गाजियाबाद देविका चैंबर युवा एडवोकेट आर एस राज ने जीएसटी से संबंधित बहुत सारी कानूनी व्यवस्थाओं .के बारे में एक संक्षिप्त वार्ता के अंतर्गत कहा कि .वर्तमान परिपेक्ष में जीएसटी को लेकर मंत्रालय .केवल .अपनी व्यवस्थाओं के द्वारा केंद्र सरकार का कलेक्शन को बढ़ाने में लगा हुआ है वित्त मंत्रालय का मुख्य उद्देश्य यही दिखाई पड़ रहा है कि वह कैसे .व्यापारियों के द्वारा अनेक माध्यमों .का प्रयोग करके अपने कलेक्शन की राशि को आगे बढ़ाएं आपने कहा कि मैं वित्त मंत्रालय से मांग करता हूं कि जीएसटी से संबंधित बुनियादी बहुत दिक्कतें हैं लेकिन प्रारंभिक चरण में मंत्रालय .जीएसटी फाइल करने में जो लेट फीस की व्यवस्था है जो पेनल्टी की व्यवस्था है और अधिक इंटरेस्ट की व्यवस्था है उन पर पुनर्विचार करें उसे समाप्त करें जिससे कि भारत देश का आम व्यापारी .खुलकर व्यापार करें और अपनी मेहनत की कमाई को वित्त मंत्रालय में इंटरेस्ट के रूप में जमा न करें एडवोकेट राज ने कहा कभी-कभी यह देखने को मिलता है कि जीएसटी का प्रिंसिपल अमाउंट यदि 10000 है तो उसे पर इंटरेस्ट की राशि तकरीबन 2 लाख भी हो जाती है .यह एक तरह से .तानाशाह प्रक्रिया है .मैं नम्रतापूर्वक वित्त मंत्रालय से मांग करता हूं कि भारत देश के व्यापारियों के हितों को ध्यान में रखते हुए इन दो महत्वपूर्ण विषयों पर अपनी राय स्पष्ट करते हुए एक सकारात्मक निर्णय ले और हमारे सम्मानित करदाता का शोषण बच सके