 मई से 31 मई तक दो लाख से नीचे रहे थे. देश में 10 मई को सर्वाधिक 3,745,237 मरीज उपचाररत थे.
वायरस के मामले और मौतें
अगस्त महीने में बीते एक दिन या 24 घंटे के दौरान सामने आए संक्रमण के नए मामलों की बात करें तो बीते तीन सितंबर को 45,352, दो सितंबर को 47,092 और एक सितंबर को 41,965 नए मामले आए थे.
इसी तरह 24 घंटे में जान गंवाने वाले लोगों की बात करें तो बीते तीन सितंबर को 366, दो सितंबर को 509 और एक सितंबर को 460 लोगों की मौत हुई थी.
अगस्त महीने में बीते 24 घंटे के दौरान संक्रमण के सर्वाधिक 46,759 मामले 28 अगस्त को दर्ज किए गए और इस अवधि में सर्वाधिक 648 लोगों की मौत 25 अगस्त को दर्ज की गई थी.
जून महीने में बीते 24 घंटे के दौरान संक्रमण के सर्वाधिक मामले तीन जून को 1,34,154 आए थे और इस अवधि में मौत के सर्वाधिक 6,148 मामले (बिहार द्वारा आंकड़ों में संशोधन किए जाने के बाद) 10 जून को सामने आए थे.
अप्रैल महीने में बीते 24 घंटे के दौरान सर्वाधिक 3,86,452 नए मामले 30 तरीख को दर्ज किए गए थे, जबकि सबसे अधिक 3,645 लोगों की मौत 29 तारीख को हुई थी.
मार्च में 24 घंटे के दौरान सर्वाधिक 68,020 मामले 29 मार्च को सामने आए थे और महामारी से जान गंवाने वाले लोगों की सर्वाधिक संख्या 31 मार्च को दर्ज की गई. इस दिन 354 लोगों की मौत हुई थी, जो साल 2021 की पहली तिमाही (जनवरी से मार्च) का सर्वाधिक आंकड़ा है.
फरवरी माह में 24 घंटे में संक्रमण के सर्वाधिक 16,738 मामले 25 फरवरी को सामने आए थे और इस महीने सर्वाधिक 138 लोगों की मौतें भी इसी तारीख में दर्ज है.
जनवरी में 24 घंटे के दौरान संक्रमण के सर्वाधिक 20,346 मामले बीते सात जनवरी को दर्ज किए गए थे. वहीं इस अवधि में सबसे अधिक 264 लोगों की मौत छह जनवरी को हुई थी.
पिछले साल छह सितंबर को संक्रमण के नए मामले पहली बार 90 हजार (90,632) के पार हो गए थे. 28 अगस्त को पहली बार 70 हजार (75,760) के पार, सात अगस्त को पहली बार 60 हजार (62,538) के पार, 30 जुलाई को पहली बार 50 हजार के पार हो गए थे.
इसी तरह पिछले साल 20 जुलाई को यह पहली बार 40 हजार के पार, 16 जुलाई को पहली बार 30 हजार के पार, 10 जुलाई को पहली बार 25 हजार (26,506) के पार, तीन जुलाई को पहली बार 20 हजार के पार, 21 जून को पहली बार 15 हजार के पार और 20 जून को संक्रमण के नए मामलों की संख्या पहली बार 14 हजार के पार हुई थी.
नई दिल्ली: भारत में एक दिन में कोविड-19 के 42,618 नए मामले सामने आने से संक्रमण के कुल मामलों की संख्या 3,29,45,907 हो गई, जबकि उपचाराधीन मरीजों यानी सक्रिय मामलों की संख्या 4,05,681 पर पहुंच गई. उपचाराधीन मामलों में लगातार चौथे दिन वृद्धि दर्ज की गई है.
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के शनिवार सुबह आठ बजे तक अद्यतन आंकड़ों के अनुसार, बीते 24 घंटे में 330 और मरीजों के जान गंवाने से इस महामारी से मरने वाले लोगों की संख्या 4,40,225 पर पहुंच गई.