प्रियंका से प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान सवाल किया गया कि महिला प्रतिनिधि के नाम पर नेताओं के परिवारों की महिलाओं को लड़ाया जाता है. इसे कैसे रोकेंगी? प्रियंका ने इसके जवाब में कहा, इसमें कोई बुराई नहीं है, लडऩे के बाद ये महिलाएं सक्षम हो जाती हैं.
प्रियंका ने कहा, भारतीय राजनीति के पाठ्यक्रम को बदलने के लिए यह निर्णय लिया गया है. यह उन सभी महिलाओं के लिए है जिन्होंने मुझे प्रेरित किया है. उन्होंने कहा, कि अगर उनका बस चलता तो महिलाओं के लिए 50 प्रतिशत टिकट आरक्षित करतीं.
प्रियंका ने कहा कि यह फैसला सभी महिलाओं के लिए है. लेकिन इस मौके पर उन्होंने कई महिलाओं का नाम लिया. इस मौके पर प्रियंका ने कहा, यह फैसला चंदौली में शहीद सिपाही की बहन वैष्णवी के लिए है. जिन्होंने मुझे कहा कि उनके भाई शहीद हो गए लेकिन वह पायलट बनना चाहती हैं. यह निर्णय उन्नाव की उस लड़की के लिए है जिसे जलाया गया, मारा गया. उसकी भाभी के लिए है जो आज भी संघर्ष कर रही हैं और उनकी 9 साल की बेटी के लिए है जिसे स्कूल में धमकाया गया. यह निर्णय हाथरस की उस मां के लिए है जिसने मुझे गले लगाकर कहा कि उसे न्याय चाहिए. यह निर्णय रमेश कश्यप की बेटी के लिए है जो बड़ी होकर डॉक्टर बनना चाहती है.