जवानों की शहादत पर मोदी ने नहीं किया ट्वीट तो बोले पत्रकार- किसानों के बाद जवानों की शहादत भी भूल गए क्या?

 


किसानों और जवानों के नाम पर राजनीतिक पार्टियां सिर्फ वोट बटोरने का काम ही करती आई है। उनकी सुरक्षा के लिए सरकार द्वारा कोई ठोस कदम नहीं उठाए जा रहे।

बीते कई दिनों से जम्मू कश्मीर में आतंकी घटनाएं घट रही है।

एक बार फिर खबर सामने आई है कि जम्मू-कश्मीर के पुंछ के सुरनकोट सेक्टर में घुसपैठ कर आए आतंकियों की धरपकड़ के लिए चलाए गए तलाशी अभियान में सेना के जवानों और आतंकियों में मुठभेड़ हुई। जिसमें सेना के जेसीओ समय तक 5 जवान शहीद हो गए हैं।

इस मुठभेड़ में मारे जाने वाले सेना के 5 जवानों के नाम है गज्जन सिंह, वैशाख एच, जसविंदर सिंह, मनदीप सिंह और सरोज सिंह। शहीद हुए जवानों में से कई बहुत ही कम उम्र के हैं।

 


इस घटना ने एक बार फिर देशवासियों को हिला कर रख दिया है। सोशल मीडिया पर लोग सेना के जवानों की शहादत को नमन करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित कर रहे हैं।

सोशल मीडिया पर लोग इन बहादुर जवानों के जज्बे को सलाम कर रहे हैं।

इतनी बड़ी घटना पर अब तक देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा कोई प्रतिक्रिया नहीं दी गई है।

जबकि सोशल मीडिया पर पीएम मोदी काफी सक्रिय रहते हैं। देश-विदेश में होने वाली घटनाओं पर अक्सर वह अपनी प्रतिक्रिया जाहिर करते हैं।इस मामले में पत्रकार दीपक शर्मा ने ट्वीट कर मोदी सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने ट्वीट कर लिखा है किमोदीजी, रोज की दर्जनों ट्वीट में…कहीं दो शब्द इन वीरों की शहादत पर तो लिख ही सकते थे ? किसानों के साथ-साथ अब तो जवानों की कुरबानी भी भूलने लगे हैं आप!गौरतलब है कि देश के जवानों और किसानों के नाम पर चुनावी प्रचार प्रसार करने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बीते साल से चल रहे किसान आंदोलन में मारे गए किसान प्रदर्शनकारियों पर भी कोई बयान नहीं दिया है।

टिप्पणियाँ
Popular posts
परमपिता परमेश्वर उन्हें अपने चरणों में स्थान दें, उनकी आत्मा को शांति प्रदान करें व समस्त परिजनों व समाज को इस दुख की घड़ी में उनका वियोग सहने की शक्ति प्रदान करें-व्यापारी सुरक्षा फोरम
चित्र
पीपल, बरगद, पाकड़, गूलर और आम ये पांच तरह के पेड़ धार्मिक रूप से बेहद महत्व
चित्र
भारत की स्वतंत्रता प्राप्ति में भी ब्राह्मणों के बलिदान का एक पृथक वर्चस्व रहा है।
चित्र
ब्रिटेन की नई हुकूमत के समक्ष चुनौतियों की भरमार?
चित्र
अहमदाबाद: 17 किलोमीटर लंबी रथ यात्रा, एक लाख साड़ियां और...अमित शाह